श्रीगंगानगर. बढ़ते कोरोना मरीजों की संख्या को देखते हुए अब सरकार के साथ-साथ जिला प्रशासन भी गंभीरता दिखाने लगा है. इसी क्रम में मुख्यमंत्री द्वारा सात जिलों में रात्रिकालीन कर्फ्यू के बाद श्रीगंगानगर में भी जिला कलेक्टर ने सख्ती दिखाई है. कोविड-19 की बदलती परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए चिकित्सा व्यवस्थाओं को और मजबूत करने के लिए जिला कलेक्टर ने निर्देश दिए हैं. रविवार को जिला कलेक्ट्रेट सभा हाल में चिकित्सा विभाग के अधिकारियों, निजी चिकित्सालयों के संचालकों से बैठक के दौरान कहा कि मुख्यमंत्री कोविड-19 को लेकर गंभीर है.
इस चुनौती से निपटने के लिए राजकीय चिकित्सालयों के अलावा निजी चिकित्सालयों में 60 बेड वाले चिकित्सालय में 30 प्रतिशत और 100 बेड वाले चिकित्सालय में 40 प्रतिशत बेड कोविड-19 के लिए सुरक्षित रखने होंगे. कोरोना गाइडलाइन के अनुसार सभी सुविधाएं इन अस्पतालों में तैयार रखनी होगी. उन्होंने कहा कि चिकित्सालय में हेल्प डेस्क की स्थापना की जाए, इस कार्य को तत्काल पूरा किया जाए. बैठक में बताया गया कि जनसेवा हॉस्पिटल,आस्था किडनी हॉस्पिटल के अलावा मेदांता हॉस्पिटल और राजकीय चिकित्सालय में रोगियों के लिए बेहतर व्यवस्था करने की बात कही है.
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रविवार से आगामी 15 दिवस के लिए एक विशेष अभियान चलाकर एसडीएम, डीवाईएसपी, तहसीलदार और एसएचओ टीम बनाकर बगेर मास्क घूम रहे नागरिकों के चालान काटे. सरकार ने बगेर मास्क पाए जाने पर 500 रुपए का जुर्माना निर्धारित किया है. कोविड-19 के बचाव को लेकर सतर्क रहने और आवश्यक तैयारियां रखने के साथ-साथ एडवाइजरी का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं. पिछले कुछ दिनों से राज्य में कोविड-19 रोगियों की संख्या बढ़ी है. 23 नवंबर 2020 से 15 दिवस का विशेष अभियान चलाकर बिना मास्क वालों के चालान काटे जाएं. 5 से अधिक लोग खड़े पाए गए, उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी.