उदयपुर. फर्जी अंकतालिका के मामले में उदयपुर के सलूंबर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक अमृतलाल मीणा शुक्रवार को जेल से जमानत पर रिहा हो गए हैं. राजस्थान हाईकोर्ट के बाद सलूंबर कोर्ट ने रिहाई के आदेश जारी किए हैं. विधायक अमृतलाल मीणा के सलूंबर जेल से बाहर आने की सूचना मिलने के साथ ही काफी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता पहुंचे और ढोल-नगाड़े के साथ फूल-मालाओं से उनका स्वागत किया. करीब 12 दिन न्यायिक अभिरक्षा में रहने के बाद विधायक मीणा रिहा हो गए हैं.
गुरुवार को जहां हाईकोर्ट ने विधायक की रिहाई के जमानत आदेश जारी किए थे. भाजपा विधायक अमृतलाल मीणा ने 12 जुलाई को सराड़ा कोर्ट में सरेंडर किया था. इस दौरान मीणा की जमानत पर सुनवाई करते हुए सराड़ा कोर्ट ने उन्हें जमानत देने से इंकार कर दिया था. जमानत याचिका खारिज होने के बाद से विधायक मीणा सलूम्बर जेल में बंद थे. बताया जा रहा है कि इस दौरान सराड़ा कोर्ट और सलूम्बर एडीजे कोर्ट ने जमानत याचिका रद्द कर दी. जानकारी के अनुसार 2015 में राजस्थान में हुए पंचायत चुनाव में यह मामला चर्चा का विषय बना था.
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विधायक अमृतलाल मीणा ने अपनी पत्नी शांता देवी को सरपंच का चुनाव लड़ाया था. इस चुनाव में शांता देवी ने जीत हासिल की थी. लेकिन जीत के बाद सरपंच शांता देवी पर फर्जी मार्कशीट लगाकर चुनाव लड़ने का आरोप लगा. हारने वाली उम्मीदवार सुगना देवी ने शांता देवी की पांचवीं की मार्कशीट फर्जी होने की शिकायत दर्ज कराई थी.
इसके बाद सीआरपीसी की धारा के तहत सेमारी थाना में शांता देवी और अमृत लाल मीण के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. शिकायत दर्ज होने के बाद CID-CB ने मामले की जांच की. यह मामला सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) तक पहुंच गया. सुप्रीम कोर्ट ने विधायक को तीन सप्ताह के अंदर स्थानीय कोर्ट में सरेंडर करने के आदेश दिए थे. वहीं, हाईकोर्ट से विधायक को जमानत मिलने के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर है.