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GST टीम की बड़ी कार्रवाई: 7.97 करोड़ की कर चोरी के मामले में मास्टरमाइंड गिरफ्तार, 2 ट्रक जब्त - आयरन स्क्रैप का व्यापार

उदयपुर में जीएसटी (GST) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए फर्जी इन्वॉयसेस के आधार पर आयरन स्क्रैप का व्यापार करके जीएसटी चोरी करने वाले मास्टरमाइंड अनिल कुमार अरोड़ा (Anil Kumar Arora) को गिरफ्तार किया है. बता दें कि टीम ने आरोपी अनिल कुमार पर 44 करोड़ के बिलों पर 7.97 करोड़ की जीएसटी चोरी पकड़ी हैं.

कर चोरी के मामले में अनिल कुमार गिरफ्तार, Anil Kumar arrested in tax evasion case
कर चोरी के मामले में अनिल कुमार गिरफ्तार
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Published : Jul 25, 2021, 10:45 AM IST

Updated : Jul 25, 2021, 11:36 AM IST

उदयपुर. जिले में रविवार को सेंट्रल जीएसटी (GST) की टीम ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है. जहां टीम ने फर्जी इन्वॉयसेस के आधार पर आयरन स्क्रैप का व्यापार करके जीएसटी चोरी करने वाले मास्टरमाइंड अनिल कुमार अरोड़ा (Anil Kumar Arora) उर्फ सेंटी को गिरफ्तार किया है. अनिल मुल रूप से पंजाब (Punjab) का रहने वाला है. अनिल फर्जी, इनवॉयसेस बनाकर आयरन स्क्रैप का परिवहन करता था.

सेंट्रल जीएसटी (Central GST) की टीम ने आरोपी अनिल कुमार पर 44 करोड़ के बिलों पर 7.97 करोड़ की जीएसटी चोरी पकड़ी हैं. जीएसटी टीम ने आयरन स्क्रैप से भरे 2 ट्रक भी पकड़े हैं. जिन पर करीब 16 लाख का टैक्स अलग से बना हैं. जीएसटी टीम के अधिकारियों की मानें तो आरोपी मार्च महीने में पंजाब के ही पवन कुमार शर्मा के पकड़े जाने के बाद से राजस्थान (Rajasthan) में इस कारोबार की कमान संभाले हुए था.

कर चोरी के मामले में अनिल कुमार गिरफ्तार

पढ़ेंः बड़ी खबर : मंत्रिमंडल विस्तार का फैसला गहलोत ने छोड़ा सोनिया गांधी पर, हो सकते हैं चौंकाने वाले निर्णय

बता दें कि इस पूरे मामले का पटाक्षेप तब हुआ, जब केंद्रीय वस्तु सेवा विभाग (Central Goods Services Department) उदयपुर के शाखा को मुखबिर से गुप्त सूचना मिली कि उदयपुर में एक गिरोह मार्च 2021 से ही बिना ईवे- बिल और फर्जी बिल टीमों के आधार पर आयरन स्केप का कारोबार संचालित हो रहा है, जो लोकल कबाड़ी से नगद में खरीद कर पंजाब भेजा जा रहा है. जिसे लेकर अट्ठारह जुलाई को नाकेबंदी के दौरान मादड़ी इंडस्ट्रियल एरिया उदयपुर दो ट्रकों को रुकवा कर जांच की गई.

जांच के दौरान अधिकारियों की ओर से पाया गया कि दोनों ट्रकों में माल आयरन स्क्रैप बिना ईवे बिल एवं अंडरराइटिंग के अंडरवैल्यू के मंडी गोविंदगढ़, पंजाब भेजा जा रहा था. जांच के दौरान पाया गया कि यह माल अनिल कुमार अरोड़ा और उसके पुत्र रितिक के कहने पर उन्होंने उदयपुर के स्केप डीलरों के गोदाम से भरा है. जिसे पंजाब स्थित मंडी गोविंदगढ़ ले जाया जाना है.

