उदयपुर. जिले के गोड़वा निवासी हितेंद्र गरासिया (Hitendra Garasiya Death Case) की दिवंगत देह को रूस में कब्र से निकालकर भारत लाने की मांग को लेकर नई दिल्ली राजघाट पर परिजनों का सत्याग्रह (Hitendra Garasiya Family In Rajghat) दूसरे दिन भी जारी रहा. हितेंद्र गरासिया की दिवंगत देह को रूस से भारत लाने की मुहिम चला रहे कांग्रेस नेता चर्मेश शर्मा जहां दूसरे दिन भी आमरण अनशन पर रहे. वहीं हितेंद्र गरासिया की धर्मपत्नी आशा गरासिया, पुत्र पीयूष, बेटी पिछले 6 महीने से संघर्ष कर रहे हैं.
भारत सरकार की हाईकोर्ट में कांग्रेस नेता चर्मेश शर्मा को बयान देने से रोकने की मांग...
राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर में सुनवाई के दौरान भारत सरकार की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल आरपी रस्तोगी ने इस मामले में कांग्रेस नेता चर्मेश शर्मा को भारत सरकार और प्रधानमंत्री कार्यालय के खिलाफ बयान देने से रोकने की मांग की थी. इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि आप हितेंद्र गरासिया का शव लेकर आइये फिर कोई आलोचना ही क्यों करेगा? भारत सरकार की ओर से शर्मा के बयानों की विभिन्न समाचार पत्रों की प्रतियां हाईकोर्ट के सामने रखते हुए सरकार के विरुद्ध बयानबाजी पर रोक लगाने की मांग की गई थी.
गौरतलब है कि हितेंद्र गरासिया के मामले में 22 अक्टूबर 2021 को कांग्रेस नेता चर्मेश शर्मा की ओर से राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग नई दिल्ली में शिकायत पंजीकृत की गई थी, जिस पर 25 अक्टूबर को आयोग ने केस दर्ज करते हुए भारत सरकार के विदेश सचिव को 8 सप्ताह में प्रकरण के निस्तारण के निर्देश दिए थे। साथ ही इस बारे में परिवादी और पीड़ित परिवार को की गई कार्रवाई से अवगत करवाने के भी निर्देश दिए थे।