श्रीगंगानगर. बढ़ती महंगाई पर भारतीय ट्रेड यूनियन व सीटू के सदस्यों ने गुरुवार को विरोध प्रकट करते हुए जिला कलेक्ट्रेट पर हल्ला बोला. संगठन कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट पर एकत्रित हुए और जमकर घंटों तक नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया. वहीं बाद में राष्ट्रपति के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.
ज्ञापन में कहा गया कि डीजल पेट्रोल के बढ़ते दाम के चलते आमजन महंगाई की मार झेल रहे जेल रहा है. श्रमिकों का रोजगार छिन गया है. उन्हें लॉकडाउन अवधि का वेतन भी नहीं मिला है. श्रमिक संगठनों ने कोरोना काल में हटाए श्रमिकों को काम पर रखने, डीजल, पेट्रोल और रसोई गैस के दाम कम करने की मांग की है.
श्रमिक संगठनों के सदस्यों ने बढ़ती महंगाई व बेरोजगारी को कम करने के लिए केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया. न्यूनतम वेतन 26000 प्रतिमाह करने, ठेका प्रथा समाप्त करने, ठेका श्रमिकों को नियमित श्रमिकों के समान वेतन और अन्य लाभ देने की मांग की है.
उन्होंने कहा कि सभी योजनाओं में श्रमिकों को राज्यकर्मी घोषित करने सहित विभिन्न मांगों पर केंद्र सरकार को ध्यान देना चाहिए. जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय के बाहर श्रमिक संगठनों के कार्यकर्ताओं ने घंटों तक रास्ता रोककर विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार को जमकर कोसा और श्रमिक हितों में नए कानून लागू करने की मांग की. श्रमिक संगठनों ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने जिस तरह से श्रमिक कानूनो में परिवर्तन किया है, उससे श्रमिकों के हितों पर कुठाराघात होगा और आने वाले दिनों में श्रमिकों का शोषण बढ़ेगा.