जबकि जीएसटी की टीम ने इस पूरे मामले की गंभीर जांच की तो सामने आया, कि अनिल कुमार अरोड़ा इस गिरोह को राजस्थान में मास्टरमाइंड है. जिसकी ओर से बिना बिल एवं ईवे बिल की आयरन स्केप की खरीद बेचान की जा रही है. इस हेतु उनके ओर से उदयपुर और नागौर में फर्जी कंपनी बनाई गई.

ऐसे में विभाग की ओर से अनिल अरोड़ा पर पैनी नजर रखी गई. जैसे ही उदयपुर पहुंचा उसके स्थानीय निवास की सर्च की गई. वहां से बरामद दस्तावेजों और लैपटॉप मोबाइल फोन से पुख्ता सबूत मिले. उसकी ओर से ही राजस्थान में यह गिरोह संचालित किया जा रहा है और बड़ी मात्रा में बिना ईवे बिल एवं फर्जी कंपनियों की इईनवाईसेस के माध्यम से आयरन स्केप को पंजाब भेजा जा रहा है.

पढ़ेंः Tokyo Olympics 2020, day 3: महिला सिंग्लस ग्रुप स्टेज में पीवी सिंधु ने की पहली बाधा पार

इस गिरोह की ओर से जीएसटी चोरी को लेकर अलग-अलग तरीकों के माध्यम से काम किया जाता था. जिसकी ओर से अन्य व्यक्तियों के नाम पर फार्म खोली जाती थी. जिससे कि माल का बिल जारी किया जाता था. वहीं नकली ट्रांसपोर्ट कंपनी की ओर से बिल्टी जारी कर माल को पंजाब बेचा जाता था.

ईवे बिल और माल के पहुंच जाने के पश्चात बिल को नष्ट कर दिया जाता था. उन्हें जीएसटी रिटर्न में भी नहीं दिखाया जाता था. ऐसे में सेंट्रल जीएसटी उदयपुर की एंटी एवेजन ब्रांच की ओर से 44 करोड़ मूल्य के बिलो की ओर से 7.97 करोड़ रुपए की कर चोरी पकड़ी गई. गिरोह का पर्दाफाश कर मुख्य आरोपी अनिल कुमार अरोड़ा निवासी मंडी गोविंदगढ़ को भी गिरफ्तार कर लिया.जिसे आज आर्थिक अपराध न्यायालय जोधपुर में पेश किया जाएगा फिलहाल टीम इस पूरे मामले की अलग-अलग बिंदुओं के आधार पर जांच करने में जुटी हुई है.

उदयपुर. जिले में रविवार को सेंट्रल जीएसटी (GST) की टीम ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है. जहां टीम ने फर्जी इन्वॉयसेस के आधार पर आयरन स्क्रैप का व्यापार करके जीएसटी चोरी करने वाले मास्टरमाइंड अनिल कुमार अरोड़ा (Anil Kumar Arora) उर्फ सेंटी को गिरफ्तार किया है. अनिल मुल रूप से पंजाब (Punjab) का रहने वाला है. अनिल फर्जी, इनवॉयसेस बनाकर आयरन स्क्रैप का परिवहन करता था.

सेंट्रल जीएसटी (Central GST) की टीम ने आरोपी अनिल कुमार पर 44 करोड़ के बिलों पर 7.97 करोड़ की जीएसटी चोरी पकड़ी हैं. जीएसटी टीम ने आयरन स्क्रैप से भरे 2 ट्रक भी पकड़े हैं. जिन पर करीब 16 लाख का टैक्स अलग से बना हैं. जीएसटी टीम के अधिकारियों की मानें तो आरोपी मार्च महीने में पंजाब के ही पवन कुमार शर्मा के पकड़े जाने के बाद से राजस्थान (Rajasthan) में इस कारोबार की कमान संभाले हुए था.

