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श्रीगंगानगर: फिल्म पानीपत पर जाट समाज का विरोध प्रदर्शन, थियेटरों को बंद कराकर फिल्म के पोस्टर फाड़े

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Published : Dec 9, 2019, 8:24 PM IST

देशभर में जहां फिल्म पानीपत का विरोध किया जा रहा है. वहीं इस प्रकरण में अब श्रीगंगानगर का जाट समाज भी सड़कों पर उतर गया है. जाट समाज के कई युवाओं ने शहर के थियेटरों को बंद कराकर फिल्म के पोस्टर तक फाड़ डाले.

Sriganganagar news, श्रीगंगानगर की खबर
Sriganganagar news, श्रीगंगानगर की खबर

श्रीगंगानगर. देशभर में जहां आशुतोष गोवारिकर की फिल्म पानीपत का विरोध हो रहा है. वहीं ये विरोध प्रदर्शन श्रीगंगानगर में भी शुरू हो गया है. दरअसल 'पानीपत' अर्जुन कपूर और कृति सैनन स्टारर फिल्म की कहानी एक ऐतिहासिक घटना पर आधारित है. इसलिए फिल्म के साथ विवाद भी काफी खड़ा हो गया है. राजस्थान में फिल्म को लेकर प्रदर्शन भी जारी है. इस प्रकरण में अब जाट समाज भी फिल्म का विरोध करने लगा है.

फिल्म पानीपत पर जाट समाज का विरोध प्रदर्शन

बता दें कि जाट समाज के युवाओं ने सोमवार को सिनेमाघरों में पहुंचकर फिल्म का विरोध करते हुए फिल्म के पोस्टर तक जला डाले. इसके साथ ही युवाओं ने शहर के 3 थियेटरों में चल रही पानीपत फिल्म को रुकवा दिया. हालांकि मौके पर पहुंची पुलिस ने युवाओं से समझाइश की, मगर जाट समाज के युवाओं ने साफ कह दिया कि फिल्म तब तक नहीं चलने देंगे, जब तक जाट समाज के पुरोधा महाराजा सूरजमल पर किए गए गलत चित्रण को हटाया नहीं जाता.

पढ़ें- पानीपत फिल्म में विवादित सीन पर जाट समाज उतरा सड़क पर, मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

दरअसल फिल्म में महाराजा सूरजमल को लालची शासक बताया गया है. इसके अलावा फिल्म में महाराजा सूरजमल का ब्रज के अलावा अन्य भाषा बोलने को भी दर्शाया गया है. इस पर जाट समाज ने कहा है कि पानीपत फिल्म में महाराजा सूरजमल के किरदार को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है, जो गलत है. जबकि इस किरदार को इतिहास के अनुसार दर्शाया जाना चाहिए था.

पढ़ें- फिल्म 'पानीपत' को लेकर सिनेमाघर में तोड़फोड़, हिरासत में 5 युवक

राजस्थान में क्यों हो रहा है फिल्म का विरोध ?

जाट समाज की माने तो पानीपत फिल्म में ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ करते हुए भरतपुर के महाराजा सूरजमल जाट जैसे महापुरुष का चित्रण पानीपत फिल्म में बेहद गलत तरीके से दर्शाया गया है. जबकि वास्तविकता यह है कि पेशवा और मराठा पानीपत युद्ध हार कर लौट रहे थे तो महाराजा सूरजमल और महारानी किशोरी ने 6 माह तक संपूर्ण मराठा सेना और पेशवाओं को अपने यहां पनाह दी थी. राजस्थान में भरतपुर के पूर्व महाराजा सूरजमल की वीरता और पराक्रम को लेकर कहानियां कही जाती है. वहीं राजनीतिक पार्टियां जाट वोटों के लिए उनके नाम का खूब इस्तेमाल भी करती है. ऐसे में सूरजमल के चित्रण को गलत दर्शाया गया है, जिसे लेकर विरोध किया जा रहा है.

श्रीगंगानगर. देशभर में जहां आशुतोष गोवारिकर की फिल्म पानीपत का विरोध हो रहा है. वहीं ये विरोध प्रदर्शन श्रीगंगानगर में भी शुरू हो गया है. दरअसल 'पानीपत' अर्जुन कपूर और कृति सैनन स्टारर फिल्म की कहानी एक ऐतिहासिक घटना पर आधारित है. इसलिए फिल्म के साथ विवाद भी काफी खड़ा हो गया है. राजस्थान में फिल्म को लेकर प्रदर्शन भी जारी है. इस प्रकरण में अब जाट समाज भी फिल्म का विरोध करने लगा है.

फिल्म पानीपत पर जाट समाज का विरोध प्रदर्शन

बता दें कि जाट समाज के युवाओं ने सोमवार को सिनेमाघरों में पहुंचकर फिल्म का विरोध करते हुए फिल्म के पोस्टर तक जला डाले. इसके साथ ही युवाओं ने शहर के 3 थियेटरों में चल रही पानीपत फिल्म को रुकवा दिया. हालांकि मौके पर पहुंची पुलिस ने युवाओं से समझाइश की, मगर जाट समाज के युवाओं ने साफ कह दिया कि फिल्म तब तक नहीं चलने देंगे, जब तक जाट समाज के पुरोधा महाराजा सूरजमल पर किए गए गलत चित्रण को हटाया नहीं जाता.

