श्रीगंगानगर. स्वामी केशवानंदन राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के 33 वें स्थापना दिवस पर एक दिवसीय जिला स्तरीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में जिला कलेक्टर शिवप्रसाद मदन नकाते ने कृषि अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिकों को कहा कि कृषि अनुसंधान के वैज्ञानिक किसानों के लिए अधिक से अधिक नई किस्में अनुसंधान केंद्र में तैयार करें ताकि जिले का किसान आधुनिक पद्धति अपनाकर रोग रहित फसलों से अच्छी पैदावार ले सके.
कार्यक्रम में जिला कलेक्टर शिवप्रसाद मदन नकाते ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा की कृषि के क्षेत्र में नई तकनीक का किसान को इस्तेमाल करना जरूरी है. जिला कलेक्टर ने कहा कि अब वह समय निकल गया है जब किसान अधिक पानी पर फसलें तैयार करता था. आधुनिक समय के दौरान किसानों को अपनी जमीन में उपयुक्त तरीके से पानी का इस्तेमाल करना चाहिए ताकि भूमि की उर्वरा शक्ति कम ना हो और किसान को अच्छी पैदावार मिल सके.
जिला कलेक्टर ने कहा कि किसान विभिन्न फसलों को ले रहे हैं, उनकी नई वैरायटी किस प्रकार से विकसित करें जो केवल पानी कम लेवे बल्कि साथ में अन्य प्रकार की किसी भी बीमारी को वह फसल का बीज विरोध करें और उनके कीटअप को नष्ट करके अच्छे से बढ़ोतरी करें. ताकि किसानों को फसल की उत्पादकता भरपूर मिल सके.
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उन्होंने कहा कि इन सारी चीजों के पीछे अनुसंधान केंद्र के द्वारा प्रयास होना आवश्यक है. साथ ही कृषि वैज्ञानिक केंद्रों के वैज्ञानिकों को कहा कि कम संसाधनों में अच्छे परिणाम दिए जाने की जरूरत है. ताकि किसानों का भला हो सके और कृषि के क्षेत्र में देश की प्रगति में किसान व कृषि वैज्ञानिकों का नाम हो.
कार्यशाला में किसानों ने वैज्ञानिकों को फसलों से संबंधित समस्याएं बताकर उनका समाधान भी जाना. इस मौके पर जिला कलेक्टर ने कृषि अनुसंधान केंद्र में चल रहे विभिन्न कार्यक्रमों के बारे में भी जानकारी ली तथा अच्छे परिणामों के लिए वैज्ञानिकों को और ज्यादा मेहनत से काम करने की बात कही. कार्यक्रम में अनुसंधान केंद्र के जोनल डायरेक्टर उमेद सिंह,डॉ दशरथ सिंह ,डॉक्टर जीआर माथुर,वैज्ञानिक एमके कोल,कृषि विभाग के डिप्टी डायरेक्टर जीआर मटोरिया,उधान विभाग के सहायक निदेशक प्रीति गर्ग सहित बड़ी संख्या में किसानों ने भाग लिया.