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स्पेशल रिपोर्ट: नशे की जद में श्रीगंगानगर के युवा...गुजरात के रास्ते आ रही खेप

पाकिस्तान और पंजाब की सीमा से लगता श्रीगंगानगर जिला अब धीरे-धीरे नशे का अड्डा बनता जा रहा है. जिसके चलते यहां के युवा भी नशे की जद में हैं. जिले में पिछले 5 सालों में जिस तरह से मेडिकल नशे ने पांव पसारे हैं, इससे पुलिस की भी चिंता बढ़ गई है. देखिए श्रीगंगानगर से स्पेशल रिपोर्ट..

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Published : Dec 24, 2019, 10:53 PM IST

Updated : Dec 25, 2019, 7:42 PM IST

special report drug, drug addiction in Sri Ganganagar
नशे की जद में श्रीगंगानगर के युवा

श्रीगंगानगर. जिले में पिछले 5 सालों में जिस तरह से मेडिकल नशे ने पांव पसारे हैं. उससे साफ पता चलता है कि नशे के कारोबारी यहां तेजी से फल-फूल रहे हैं. पंजाब से सटे श्रीगंगानगर जिले में ना केवल मेडिकल नशे का जाल पंजाब सीमा के रास्ते से आ रहा है, बल्कि अब तस्करों ने गुजरात से जोधपुर के रास्ते भी अपने तार जोड़ लिए हैं. यहीं कारण है कि पुलिस द्वारा पिछले 3 माह में की गई नशे के खिलाफ कार्रवाई में जोधपुर के रास्ते गुजरात से बड़ी मात्रा में मेडिकल नशा आने का खुलासा हुआ है.

नशे की जद में श्रीगंगानगर के युवा

पुलिस ने इन जगहों पर की कार्रवाई

जिले में तेजी से बढ़ रहे मेडिकल नशे से युवा पीढ़ी भी अब इसके जकड़न में आती जा रही है. यहां के युवाओं को मेडिकल नशा अब अपने आगोश में लेने लगा है. सदर पुलिस, कोतवाली, जवाहर नगर, पुरानी आबादी, पदमपुर थाना, लालगढ़ थाना, सादुलशहर थाना, रायसिंहनगर चुनावढ़, समेजा कोठी थाना ये वो नाम है. जहां पुलिस ने मेडिकल नशे के बड़े तस्करो के गुर्गों व तस्करो को तस्करी करते हुए पिछले कुछ समय में पकड़ा हैं.

पढ़ें- 3 नशा तस्कर गिरफ्तार, करीब 88 हजार की नशीली गोलियां बरामद

1 लाख से अधिक नशीली गोलियां बरामद

तस्करों के खिलाफ एसपी हेमंत शर्मा के निर्देश पर जिला पुलिस नशीले पदार्थों व दूसरे मादक पदार्थों के खिलाफ विशेष अभियान चला रखा है. जिसमें हर महीने लगभग 15 मुकदमें पिछले 1 साल से दर्ज हो रहे हैं. दिसंबर माह की बात करें तो अब तक 15 से अधिक मुकदमे दर्ज हो चुके हैं. जिसमें कुछ मामलों में एक लाख से अधिक नशीली गोलियां बरामद हो चुकी है. एसपी सहीराम विश्नोई बताते हैं कि पंजाब से जुड़ा होने के कारण श्रीगंगानगर जिले में जो नशीली गोलियों का प्रचलन तेजी से बढ़ा है. तस्करों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई भी बढ़ रही है. पुलिस नशीली गोलियों के बारे में तह तक जाने के लिए कोशिश करती है. जो गोलियां पकड़ी जा रही है वह कहां तैयार होती है, मैन्युफैक्चर कौन है? इसके तह तक जाने के लिए पुलिस कोशिश में जुटी हुई है और काफी हद तक सफल भी हुई है ताकि मेडिकल नशे की जड़ों पर प्रहार करके उसे रोका जाए जा सके.

