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हरा-भरा राजस्थान : वन संरक्षण में राजस्थान में उदयपुर अव्वल, बीते सालों में बढ़ा पौधारोपण का आंकड़ा - वन विभाग

राजस्थान को अब रेगिस्तान नहीं बल्कि हरा-भरा राजस्थान के नाम से देश में पहचान मिल रही है. प्रदेश में वन विभाग की पहल और प्रयासों का नतीजा है कि यहां अब रेगिस्तान के विस्तार पर पूरी तरह रोक लग गई है. प्रदेश में वन विभाग द्वारा लगातार पौधारोपण होने से वन क्षेत्र में इजाफा हो रहा है. साथ ही रेगिस्तान हरा-भरा हो रहा है.

वन संरक्षण में राजस्थान में उदयपुर नंबर वन
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Published : Jun 30, 2019, 3:03 PM IST

उदयपुर. देश विदेश में अब तक राजस्थान की पहचान रेतीले धोरों वाले प्रदेश के रूप में होती थी. लेकिन अब राजस्थान रेगिस्तान नहीं रहा है. यह दावा किया है उदयपुर के मुख्य वन संरक्षक रामकरण खैरवा का. खैरवा ने बताया कि वन विभाग के प्रयासों और आम जन की पहल के कारण अब यहां रेगिस्तान के विस्तार पर पूरी तरह रोक लग गई है. साथ ही अब रेतीले धोरे भी हरे भरे नजर आन लगे हैं.

हरा-भरा राजस्थान : वन संरक्षण में राजस्थान में उदयपुर नंबर वन, बीते सालों में बढ़ा पौधारोपण का आंकड़ा

मुख्य वन संरक्षक अधिकारी ने बताया कि राजस्थान को दो हिस्सों में बांटा गया है एक पूर्वी राजस्थान, जहां अरावली पर्वतमाला है. इस क्षेत्र में रेगिस्तान नहीं है बल्कि यह हरे-भरा राजस्थान है. वहीं दूसरी हिस्सा पश्चिमी राजस्थान है. यहां पहले रेगिस्तान था. लेकिन लंबे समय से वन विभाग की कड़ी मेहनत के बाद यहां रेगिस्तान विस्तार रुक चुका है और हरियाली दिखना शुरू हो गया है. खैरवा ने बताया कि वन विभाग के प्रयासों से उदयपुर जिला राजस्थान में ग्रीन कवर गुणवत्ता में सर्वश्रेष्ठ स्थान पर है. जिले में घने वन है और लगातार वृक्षारोपण कर इन्हें मेंटेन रखा जा रहा है.

खैरवा ने बताया कि वृक्षारोपण के कई फायदे हैं. पेड़-पौधे होने से क्षेत्र में बारिश में इजाफा होगा. वैज्ञानिक शोध से भी इसकी प्रमाणिकता मिलती है. पेड़ पौधों को पानी देने के सवाल पर मुख्य वन संरक्षक ने बताया कि राजस्थान को मुख्यतः दो हिस्सों में बांटा गया है जिसमें से रेगिस्तान इलाके में साल भर पेड़ पौधों को पानी दिया जाता है. जबकि पूर्वी राजस्थान में बारिश का पानी संचित कर पौधों को दिया जा रहा है. आपको बता दें कि बीते कुछ सालों में पूरे देश में पौधारोपण अभियान चल रहा है. जिसके चलते प्रदेश में भी वन क्षेत्र में विस्तार हो रहा है.

उदयपुर. देश विदेश में अब तक राजस्थान की पहचान रेतीले धोरों वाले प्रदेश के रूप में होती थी. लेकिन अब राजस्थान रेगिस्तान नहीं रहा है. यह दावा किया है उदयपुर के मुख्य वन संरक्षक रामकरण खैरवा का. खैरवा ने बताया कि वन विभाग के प्रयासों और आम जन की पहल के कारण अब यहां रेगिस्तान के विस्तार पर पूरी तरह रोक लग गई है. साथ ही अब रेतीले धोरे भी हरे भरे नजर आन लगे हैं.

