उदयपुर: प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर के कमजोर पड़ने के साथ ही अब पर्यटन उद्योग फिर से गुलजार होने लगा है. देश दुनिया में अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर लेक सिटी उदयपुर में भारी संख्या में पर्यटकों का पगफेरा चेहरों पर रौनक बिखेर रहा है. आंकड़े बताते हैं कि जुलाई की तुलना में इस बार अगस्त में 48 फ़ीसदी से ज्यादा सैलानी यहां पहुंचे.
ये तो बूस्टर डोज है !
जुलाई में लेक सिटी उदयपुर घूमने आए पर्यटकों की संख्या 57,595 थी. अगस्त में तादाद दोगुनी बढ़ी और 100580 पर पहुंची. ये संख्या देसी विदेशी सैलानियों को मिलाकर है. कुल मिलाकर ये दोगुनी तादाद झीलों की नगरी के लिए बूस्टर डोज ही साबित हुई. सैलानियों की एंट्री से पर्यटन से जुड़े कई छोटे उद्यमियों को नया जीवन मिला.
आंकड़ों की जुबानी, टूरिस्ट्स की कहानी
पर्यटन विभाग के आंकड़ें बताते और जताते हैं कि कैसे कोरोना की कमजोरी लोगों के आत्मविश्वास को बढ़ा रही है. उनको भरोसा हो चला है कि जरूरी नियमों का पालन कर वो जिन्दगी को जी सकते हैं. विभाग के आंकड़ों के अनुसार अगस्त में 1 लाख 580 टूरिस्ट देसी जबकि 273 विदेशी टूरिस्ट उदयपुर पहुंचे. जुलाई के महीने में यह आंकड़ा 57,595 तक ही पहुंचा था. लेकिन अगस्त में 48 फ़ीसदी बढ़ोतरी ने सबको मुस्कुराने का सुअवसर प्रदान कर दिया. देसी सैलानियों की बात करें तो ज्यादातर मध्य प्रदेश,गुजरात और महाराष्ट्र के सैलानी उदयपुर को देखने पहुंच रहे हैं.
2021 के आंकड़ों पर एक नजर
मास | देसी पर्यटक | विदेशी पर्यटक |
जनवरी | 85495 | 258 |
फरवरी | 75890 | 3041 |
मार्च | 50687 | 449 |
अप्रैल | 35608 | 163 |
मई | 00 (कोरोना का पीक) | 22 |
जून | 10,490 | 46 |
जुलाई में कोरोना की लहर कमजोर पड़ने के साथ ही पर्यटक संख्या में भी इजाफा देखने को मिला जो 57595 तक पहुंच गई थी. तो अगस्त के आंकड़ों ने टूरिज्म के सूखे को ही मिटा दिया.
बड़ी तादाद से उम्मीदें हजार
तादाद में इजाफे से विभाग भी काफी खुश है. उम्मीदें बढ़ गई हैं. भरोसा पूरा है कि इन आंकड़ों में अब उछाल ही देखने को मिलेगा. ये बढ़ता ग्राफ पर्यटन क्षेत्र से जुड़े अन्य उद्योगों के लिए भी संजीवनी साबित होगा. लाभ सबको मिलेगा. इनमें होटल इंडस्ट्री से जुड़े कारोबार भी शामिल है. जब चौतरफा नजर दौड़ा रहे हैं तो दिख रहा है कि लेकसिटी का पुराना दौर लौट रहा है.
इसकी वजह खास
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मशक्कत भी काफी की गई है. विभाग के अनुसार जिस तरह से लेकसिटी को मॉनसून काल में खूबसूरत टूरिस्ट स्पॉट की तरह प्रदर्शित किया गया, प्रचार में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी गई उसने लोगों के आत्मविश्वास को बढ़ाया और नतीजा दिखने लगा है.