उदयपुर. देशभर में पिछले लंबे समय से कोरोना वायरस संक्रमण के चलते आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. लॉकडाउन और उसके बाद अनलॉक डाउन की प्रक्रिया ने देश की जनता को अपने घरों में रहने के लिए मजबूर कर दिया है. ऐसे में आम छात्र और उनके परिजन अवसाद में आ रहे थे और इसी अवसाद को दूर करने के लिए अब उदयपुर की कला आश्रम की कथक गुरु डॉ सरोज शर्मा ने एक अनूठा प्रयास शुरू किया है. शर्मा ने अब ऑनलाइन कथक क्लासेज शुरू की है, जिसमें न सिर्फ उदयपुर बल्कि देश और विदेश के भी प्रतिभागी हिस्सा लेकर ऑनलाइन कथक सीख रहे हैं.
कथक सीख रही प्रियंका बजाज बताती है कि कोरोनावायरस के बाद हम लोग अपने घरों में कैद हो गए थे. ना घर से बाहर जा पा रहे थे और ना ही घर में रहकर कुछ नया कर पा रहे थे. ऐसे में अब कथक से फिर से जीवन में कुछ नया करने का उत्साह और उमंग पैदा हो गई है. कोरोनावायरस के इस दौर में कथक क्लास डूबते को तिनके का सहारा साबित हुआ है.
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कथक सीख रही मितुला पांडे बताती है कि कथक हमारे जीवन का एक हिस्सा बन गया है और बिना कथक रहना काफी मुश्किल हो गया था. लेकिन अब फिर से कथक कर जीवन में खुशियां लौट आई है.
सुदूर अपने घर में बैठकर सीख रही रिद्या बताती है कि कोरोनावायरस संक्रमण के इस दौर में जब घर बैठे ऑनलाइन पढ़ाई की जा सकती है, तो कथक भी सीखा जा सकता है. शुरुआत में इस लेकर काफी परेशानी आ रही थी, लेकिन इससे खुशी का अहसास होता है.
कथक गुरु डॉ सरोज शर्मा का कहना है कि कोरोनावायरस संक्रमण के बढ़ते असर के चलते कथक क्लासेस बंद कर दी गई थी, लेकिन लंबे समय से अपने घरों में कैद रहने के चलते छात्र अवसाद में आने लगे थे. ऐसे में उनके परिजनों द्वारा ऑनलाइन ट्रेनिंग की अपील की गई और इसी बात को ध्यान में रखते हुए अब ऑनलाइन कथक सिखाया जा रहा है.
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शर्मा ने बताया कि कथक न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी शांति प्रदान करता है. ऐसे में अपने बच्चों को फिजिकल फिट देख उनके परिजन भी मानसिक रूप से खुश रहते हैं. इस दौरान शर्मा ने कहा कि पहले कथक सिर्फ उदयपुर और आसपास के जिलों के लोग ही सीखने आते थे, लेकिन कोरोनावायरस संक्रमण के बाद ऑनलाइन क्लास के माध्यम से न सिर्फ उदयपुर बल्कि देश और विदेश के कई छात्र अपने घर में बैठ ऑनलाइन कथक की ट्रेनिंग ले रहे हैं.