पढ़ें- पानीपत फिल्म में विवादित सीन पर जाट समाज उतरा सड़क पर, मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

दरअसल फिल्म में महाराजा सूरजमल को लालची शासक बताया गया है. इसके अलावा फिल्म में महाराजा सूरजमल का ब्रज के अलावा अन्य भाषा बोलने को भी दर्शाया गया है. इस पर जाट समाज ने कहा है कि पानीपत फिल्म में महाराजा सूरजमल के किरदार को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है, जो गलत है. जबकि इस किरदार को इतिहास के अनुसार दर्शाया जाना चाहिए था.

पढ़ें- फिल्म 'पानीपत' को लेकर सिनेमाघर में तोड़फोड़, हिरासत में 5 युवक

राजस्थान में क्यों हो रहा है फिल्म का विरोध ?

जाट समाज की माने तो पानीपत फिल्म में ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ करते हुए भरतपुर के महाराजा सूरजमल जाट जैसे महापुरुष का चित्रण पानीपत फिल्म में बेहद गलत तरीके से दर्शाया गया है. जबकि वास्तविकता यह है कि पेशवा और मराठा पानीपत युद्ध हार कर लौट रहे थे तो महाराजा सूरजमल और महारानी किशोरी ने 6 माह तक संपूर्ण मराठा सेना और पेशवाओं को अपने यहां पनाह दी थी. राजस्थान में भरतपुर के पूर्व महाराजा सूरजमल की वीरता और पराक्रम को लेकर कहानियां कही जाती है. वहीं राजनीतिक पार्टियां जाट वोटों के लिए उनके नाम का खूब इस्तेमाल भी करती है. ऐसे में सूरजमल के चित्रण को गलत दर्शाया गया है, जिसे लेकर विरोध किया जा रहा है.

Intro:श्रीगंगानगर : आशुतोष गोवारिकर की फिल्म पानीपत का विरोध श्रीगंगानगर में भी शुरू हो गया है.अर्जुन कपूर और कृति सेनन स्टार फिल्म की कहानी ऐतिहासिक घटना पर आधारित है. इसलिए फिल्म के साथ विवाद भी जुड़ गया है.राजस्थान में फिल्म को लेकर प्रदर्शन भी जारी है.गंगानगर शहर में सोमवार को जाट समाज ने फिल्म का विरोध करते हुए कई सिनेमाघरों में फिल्म को बंद करवा दिया है। जाट समाज के युवाओं ने सिनेमाघरों में पहुंचकर फिल्म का विरोध किया और पोस्टर जलाए। युवाओं ने शहर में 3 थियेटरों में चल रही पानीपत फिल्म को रुकवा दिया।हालांकि मौके पर पहुंची पुलिस ने युवाओं से समझाइश की,मगर जाट समाज के युवाओं ने साफ कहा कि फिल्म तब तक नहीं चलने देंगे जब तक जाट समाज के पुरोधा महाराजा सूरजमल पर किए गए गलत चित्रण को हटाया नहीं जाता।


Body:फिल्म में महाराजा सूरजमल को लालची शासक बताने का विरोध हो रहा है।इसके अलावा फिल्म में सूरजमल का बृज के अलावा अन्य भाषा बोलने का भी विरोध हो रहा है। जाट समाज ने कहा है कि पानीपत फिल्म में महाराजा सूरजमल के किरदार को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया है जो गलत है।जबकि इस किरदार को इतिहास के अनुसार दर्शाया जाना चाहिए था।

राजस्थान में क्यों हो रहा है फिल्म का विरोध ?

पानीपत फिल्म में जाट महाराजा सूरजमल के चरित्र को लेकर जाट समाज अपना विरोध दर्ज करा रहा है।इस मामले में फिल्म रिलीज होने के बाद राजस्थान के जाट समुदाय ने आंदोलन की धमकी दी थी।फिल्म में महाराजा सूरजमल को दिखाए गए किरदार का विरोध करते हुए उसे ठीक करने की मांग की है। जाट समाज की माने तो पानीपत फिल्म में ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ करते हुए भरतपुर के महाराजा सूरजमल जाट जैसे महान पुरुष का चित्रण पानीपत फिल्म में बेहद गलत तरीके से किया गया है।जबकि वास्तविकता यह है कि पेशवा और मराठा पानीपत युद्ध हार कर लौट रहे थे तो महाराजा सूरजमल और महारानी किशोरी ने 6 माह तक संपूर्ण मराठा सेना और पेशवाओ को अपने यहां पनाह दी थी। राजस्थान में भरतपुर के पूर्व महाराजा सूरजमल की वीरता और पराक्रम को लेकर कहानियां कही जाती है।राजनीतिक पार्टियां जाट वोटों के लिए उनके नाम का खूब इस्तेमाल भी करती है ऐसे में सूरजमल के चित्रण को दर्शाया गया है उसे लेकर विरोध शुरू हो गया है।

बाइट : सुमित सहू,जाट समाज युवा।
बाइट : प्रदीप मटोरिया,जाट समाज
बाइट : अभिषेक चौधरी,छात्रसंघ अध्यक्ष
बाइट : संजय चौधरी,जाट समाज।


Conclusion:पानीपत फिल्म का विरोध।
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