पढ़ें- अब स्मैक नहीं बल्कि गांजे का नशा कर रहे हैं जयपुर के युवा

गुजरात से जुड़े नशीली गोलियों के तार

एएसपी बताते हैं कि मेडिकल नशे के अधिकतर मामले गुजरात से जुड़े होने के कारण राजस्थान की सीमा से गंगानगर तक यह नशीली गोलियां पहुंचती है. इनकी मानें तो नशीली गोलियों का प्रचलन युवा पीढ़ी को खत्म कर रहा है. पिछले कुछ दिनों में अकेले लाखों गोलियां पकड़ने का एक-एक मुकदमा जिला पुलिस ने दर्ज किया है. कुल मिलाकर जिले में कई लाखों गोलियां अब तक बरामद हो चुकी है. पुलिस नशे के कारोबारियों पर नियंत्रण लगाने के लिए स्पेशल टीम गठित कर लगातार कार्रवाई कर रही है.

श्रीगंगानगर. जिले में पिछले 5 सालों में जिस तरह से मेडिकल नशे ने पांव पसारे हैं. उससे साफ पता चलता है कि नशे के कारोबारी यहां तेजी से फल-फूल रहे हैं. पंजाब से सटे श्रीगंगानगर जिले में ना केवल मेडिकल नशे का जाल पंजाब सीमा के रास्ते से आ रहा है, बल्कि अब तस्करों ने गुजरात से जोधपुर के रास्ते भी अपने तार जोड़ लिए हैं. यहीं कारण है कि पुलिस द्वारा पिछले 3 माह में की गई नशे के खिलाफ कार्रवाई में जोधपुर के रास्ते गुजरात से बड़ी मात्रा में मेडिकल नशा आने का खुलासा हुआ है.

नशे की जद में श्रीगंगानगर के युवा

पुलिस ने इन जगहों पर की कार्रवाई

जिले में तेजी से बढ़ रहे मेडिकल नशे से युवा पीढ़ी भी अब इसके जकड़न में आती जा रही है. यहां के युवाओं को मेडिकल नशा अब अपने आगोश में लेने लगा है. सदर पुलिस, कोतवाली, जवाहर नगर, पुरानी आबादी, पदमपुर थाना, लालगढ़ थाना, सादुलशहर थाना, रायसिंहनगर चुनावढ़, समेजा कोठी थाना ये वो नाम है. जहां पुलिस ने मेडिकल नशे के बड़े तस्करो के गुर्गों व तस्करो को तस्करी करते हुए पिछले कुछ समय में पकड़ा हैं.

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1 लाख से अधिक नशीली गोलियां बरामद

तस्करों के खिलाफ एसपी हेमंत शर्मा के निर्देश पर जिला पुलिस नशीले पदार्थों व दूसरे मादक पदार्थों के खिलाफ विशेष अभियान चला रखा है. जिसमें हर महीने लगभग 15 मुकदमें पिछले 1 साल से दर्ज हो रहे हैं. दिसंबर माह की बात करें तो अब तक 15 से अधिक मुकदमे दर्ज हो चुके हैं. जिसमें कुछ मामलों में एक लाख से अधिक नशीली गोलियां बरामद हो चुकी है. एसपी सहीराम विश्नोई बताते हैं कि पंजाब से जुड़ा होने के कारण श्रीगंगानगर जिले में जो नशीली गोलियों का प्रचलन तेजी से बढ़ा है. तस्करों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई भी बढ़ रही है. पुलिस नशीली गोलियों के बारे में तह तक जाने के लिए कोशिश करती है. जो गोलियां पकड़ी जा रही है वह कहां तैयार होती है, मैन्युफैक्चर कौन है? इसके तह तक जाने के लिए पुलिस कोशिश में जुटी हुई है और काफी हद तक सफल भी हुई है ताकि मेडिकल नशे की जड़ों पर प्रहार करके उसे रोका जाए जा सके.

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गुजरात से जुड़े नशीली गोलियों के तार

एएसपी बताते हैं कि मेडिकल नशे के अधिकतर मामले गुजरात से जुड़े होने के कारण राजस्थान की सीमा से गंगानगर तक यह नशीली गोलियां पहुंचती है. इनकी मानें तो नशीली गोलियों का प्रचलन युवा पीढ़ी को खत्म कर रहा है. पिछले कुछ दिनों में अकेले लाखों गोलियां पकड़ने का एक-एक मुकदमा जिला पुलिस ने दर्ज किया है. कुल मिलाकर जिले में कई लाखों गोलियां अब तक बरामद हो चुकी है. पुलिस नशे के कारोबारियों पर नियंत्रण लगाने के लिए स्पेशल टीम गठित कर लगातार कार्रवाई कर रही है.

