उदयपुर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 90वें मन की बात में राजस्थान के उदयपुर की सुल्तान बावड़ी का जिक्र (Udaipur in Mann ki Baat) किया था. मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात में झीलों की नगरी के युवाओं की तारीफ की थी. लेकिन अब सुल्तान की बावड़ी को लेकर सवाल उठने लगे हैं. इसको लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सीडब्ल्यूसी सदस्य रघुवीर मीणा ने ट्वीट कर पीएम मोदी पर निशाना साधा है.
रघुवीर मीणा ने ट्वीट कर कहा कि आज पीएम मोदी द्वारा मन की बात में उदयपुर का जिक्र करते हुए विचार व्यक्त किए उसे सुन आश्चर्यचकित हूं. बेदला उदयपुर में सुल्तान बावड़ी की सफाई की शुरुआत सीए ने नहीं आर्किटेक्ट सुनील लड्ढा और उनके आर्किटेक्ट साथियों ने की थी. उन्होंने कहा कि सब जानते हैं कि 2017 में सीए कार्य से जुड़े लोगों के बारे में पीएम मोदी ने क्या आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, उसे ठीक करने के लिए 1 जुलाई सीए दिवस से जोड़कर मैसेज देने की कोशिश की है जबकि ये कार्य सीए नहीं आर्किटेक्टस की पहल है. ऐसा वक्तव्य हास्यास्पद है, ये पीएमओ की बड़ी गलती है.
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(2/2)सब जानते है की 2017 में सीए कार्य से जुड़े लोगों के बारे में मोदी जी ने क्या आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, उसे ठीक करने के लिये 1 जुलाई सीए दिवस से जोड़कर मेसेज देने की कोशिश की है जबकि ये कार्य सीए नहीं आर्किटेक्टस की पहल है । ऐसा वक्तव्य हास्यास्पद है, ये पीएमओ की बड़ी गलती है।
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— Raghuveer Singh Meena (@RaghuveerMeena_) June 26, 2022
पीएम मोदी ने की थी तारीफ- पीएम मोदी ने अपने संबोधन में सुल्तान बावड़ी के इतिहास को थोड़ा कुरेदा और कहा कि उदयपुर की सैंकड़ों साल पुरानी एक वावड़ी है, सुल्तान की बावड़ी. इसे राव सुल्तान सिंह ने बनवाया था, लेकिन उपेक्षा के कारण धीरे- धीरे यह जगह वीरान होती गई और फिर कूड़े - कचरे के ढेर में तब्दील हो गई. एक दिन कुछ युवा इस सुल्तान की बावड़ी पर पहुंचे और इसकी स्थिति देखकर दुखी हुए.इसके बाद उन्होंने उसी क्षण इस बावड़ी की तकदीर और तस्वीर बदलने का संकल्प लिया. इसके बाद एक मिशन के तहत इस काम को पूरा किया है.
पीएम ने सुल्तान से सुरताल अभियान के खूबसूरत ट्रांजिशन का जिक्र किया. कहा- सुल्तान बावड़ी का कायाकल्प करने का मिशन का नाम जिन युवाओं ने शुरू किया, वो चार्टर्ड अकाउंटेंट है. उन्होंने सुल्तान बावड़ी की सफाई के मिशन का नाम 'सुल्तान से सुरताल तक' दिया. युवाओं ने कड़े परिश्रम और मेहनत के साथ न सिर्फ बावड़ियों की कायाकल्प की बल्कि इसे, संगीत के सुर और ताल से भी जोड़ दिया है. ऐसे में आज उसकी स्थिति पहले की तुलना में काफी बेहतर नजर आती है. प्रधानमंत्री ने कहा कि इस सफल प्रयास की सबसे खास बात यह है कि इसकी चर्चा हर तरफ है. इसे विदेश से भी लोग देखने के लिए आने लगे हैं.
बावड़ी का इतिहास: उदयपुर के बैदला गांव में बरसों पुरानी एक बावड़ी है. जिसका निर्माण बैदला कि राव सुल्तान सिंह ने करवाया था.उसके बाद इसे सुल्तान बावड़ी के नाम से जाना जाने लगा.पुराने जमाने में इस बावड़ी का भरपूर उपयोग आस पास के गांव वाले करते थे. कहा जाता है कि तब इसकी सफाई भी ठीक ठाक होती थी, लेकिन जैसे ही बावड़ियों पर निर्भरता घटती गई इसके रख रखाव में भी कमी आ गई. धीरे धीरे ये गंददगी के अम्बार में तब्दील हो गए.