उदयपुर. गहलोत सरकार के तीन साल पूरे हो गए हैं. ऐसे में सरकार इन तीन साल को बेमिसाल बताने का काम कर रही है लेकिन विपक्ष में बैठी भाजपा सरकार के ऊपर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए सरकार के कामकाज को नकार रही है. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया (Katariya on Gehlot Government 3rd anniversary) ने सरकार के तीन साल को लेकर कहा कि इस सरकार को जीरो नंबर देना चाहिए.
गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि मैंने कई सरकारों और मुख्यमंत्रियों को नजदीक से देखा है. ऐसे में इससे पहले भी मैंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार को देखा है लेकिन इस बार जिस तरह से सरकार ने कामकाज किया है. ऐसे में सरकार को जीरो नंबर देना चाहिए. इसको लेकर चार कारण हैं. सरकार ने जो घोषणा की थी, उसमें वादाखिलाफी की है. इसके अलावा कर्ज माफी नहीं की. बेरोजगार को प्रलोभन दिए लेकिन उसे पूरा नहीं किया. बिजली के दाम लगातार आसमान छू रहे हैं. जिसके कारण जनता काफी परेशान है. प्रदेश की गहलोत सरकार ने अब तक तीन बजट रखे हैं. ऐसे में कटारिया ने कहा कि इन तीनों बजट में उदयपुर संभाग को ऐसी कोई 5 करोड़ की योजना इन बजट में दी हो तो जनता को बताना चाहिए.
सरकार अपने काम को बेमिसाल बता रही, ये शर्म की बात है
नेता प्रतिपक्ष ने राजस्थान में पेट्रोल-डीजल पर वैट को लेकर गहलोत सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि प्रदेश में अन्य राज्यों की तुलना में अधिक है. महिला अपराध के मामले में राजस्थान देश में शीर्ष स्तर पर है लेकिन इसके बावजूद भी अगर सरकार अपने काम को बेमिसाल बताती है तो शर्म की बात है.
कटारिया ने कहा कि गहलोत की सरकार ट्रांसफर उद्योग बन गई है.जिस तरह से अध्यापकों ने पिछले दिनों आयोजित हुए बिड़ला ऑडिटोरियम में मुख्यमंत्री को जवाब दिया ट्रांसफर की पॉलिसी पर इसके बाद भी अगर सरकार को कुछ कहना हो तो शर्म की बात है.
कटारिया ने कहा कि जिस तरह से गहलोत सरकार आरोप लगाती है. इसको लेकर मैंने इनसे सवाल पूछा था. जिसका अभी तक किसी ने जवाब नहीं दिया. हिंदुस्तान में कोरोना वैक्सीनेशन केंद्र के मोदी सरकार ने बनाया था. इसके साथ ही राज्य सरकार को जितनी वैक्सीन मिली, उसके बावजूद भी जबरदस्ती आरोप लगाते रहे. उन्होंने राज्य सरकार पर ही आरोप लगाया कि उन्हें जितनी वैक्सीन मिली थी, उसकी मात्रा में इनलोगों ने कम वैक्सीन डाले.
दवाब के कारण गहलोत को मन मारना पड़ा
बीजेपी के प्रदेश सरकार के गिरने को लेकर बयान पर उन्होंने कहा कि जिस तरह से इनके सरकार के मंत्रियों के बयान आए. इसके साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस बार अपने पांच सलाहकार बनाएं. यह सोचने वाला विषय है कि जो मुख्यमंत्री 13 साल से कार्य कर रहा है. इससे पहले भी सरकार चलाई है. ऐसे में इस बार क्या कमी पड़ गई.जिसके कारण सलाहकार की नियुक्ति होती है. इसके साथ ही जब सरकार डगमगा रही थी तो गहलोत ने अपने विधायकों के मंत्री बनाने को लेकर लालच दिया. ऐसे में मुझे नहीं लगता कि कोई स्थिर सरकार है. आखिरकार गहलोत को झकमार कर उन लोगों को फिर मंत्री बनाना पड़ा जिन्हें बर्खास्त किया गया था.
कटारिया ने कहा कि ऐसा लगता है कि गहलोत पर केंद्र का दबाव है. जिसके कारण उन्होंने अपने मन के विपरीत जाकर यह निर्णय करना पड़ा. ऐसे में फिर मैं आज कह रहा हूं. यह सरकार टिकेगी नहीं. अगर टिक भी जाती है तो सचिन पायलट को इन्हें संतुष्ट करना पड़ेगा, तभी जाकर टिकेगी. वहीं उन्होंने कहा कि सचिन पायलट ने चुनाव के समय खूब मेहनत की थी. ऐसे में उनको निकालना ठीक नहीं था.
सीएम गहलोत पर लगाया आरोप
राहुल गांधी ने काशी कॉरिडोर को लेकर प्रधानमंत्री मोदी पर सवाल खड़े किए हैं. इसको लेकर कटारिया ने कहा कि राहुल गांधी को अपनी बात पर स्वयं विचार करना चाहिए. इसके साथ वह आजकल राहुल गांधी अपने आप को हिंदू कहते हैं. इससे पहले क्या हिंदू नहीं थे. इतने वर्षों के बाद इन्हें यह कहने की जरूरत क्यों पड़ी. कटारिया बोले कि इनका हिंदू नहीं होने का तुष्टीकरण का कारण है. जिस तरह से देश का बंटवारा हुआ. ऐसे में हिंदू चाहे पाकिस्तान गया हो या भारत में रहा हो. कांग्रेस का नजरिया हिंदू को लेकर अलग है. ऐसे में मुख्यमंत्री गहलोत अपने घर पर रोजे की पार्टी तो देंगे. लेकिन हिंदू धर्म के तहत दीपावली और अन्य कार्यक्रमों का कोई आयोजन नहीं दिखाई देता. इस तरह के कदम लोगों के मन में संदेह पैदा करने का काम करते हैं.