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उदयपुर में उपखण्ड व ग्राम पंचायत स्तर पर कोर ग्रुप का गठन, कोरोना बचाव व राहत कार्यों में विभागों के बीच बेहतर होगा समन्वय

उदयपुर में कोरोना बचाव व राहत कार्यों में विभागों में समन्वय स्थापित करने के लिए उपखण्ड स्तर व ग्राम पंचायत स्तर पर कोर ग्रुप का गठन किया गया है. राज्य सरकार के निर्देशानुसार उपखण्ड स्तर पर इन्सीडेंट कमांडर को इस कोर ग्रुप का अध्यक्ष बनाया गया है, जबकि ग्राम पंचायत स्तर पर पंचायत प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी की अध्यक्षता में कोर ग्रुप का गठन किया गया है.

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उदयपुर में उपखण्ड व ग्राम पंचायत स्तर पर कोर ग्रुप का गठन, कोरोना बचाव व राहत कार्यों में विभागों के बीच बेहतर होगा समन्वय
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Published : Apr 26, 2021, 12:39 AM IST

उदयपुर. जिले में कोरोना बचाव व राहत कार्यों में विभागों में समन्वय स्थापित करने के लिए उपखण्ड स्तर व ग्राम पंचायत स्तर पर कोर ग्रुप का गठन किया गया है. राज्य सरकार के निर्देशानुसार उपखण्ड स्तर पर इन्सीडेंट कमांडर को इस कोर ग्रुप का अध्यक्ष बनाया गया है, जबकि ग्राम पंचायत स्तर पर पंचायत प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी की अध्यक्षता में कोर ग्रुप का गठन किया गया है. ये कोर ग्रुप उपखण्ड व ग्राम पंचायत स्तर पर एसडीएम या इन्सीडेंट कमांडर को सौंपे गए दायित्वों के निर्वहन के लिए सहयोग करेगा.

पढ़ें: Rajasthan Corona Update : राजस्थान में कोरोना के 15809 नए मामले, कुल आंकड़ा पहुंचा 514437

कोर ग्रुप को सौंपी जिम्मेदारियां

जिला कलेक्टर चेतन देवड़ा ने सभी एसडीएम को कोर ग्रुप के माध्यम से राज्य सरकार के निर्देशानुसार सक्रियता के साथ समन्वय स्थापित कर कोरोना बचाव व राहत कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं. उपखण्ड व ग्राम पंचायत स्तरीय कोर ग्रुप सोशल डिस्टेंसिंग, संसाधनों की उपलब्धता, खाद्य व राहत सामग्री का वितरण, क्वॉरेंटाइन सेंटर का प्रबंधन, कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग, कोरोना से बचाव के प्रचार-प्रसार, बाहर से आए लोगों की सूचना का संकलन जैसे कार्य करेगा.

उपखण्ड स्तर पर बनेगा कंट्रोल रूम

उपखण्ड स्तर पर कोर ग्रुप में एसडीएम की अध्यक्षता में पुलिस उप अधीक्षक, मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, अधिशाषी अभियंता पीडब्ल्यूडी, बीसीएमओ, सहायक कृषि अधिकारी, बाल विकास परियोजना अधिकारी, नगरपालिका ईओ, कृषि मंडी सचिव को सदस्य बनाया गया है, जबकि पंचायत समिति विकास अधिकारी को संयोजक व तहसीलदार को सह-संयोजक बनाया गया है. इससे उपखण्ड स्तर पर कोरोना बचाव व राहत कार्यों में विभिन्न विभागों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित हो सकेगा.

इस कोर ग्रुप द्वारा तहसील कार्यालय, उपखण्ड कार्यालय या पंचायत समिति कार्यालय में उपखण्ड स्तरीय कंट्रोल रूम स्थापित किया जाएगा. यह कंट्रोल रूम 24 घंटे, सातों दिन कार्य करेगा. इस कंट्रोल रूम में अराजपत्रित कर्मचारियों की अलग-अलग पारियों में ड्यूटी लगाई गई है. पंचायत प्रारम्भिक अधिकारी की अध्यक्षता में ग्राम पंचायत स्तर पर कोर ग्रुप बनाया गया है. इसमें ग्राम विकास अधिकारी, पटवारी, एएनएम, कृषि पर्यवेक्षक और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शामिल होंगे. ग्राम पंचायत स्तरीय कोर ग्रुप द्वारा ग्राम पंचायत कार्यालय या राजीव गांधी सेवा केन्द्र में कंट्रोल रूम की स्थापना की जाएगी. कोरोना बचाव व राहत कार्य के लिए विभिन्न कर्मचारियों को ग्राम पंचायत वार जिम्मेदारी सौंपी गई है.

