उदयपुर. नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी उदयपुर के प्रवास पर हैं. इस दौरान उन्होंने सोमवार को बाल संरक्षण विषय पर चर्चा की, यूनिसेफ (UNICEF) की बाल संरक्षण सलाहकार सिन्धु बिनुजीत (UNICEF child protection advisor Sindhu Binujit) ने उदयपुर संभाग और जिले में बाल संरक्षण से संबंधित मुख्य समस्याओं और प्रशासन-पुलिस के साथ यूनिसेफ की ओर से किए जा रहे प्रयासों के बारे में जानकारी दी.
बिनुजीत ने बताया कि संभाग के राज्य की सीमा पर स्थित जिलों में और ग्रामीण क्षेत्रों से बालकों के पलायन और श्रम में नियुक्त करने के मामले सामने आते हैं. जिनकों रोकने के साथ ही बच्चों के बेहतर पुनर्वास और कौशल शिक्षा से जोड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने जिला प्रशासन और पुलिस के साथ यूनिसेफ राजस्थान कि ओर से किए जा रहे नवाचारों के बारे में जानकारी दी. वर्तमान में बाल संरक्षण और सामुदयिक पुलिस के लिए पुलिस महानिरीक्षक के निर्देशन में कम्युनिटी पुलिसिंग टू बिल्ड अवेयरनेस एंड ट्रस्ट कार्यक्रम (Community Policing to Build Awareness and Trust Program) का संचालन किया जा रहा है. जबकि इससे पूर्व डूंगरपुर जिले में विशेष अभियानों-जैसे नन्हे हाथ कलम के साथ, बाल मित्र पुलिस परियोजना, विद्यालय सुरक्षा जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से बीट और स्कूल स्तर पर बालकों की सुरक्षा के लिए प्रयास किए जाते रहे हैं.
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उन्होंने उदयपुर पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में समय-समय पर किए जा रहे विशेष प्रयासों के बारे में जानकारी देते हुए कोटड़ा, झाड़ोल क्षेत्र में मानव तस्करी टीम कि ओर से पंचायत स्तर पर किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी. कैलाश सत्यार्थी ने उदयपुर जिले में बालकों के संरक्षण और विकास के लिए पुलिस-प्रशासन कि ओर से किए जा रहे प्रयासों की तारीफ की और इस दिशा में सतत प्रयासरत रहकर कार्य करने का सुझाव दिया.