कर चोरी के मामले में अनिल कुमार गिरफ्तार

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बता दें कि इस पूरे मामले का पटाक्षेप तब हुआ, जब केंद्रीय वस्तु सेवा विभाग (Central Goods Services Department) उदयपुर के शाखा को मुखबिर से गुप्त सूचना मिली कि उदयपुर में एक गिरोह मार्च 2021 से ही बिना ईवे- बिल और फर्जी बिल टीमों के आधार पर आयरन स्केप का कारोबार संचालित हो रहा है, जो लोकल कबाड़ी से नगद में खरीद कर पंजाब भेजा जा रहा है. जिसे लेकर अट्ठारह जुलाई को नाकेबंदी के दौरान मादड़ी इंडस्ट्रियल एरिया उदयपुर दो ट्रकों को रुकवा कर जांच की गई.

जांच के दौरान अधिकारियों की ओर से पाया गया कि दोनों ट्रकों में माल आयरन स्क्रैप बिना ईवे बिल एवं अंडरराइटिंग के अंडरवैल्यू के मंडी गोविंदगढ़, पंजाब भेजा जा रहा था. जांच के दौरान पाया गया कि यह माल अनिल कुमार अरोड़ा और उसके पुत्र रितिक के कहने पर उन्होंने उदयपुर के स्केप डीलरों के गोदाम से भरा है. जिसे पंजाब स्थित मंडी गोविंदगढ़ ले जाया जाना है.

जबकि जीएसटी की टीम ने इस पूरे मामले की गंभीर जांच की तो सामने आया, कि अनिल कुमार अरोड़ा इस गिरोह को राजस्थान में मास्टरमाइंड है. जिसकी ओर से बिना बिल एवं ईवे बिल की आयरन स्केप की खरीद बेचान की जा रही है. इस हेतु उनके ओर से उदयपुर और नागौर में फर्जी कंपनी बनाई गई.

ऐसे में विभाग की ओर से अनिल अरोड़ा पर पैनी नजर रखी गई. जैसे ही उदयपुर पहुंचा उसके स्थानीय निवास की सर्च की गई. वहां से बरामद दस्तावेजों और लैपटॉप मोबाइल फोन से पुख्ता सबूत मिले. उसकी ओर से ही राजस्थान में यह गिरोह संचालित किया जा रहा है और बड़ी मात्रा में बिना ईवे बिल एवं फर्जी कंपनियों की इईनवाईसेस के माध्यम से आयरन स्केप को पंजाब भेजा जा रहा है.

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इस गिरोह की ओर से जीएसटी चोरी को लेकर अलग-अलग तरीकों के माध्यम से काम किया जाता था. जिसकी ओर से अन्य व्यक्तियों के नाम पर फार्म खोली जाती थी. जिससे कि माल का बिल जारी किया जाता था. वहीं नकली ट्रांसपोर्ट कंपनी की ओर से बिल्टी जारी कर माल को पंजाब बेचा जाता था.

ईवे बिल और माल के पहुंच जाने के पश्चात बिल को नष्ट कर दिया जाता था. उन्हें जीएसटी रिटर्न में भी नहीं दिखाया जाता था. ऐसे में सेंट्रल जीएसटी उदयपुर की एंटी एवेजन ब्रांच की ओर से 44 करोड़ मूल्य के बिलो की ओर से 7.97 करोड़ रुपए की कर चोरी पकड़ी गई. गिरोह का पर्दाफाश कर मुख्य आरोपी अनिल कुमार अरोड़ा निवासी मंडी गोविंदगढ़ को भी गिरफ्तार कर लिया.जिसे आज आर्थिक अपराध न्यायालय जोधपुर में पेश किया जाएगा फिलहाल टीम इस पूरे मामले की अलग-अलग बिंदुओं के आधार पर जांच करने में जुटी हुई है.

Last Updated : Jul 25, 2021, 11:36 AM IST
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