उदयपुर. जिले में कोरोना बचाव व राहत कार्यों में विभागों में समन्वय स्थापित करने के लिए उपखण्ड स्तर व ग्राम पंचायत स्तर पर कोर ग्रुप का गठन किया गया है. राज्य सरकार के निर्देशानुसार उपखण्ड स्तर पर इन्सीडेंट कमांडर को इस कोर ग्रुप का अध्यक्ष बनाया गया है, जबकि ग्राम पंचायत स्तर पर पंचायत प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी की अध्यक्षता में कोर ग्रुप का गठन किया गया है. ये कोर ग्रुप उपखण्ड व ग्राम पंचायत स्तर पर एसडीएम या इन्सीडेंट कमांडर को सौंपे गए दायित्वों के निर्वहन के लिए सहयोग करेगा.

पढ़ें: Rajasthan Corona Update : राजस्थान में कोरोना के 15809 नए मामले, कुल आंकड़ा पहुंचा 514437

कोर ग्रुप को सौंपी जिम्मेदारियां

जिला कलेक्टर चेतन देवड़ा ने सभी एसडीएम को कोर ग्रुप के माध्यम से राज्य सरकार के निर्देशानुसार सक्रियता के साथ समन्वय स्थापित कर कोरोना बचाव व राहत कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं. उपखण्ड व ग्राम पंचायत स्तरीय कोर ग्रुप सोशल डिस्टेंसिंग, संसाधनों की उपलब्धता, खाद्य व राहत सामग्री का वितरण, क्वॉरेंटाइन सेंटर का प्रबंधन, कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग, कोरोना से बचाव के प्रचार-प्रसार, बाहर से आए लोगों की सूचना का संकलन जैसे कार्य करेगा.

उपखण्ड स्तर पर बनेगा कंट्रोल रूम

उपखण्ड स्तर पर कोर ग्रुप में एसडीएम की अध्यक्षता में पुलिस उप अधीक्षक, मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, अधिशाषी अभियंता पीडब्ल्यूडी, बीसीएमओ, सहायक कृषि अधिकारी, बाल विकास परियोजना अधिकारी, नगरपालिका ईओ, कृषि मंडी सचिव को सदस्य बनाया गया है, जबकि पंचायत समिति विकास अधिकारी को संयोजक व तहसीलदार को सह-संयोजक बनाया गया है. इससे उपखण्ड स्तर पर कोरोना बचाव व राहत कार्यों में विभिन्न विभागों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित हो सकेगा.

इस कोर ग्रुप द्वारा तहसील कार्यालय, उपखण्ड कार्यालय या पंचायत समिति कार्यालय में उपखण्ड स्तरीय कंट्रोल रूम स्थापित किया जाएगा. यह कंट्रोल रूम 24 घंटे, सातों दिन कार्य करेगा. इस कंट्रोल रूम में अराजपत्रित कर्मचारियों की अलग-अलग पारियों में ड्यूटी लगाई गई है. पंचायत प्रारम्भिक अधिकारी की अध्यक्षता में ग्राम पंचायत स्तर पर कोर ग्रुप बनाया गया है. इसमें ग्राम विकास अधिकारी, पटवारी, एएनएम, कृषि पर्यवेक्षक और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शामिल होंगे. ग्राम पंचायत स्तरीय कोर ग्रुप द्वारा ग्राम पंचायत कार्यालय या राजीव गांधी सेवा केन्द्र में कंट्रोल रूम की स्थापना की जाएगी. कोरोना बचाव व राहत कार्य के लिए विभिन्न कर्मचारियों को ग्राम पंचायत वार जिम्मेदारी सौंपी गई है.

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