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श्रीगंगानगर में इस कंपनी के श्रमिकों ने जिला कलेक्ट्रेट पर डाला पड़ाव, जानें वजह - विकास डब्ल्यूएसपी कंपनी मालिक कामिनी जिंदल

श्रीगंगानगर में सोमवार को विकास डब्ल्यूएसपी के श्रमिकों ने जिला कलेक्ट्रेट पर दिनभर पड़ाव और धरना डाले रखा. इस दौरान उन्होंने 11 महीने का वेतन और 3 वर्ष का पीएफ देने की मांग की है.

श्रीगंगानगर में श्रमिकों ने डाला पड़ाव, Workers put stop in Sriganganagar
श्रीगंगानगर में श्रमिकों ने डाला पड़ाव
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Published : Nov 9, 2020, 8:32 PM IST

श्रीगंगानगर. जिले में अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सोमवार को विकास डब्ल्यूएसपी के श्रमिकों ने जिला कलेक्ट्रेट पर दिनभर पड़ाव और धरना डाले रखा. बाद में कर्मचारी मजदूर यूनियन ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा. ज्ञापन में उन्होंने बताया कि कारखाने के कर्मचारियों का 11 महीने का वेतन और 3 वर्ष का पीएफ नहीं दिया जा रहा है.

श्रीगंगानगर में श्रमिकों ने डाला पड़ाव

उधर विकास डब्ल्यूएसपी कंपनी मालिक कामिनी जिंदल श्रमिकों को फैक्ट्री बंद करने की बात कहकर श्रमिकों को दूसरा काम देखने का संदेश दिया. जिसके बाद बेरोजगार होने के डर से चिंतित श्रमिक संगठनों ने सोमवार को दिनभर कलेक्ट्रेट पर पड़ाव डाले रखा. विकास डब्ल्यूएसपी के श्रमिक नेताओं ने आरोप लगाते हुए कहा कि कंपनी मालिक कामिनी जिंदल ने कर्मचारियों को कहा कि वे कंपनी नहीं चला सकती है. इसलिए सभी श्रमिक अपने स्तर पर नौकरी की तलाश कर ले.

यूनियन पदाधिकारियों ने जिला कलेक्टर, भविष्य निधि संगठन विभाग को अवगत करवाया है कि 11 महीने का वेतन और लगभग 3 वर्षों का पीएफ बकाया है और दोनों के हिस्से का पीएफ वेतन में काटने के बाद भी प्रबंधन वर्ग ने उनके पीएफ खातों में जमा नहीं करवाया. कंपनी ने अपना भी पीएफ जमा नहीं करवाया.

मजदूरों के पीएफ का पैसा कंपनी खुद इस्तेमाल कर रही है जो कि नियम विरुद्ध है. यूनियन पदाधिकारियों के अनुसार प्रशासन और संबंधित अधिकारियों को सारा मामला बताने के बाद भी बकाया वेतन और पीएफ नहीं दिया जा रहा है. यूनियन के अनुसार बकाया वेतन और पीएफ के लिए श्रम विभाग को गुहार लगाई गई.

वहीं, कर्मचारियों से करवाया गया समझौता श्रम विभाग लागू नहीं करवा रहा है. बता दें कि पूर्व में समझौता हुआ था कि 25 अगस्त से 2 महीने का वेतन और 3 महीने का पीएफ जमा करवाया जाएगा. यह प्रक्रिया तब तक लागू रहेगी जब तक कि पुराना बकाया खत्म नहीं हो जाता.

पढे़ंः Special : चीनी सामान के बायकॉट के बीच इस बार दीपावली पर स्वदेशी लाइटों से रोशन होंगे घर

यूनियन का आरोप है कि श्रम विभाग अपने समझौते को ही पूरा नहीं कर पा रहा है. श्रम विभाग में यूनियन के पदाधिकारियों और कंपनी मैनेजमेंट गौरव गुप्ता चीफ इंजीनियर से हुई वार्ता में प्रबंधन वर्ग द्वारा नवंबर 2019 का बकाया वेतन मार्च 2021 में देने की बात की गई है. यूनियन ने चेतावनी दी है कि अगर जल्दी वेतन और बकाया का भुगतान नहीं किया गया तो वे आंदोलन को तेज करेंगे.

श्रीगंगानगर. जिले में अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सोमवार को विकास डब्ल्यूएसपी के श्रमिकों ने जिला कलेक्ट्रेट पर दिनभर पड़ाव और धरना डाले रखा. बाद में कर्मचारी मजदूर यूनियन ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा. ज्ञापन में उन्होंने बताया कि कारखाने के कर्मचारियों का 11 महीने का वेतन और 3 वर्ष का पीएफ नहीं दिया जा रहा है.

श्रीगंगानगर में श्रमिकों ने डाला पड़ाव

उधर विकास डब्ल्यूएसपी कंपनी मालिक कामिनी जिंदल श्रमिकों को फैक्ट्री बंद करने की बात कहकर श्रमिकों को दूसरा काम देखने का संदेश दिया. जिसके बाद बेरोजगार होने के डर से चिंतित श्रमिक संगठनों ने सोमवार को दिनभर कलेक्ट्रेट पर पड़ाव डाले रखा. विकास डब्ल्यूएसपी के श्रमिक नेताओं ने आरोप लगाते हुए कहा कि कंपनी मालिक कामिनी जिंदल ने कर्मचारियों को कहा कि वे कंपनी नहीं चला सकती है. इसलिए सभी श्रमिक अपने स्तर पर नौकरी की तलाश कर ले.

यूनियन पदाधिकारियों ने जिला कलेक्टर, भविष्य निधि संगठन विभाग को अवगत करवाया है कि 11 महीने का वेतन और लगभग 3 वर्षों का पीएफ बकाया है और दोनों के हिस्से का पीएफ वेतन में काटने के बाद भी प्रबंधन वर्ग ने उनके पीएफ खातों में जमा नहीं करवाया. कंपनी ने अपना भी पीएफ जमा नहीं करवाया.

मजदूरों के पीएफ का पैसा कंपनी खुद इस्तेमाल कर रही है जो कि नियम विरुद्ध है. यूनियन पदाधिकारियों के अनुसार प्रशासन और संबंधित अधिकारियों को सारा मामला बताने के बाद भी बकाया वेतन और पीएफ नहीं दिया जा रहा है. यूनियन के अनुसार बकाया वेतन और पीएफ के लिए श्रम विभाग को गुहार लगाई गई.

वहीं, कर्मचारियों से करवाया गया समझौता श्रम विभाग लागू नहीं करवा रहा है. बता दें कि पूर्व में समझौता हुआ था कि 25 अगस्त से 2 महीने का वेतन और 3 महीने का पीएफ जमा करवाया जाएगा. यह प्रक्रिया तब तक लागू रहेगी जब तक कि पुराना बकाया खत्म नहीं हो जाता.

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यूनियन का आरोप है कि श्रम विभाग अपने समझौते को ही पूरा नहीं कर पा रहा है. श्रम विभाग में यूनियन के पदाधिकारियों और कंपनी मैनेजमेंट गौरव गुप्ता चीफ इंजीनियर से हुई वार्ता में प्रबंधन वर्ग द्वारा नवंबर 2019 का बकाया वेतन मार्च 2021 में देने की बात की गई है. यूनियन ने चेतावनी दी है कि अगर जल्दी वेतन और बकाया का भुगतान नहीं किया गया तो वे आंदोलन को तेज करेंगे.

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