उदयपुर. प्रतापनगर थाना क्षेत्र में करीब 5 महीने पहले अज्ञात व्यक्ति का शव मिला था. इस पर पुलिस ने तफ्तीश शुरू की, लेकिन पुलिस को कोई सुराग हाथ नहीं लग पा रहा था. ऐसे में पुलिस की स्पेशल टीम ने कांस्टेबल प्रहलाद पाटीदार को मुखबिर से सूचना मिली, कुछ लोग एक मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए घूम रहे हैं. जब पुलिस ने मुखबिर की सूचना के आधार पर तफ्तीश को और अधिक तेज किया तो दो लोगों को पुलिस ने निगरानी में रखा. किसी व्यक्ति की मौत के बाद फर्जी प्रमाण पत्र बनाने की बात सामने आई. टीम ने कुछ लोगों को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की तो अभियुक्त ने अन्य साथियों के साथ मिलकर एक हत्या की वारदात करना स्वीकार किया.
पुलिस पूरे मामले को अलग-अलग एंगल से देखकर टीम गठित की और आरोपियों की धरपकड़ के लिए जांच पड़ताल तेज की गई. पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने त्रिपुरा के प्रदीप दास नाम के व्यक्ति की हत्या की सुपारी ली थी. पुलिस ने पूरे मामले का पर्दाफाश करते हुए बताया, मृतक के बड़े भाई और उसकी पत्नी के अवैध संबंधों का होना सामने आया. पुलिस की टीम ने इस हत्याकांड के मास्टरमाइंड मृतक की पत्नी और बड़े भाई को भी अपनी दबिश में ले लिया है. जिला पुलिस अधीक्षक राजीव पचार ने बताया, पूछताछ में सामने आया कि मृतक के बड़े भाई ने करीब 12 लाख 50 हजार की सुपारी दी.
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भाई की पत्नी रूपा दास और अन्य व्यक्ति के साथ उत्तम दास को उदयपुर कार्य करने के लिए साइट देखने के बहाने जयपुर होते हुए उदयपुर भेजा. जयपुर से उदयपुर आते समय रास्ते में हत्या करनी थी. मगर किसी कारण से सफल नहीं हुए. अभियुक्त बड़ा भाई तपन दास स्वयं हवाई जहाज से उदयपुर आया. उदयपुर में अपने साथी के साथ उत्तम दास को कार में साथ लेकर रवाना हुए और मृतक को शराब पिलाई और नींद की गोली दी, जिससे मृतक बेहोश हो गया. फिर मृतक का गला दबाकर उसे मौत के घाट उतार दिया.
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वहीं मृतक के शव को बोरे में भरकर रस्सी से बांधकर उदयसागर सुखानाका में फेंक दिया. वहीं असम त्रिपुरा जाकर कोरोना से मृत्यु होना बताया. घर के दूसरे सदस्यों को लगभग महीने भर बाद उत्तम दास की उदयपुर में कोरोना से मृत्यु होना बता दिया.