Intro:श्रीगंगानगर : जिले में पिछले 5 सालों में जिस तरह से मेडिकल नशे ने पांव पसारे हैं उससे साफ पता चलता है कि नशे के कारोबारी यहां तेजी से फल-फूल रहे हैं। पंजाब से सटे श्रीगंगानगर जिले में ना केवल मेडिकल नशे का जाल पंजाब सीमा के रास्ते से आ रहा है बल्कि अब तस्करों ने गुजरात से जोधपुर के रास्ते भी अपने तार जोड़ लिए हैं। यही कारण है कि पुलिस द्वारा पिछले 3 माह में की गई नशे की कार्रवाईओ में जोधपुर के रास्ते गुजरात से बड़ी मात्रा में मेडिकल नशा आने का खुलासा हुआ है। जिले में तेजी से बढ़ रहे मेडिकल नशे से युवा पीढ़ी भी अब इसके जकड़न में आती जा रही है।यहां के युवाओं को मेडिकल नशा अब अपने आगोश में लेने लगा है। सदर पुलिस ,कोतवाली,जवाहर नगर,पुरानी आबादी,पदमपुर थाना ,लालगढ़ थाना, सादुलशहर थाना,रायसिंहनगर चुनावढ,समेजा कोठी थाना ये वो नाम है जहां पुलिस ने मेडिकल नशे के बड़े तस्करो के गुर्गो व तस्करो को तस्करी करते हुए पिछले कुछ समय में पकडा हैं।


Body:तस्करों के खिलाफ एसपी हेमंत शर्मा के निर्देश पर जिला पुलिस नशीले पदार्थों व दूसरे मादक पदार्थों के खिलाफ विशेष अभियान चला रखा है।जिसमें हर महीने लगभग 15 मुकदमें पिछले 1 साल से दर्ज हो रहे हैं।दिसंबर माह की बात करें तो अब तक 15 से अधिक मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। जिसमें कुछ मामलों में एक लाख से अधिक नशीली गोलियां बरामद हो चुकी है। एसपी सहीराम विश्नोई बताते हैं कि पंजाब से जुड़ा होने के कारण श्रीगंगानगर जिले में जो नशीली गोलियों का प्रचलन तेजी से बढ़ा है।तस्करो के खिलाफ पुलिस कार्रवाई भी बढ़ रही है। पुलिस नशीली गोलियों के बारे में तह तक जाने के लिए कोशिश करती है। जो गोलियां पकड़ी जा रही है वह कहां तैयार होती है, मैन्युफैक्चर कौन है? इसके तह तक जाने के लिए पुलिस कोशिश में जुटी हुई है और काफी हद तक सफल भी हुई है ताकि मेडिकल नशे की जड़ों पर प्रहार करके उसे रोका जाए जा सके। एएसपी बताते हैं कि मेडिकल नशे के अधिकतर मामले गुजरात से जुड़े होने के कारण राजस्थान की सीमा से गंगानगर तक यह नशीली गोलियां पहुंचती है। इनकी मानें तो नशीली गोलियों का प्रचलन युवा पीढ़ी को खत्म कर रहा है।पिछले कुछ दिनों में अकेले लाखों गोलियां पकड़ने का एक-एक मुकदमा जिला पुलिस ने दर्ज किया है। कुल मिलाकर जिले में कई लाखों गोलियां अब तक बरामद हो चुकी है। पुलिस नशे के कारोबारियों पर नियंत्रण लगाने के लिए स्पेशल टीम गठित कर लगातार कार्रवाई कर रही है।

बाईट : सहीराम बिशनोई,एएसपी।


Conclusion:मेडिकल नशे के जाल में युवा।

नोट : स्पेशल स्टोरी रवि जी के मांगने पर भेजी है।
Last Updated : Dec 25, 2019, 7:42 PM IST
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