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Action Against Child Labour In Udaipur: बाल श्रम रेस्क्यू टीम की बड़ी कार्रवाई...30 बच्चों को कराया मुक्त - Rajasthan hindi news

उदयपुर के शहरी क्षेत्र में बाल श्रम की शिकायत पर छापेमारी के दौरान 30 बच्चों को मुक्त (30 children rescued from child labour) कराया गया. इस संबंध में एफआईआर दर्ज किए जाने के साथ ही सभी बच्चों को पुनर्वासित भी किया गया.

30 children rescued from child labour
30 बच्चों को बालश्रम से मुक्त कराया
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Published : Apr 22, 2022, 7:27 PM IST

उदयपुर. जिले में पुलिस और प्रशासन की ओर से शुक्रवार को बाल श्रम के खिलाफ बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया गया है. कार्रवाई में 30 बच्चों को बालश्रम (30 children rescued from child labour) से मुक्त कराया गया. राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (Rajasthan State Commission for Protection of Child Rights) के सदस्य डॉ. शैलेन्द्र पंड्या ने बताया कि कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन फाउंडेशन, चाइल्ड लाइन एवं स्थानीय स्वयंसेवी संस्थाओं की ओर से बाल श्रमिकों को चिह्नित कर रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी थी. इसके तत्काल बाद आयोग की ओर से पुलिस एवं जिला प्रशासन के साथ मिलकर छापेमारी की कार्रवाई की गई.

डॉ. शैलेंद्र ने बताया कि रेस्क्यू किए गए सभी 30 बच्चों के संबंध में मौके पर एफआईआर दर्ज करने के साथ ही उनका पुनर्वास भी करवाया गया. इस अवसर पर बाल कल्याण समिति उदयपुर के अध्यक्ष ध्रुव कुमार कवीया एवं सदस्य सुरेश शर्मा ने बताया कि रेस्क्यू करवाए गए सभी 30 बच्चों में से 28 को तितरडी स्थित श्री आसरा विकास संस्थान एवं दो बालिकाओं का बालिका गृह में शेल्टर करवाया गया. रेस्क्यू ऑपरेशन के अन्तर्गत सुखेर पुलिस थाना, सूरजपोल पुलिस थाना, भूपालपुरा, प्रतापनगर एवं सविना पुलिस थाना अन्तर्गत कार्रवाई की गई. इस मौके पर संबंधित पुलिस थाने के बाल कल्याण पुलिस अधिकारी एवं मानव तस्करी विरोधी यूनिट की टीम सहित स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद रहे.

पढ़ें. Action on Child Labor in Jaipur: चूड़ी कारखाने से 12 बाल श्रमिकों को पुलिस ने करवाया मुक्त, बिहार के हैं ये बच्चे

कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन नई दिल्ली की ओर से संचालित ऐक्सेस टू जस्टिस कार्यक्रम के जिला समन्वयक ललित सिंह ने बताया कि उदयपुर के विभिन्न हॉस्टल, रेस्टोरेंट, ईंट-भट्टे एवं दुकानों से पूर्व में चिह्नित बाल श्रमिकों को रेस्क्यू करवाकर एफआईआर दर्ज करवाई जा चुकी है. ये मामले किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 एवं 89 के साथ अन्य राज्यों से रेस्क्यू किए गए बच्चों के गंभीर मामलों में दर्ज हुए हैं. उन्होंने बताया कि रेस्क्यू करवाए गए बच्चों में अधिकतम संभाग के विभिन्न जिलों के जनजाति परिवार के थे. वहीं पांच बच्चे उत्तर प्रदेश एवं दो बच्चे बिहार के मिले. दिन भर चले रेस्क्यू ऑपरेशन में आयोग सदस्य के साथ चाइल्ड लाइन समन्वयक नवनीत औदिच्य, श्रम विभाग के अधिकारी, पुलिस प्रशासन, बाल कल्याण समिति, कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन, गायत्री सेवा संस्थान, श्री आसरा विकास संस्थान एवं बाल सुरक्षा नेटवर्क के प्रतिनिधि साथ रहे.

उदयपुर. जिले में पुलिस और प्रशासन की ओर से शुक्रवार को बाल श्रम के खिलाफ बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया गया है. कार्रवाई में 30 बच्चों को बालश्रम (30 children rescued from child labour) से मुक्त कराया गया. राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (Rajasthan State Commission for Protection of Child Rights) के सदस्य डॉ. शैलेन्द्र पंड्या ने बताया कि कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन फाउंडेशन, चाइल्ड लाइन एवं स्थानीय स्वयंसेवी संस्थाओं की ओर से बाल श्रमिकों को चिह्नित कर रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी थी. इसके तत्काल बाद आयोग की ओर से पुलिस एवं जिला प्रशासन के साथ मिलकर छापेमारी की कार्रवाई की गई.

डॉ. शैलेंद्र ने बताया कि रेस्क्यू किए गए सभी 30 बच्चों के संबंध में मौके पर एफआईआर दर्ज करने के साथ ही उनका पुनर्वास भी करवाया गया. इस अवसर पर बाल कल्याण समिति उदयपुर के अध्यक्ष ध्रुव कुमार कवीया एवं सदस्य सुरेश शर्मा ने बताया कि रेस्क्यू करवाए गए सभी 30 बच्चों में से 28 को तितरडी स्थित श्री आसरा विकास संस्थान एवं दो बालिकाओं का बालिका गृह में शेल्टर करवाया गया. रेस्क्यू ऑपरेशन के अन्तर्गत सुखेर पुलिस थाना, सूरजपोल पुलिस थाना, भूपालपुरा, प्रतापनगर एवं सविना पुलिस थाना अन्तर्गत कार्रवाई की गई. इस मौके पर संबंधित पुलिस थाने के बाल कल्याण पुलिस अधिकारी एवं मानव तस्करी विरोधी यूनिट की टीम सहित स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद रहे.

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कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन नई दिल्ली की ओर से संचालित ऐक्सेस टू जस्टिस कार्यक्रम के जिला समन्वयक ललित सिंह ने बताया कि उदयपुर के विभिन्न हॉस्टल, रेस्टोरेंट, ईंट-भट्टे एवं दुकानों से पूर्व में चिह्नित बाल श्रमिकों को रेस्क्यू करवाकर एफआईआर दर्ज करवाई जा चुकी है. ये मामले किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 एवं 89 के साथ अन्य राज्यों से रेस्क्यू किए गए बच्चों के गंभीर मामलों में दर्ज हुए हैं. उन्होंने बताया कि रेस्क्यू करवाए गए बच्चों में अधिकतम संभाग के विभिन्न जिलों के जनजाति परिवार के थे. वहीं पांच बच्चे उत्तर प्रदेश एवं दो बच्चे बिहार के मिले. दिन भर चले रेस्क्यू ऑपरेशन में आयोग सदस्य के साथ चाइल्ड लाइन समन्वयक नवनीत औदिच्य, श्रम विभाग के अधिकारी, पुलिस प्रशासन, बाल कल्याण समिति, कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन, गायत्री सेवा संस्थान, श्री आसरा विकास संस्थान एवं बाल सुरक्षा नेटवर्क के प्रतिनिधि साथ रहे.

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