हरा-भरा राजस्थान : वन संरक्षण में राजस्थान में उदयपुर नंबर वन, बीते सालों में बढ़ा पौधारोपण का आंकड़ा

मुख्य वन संरक्षक अधिकारी ने बताया कि राजस्थान को दो हिस्सों में बांटा गया है एक पूर्वी राजस्थान, जहां अरावली पर्वतमाला है. इस क्षेत्र में रेगिस्तान नहीं है बल्कि यह हरे-भरा राजस्थान है. वहीं दूसरी हिस्सा पश्चिमी राजस्थान है. यहां पहले रेगिस्तान था. लेकिन लंबे समय से वन विभाग की कड़ी मेहनत के बाद यहां रेगिस्तान विस्तार रुक चुका है और हरियाली दिखना शुरू हो गया है. खैरवा ने बताया कि वन विभाग के प्रयासों से उदयपुर जिला राजस्थान में ग्रीन कवर गुणवत्ता में सर्वश्रेष्ठ स्थान पर है. जिले में घने वन है और लगातार वृक्षारोपण कर इन्हें मेंटेन रखा जा रहा है.

खैरवा ने बताया कि वृक्षारोपण के कई फायदे हैं. पेड़-पौधे होने से क्षेत्र में बारिश में इजाफा होगा. वैज्ञानिक शोध से भी इसकी प्रमाणिकता मिलती है. पेड़ पौधों को पानी देने के सवाल पर मुख्य वन संरक्षक ने बताया कि राजस्थान को मुख्यतः दो हिस्सों में बांटा गया है जिसमें से रेगिस्तान इलाके में साल भर पेड़ पौधों को पानी दिया जाता है. जबकि पूर्वी राजस्थान में बारिश का पानी संचित कर पौधों को दिया जा रहा है. आपको बता दें कि बीते कुछ सालों में पूरे देश में पौधारोपण अभियान चल रहा है. जिसके चलते प्रदेश में भी वन क्षेत्र में विस्तार हो रहा है.

Intro:राजस्थान का रेगिस्तान नहीं बल्कि हरा-भरा राजस्थान के नाम से देश में पहचान मिल रही है यह कहना है उदयपुर के मुख्य वन संरक्षक रामकरण खेरवा का खेरवा ने बताया कि राजस्थान के रेगिस्तान में वन विभाग की पहल का ही नतीजा है कि वहां पर रेगिस्तान के विस्तार पर जहां पूरी तरह रोक लग गई है तो वही पौधरोपण वृक्षारोपण ने राजस्थान के जंगलों को और हरा-भरा कर दिया है पेश है एक रिपोर्ट


Body:राजस्थान अब रेगिस्तान नहीं रहा है यह दावा किया है उदयपुर के मुख्य वन संरक्षक रामकरण खेरवा ने उदयपुर के मुख्य वन संरक्षक का कहना है कि राजस्थान को दो हिस्सों में बांटा गया है एक पूर्वी राजस्थान जहां अरावली पर्वतमाला है क्षेत्र में रेगिस्तान नहीं है बल्कि यह हरे-भरे राजस्थान का क्षेत्र है वही अगर बात की जाए पश्चिमी राजस्थान की तो यह है क्षेत्र पूर्व में रेगिस्तान था लेकिन लंबे समय से वन विभाग की कड़ी मेहनत के बाद अब यहां रेगिस्तान का विस्तार रुक चुका है और हरियाली दिखना शुरू हो गया है
उदयपुर के मुख्य वन संरक्षक खेरवा ने बताया कि उदयपुर जिले में वन विभाग की मेहनत का ही नतीजा है कि राजस्थान में उदयपुर ग्रीन कवर गुणवत्ता में सर्वश्रेष्ठ स्थान पर है उदयपुर जिले में घने वन है और लगातार वृक्षारोपण कर इन्हें मेंटेन रखा जा रहा है
वहीं खैरवा ने बताया कि वृक्षारोपण के कई फायदे हैं पेड़ पौधे बारिश को अपनी और आकर्षित करते हैं और वैज्ञानिक शोध से भी इसकी प्रमाणिकता मिलती है वहीं पेड़ पौधों को पानी देने के सवाल के जवाब में मुख्य वन संरक्षक ने बताया कि राजस्थान को मुख्यतः दो हिस्सों में बांटा गया है जिसमें से रेगिस्तान इलाके में साल भर पेड़ पौधों को पानी दिया जाता है जबकि पूर्वी राजस्थान वहां पहली बारिश के बाद बारिश के पानी में संचित कर पौधों को दिया जा रहा है


Conclusion:आपको बता दें कि बीते कुछ समय में जहां पूरे देश में वृक्षारोपण अभियान के रूप में शुरू किया गया है तो वहीं राजस्थान में लंबे समय से पौधरोपण करते रोपण किया जा रहा है जिसके चलते राजस्थान के वन क्षेत्र में विस्तार हो रहा है
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