श्रीगंगानगर. देशभर में जहां आशुतोष गोवारिकर की फिल्म पानीपत का विरोध हो रहा है. वहीं ये विरोध प्रदर्शन श्रीगंगानगर में भी शुरू हो गया है. दरअसल 'पानीपत' अर्जुन कपूर और कृति सैनन स्टारर फिल्म की कहानी एक ऐतिहासिक घटना पर आधारित है. इसलिए फिल्म के साथ विवाद भी काफी खड़ा हो गया है. राजस्थान में फिल्म को लेकर प्रदर्शन भी जारी है. इस प्रकरण में अब जाट समाज भी फिल्म का विरोध करने लगा है.
बता दें कि जाट समाज के युवाओं ने सोमवार को सिनेमाघरों में पहुंचकर फिल्म का विरोध करते हुए फिल्म के पोस्टर तक जला डाले. इसके साथ ही युवाओं ने शहर के 3 थियेटरों में चल रही पानीपत फिल्म को रुकवा दिया. हालांकि मौके पर पहुंची पुलिस ने युवाओं से समझाइश की, मगर जाट समाज के युवाओं ने साफ कह दिया कि फिल्म तब तक नहीं चलने देंगे, जब तक जाट समाज के पुरोधा महाराजा सूरजमल पर किए गए गलत चित्रण को हटाया नहीं जाता.
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दरअसल फिल्म में महाराजा सूरजमल को लालची शासक बताया गया है. इसके अलावा फिल्म में महाराजा सूरजमल का ब्रज के अलावा अन्य भाषा बोलने को भी दर्शाया गया है. इस पर जाट समाज ने कहा है कि पानीपत फिल्म में महाराजा सूरजमल के किरदार को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है, जो गलत है. जबकि इस किरदार को इतिहास के अनुसार दर्शाया जाना चाहिए था.
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राजस्थान में क्यों हो रहा है फिल्म का विरोध ?
जाट समाज की माने तो पानीपत फिल्म में ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ करते हुए भरतपुर के महाराजा सूरजमल जाट जैसे महापुरुष का चित्रण पानीपत फिल्म में बेहद गलत तरीके से दर्शाया गया है. जबकि वास्तविकता यह है कि पेशवा और मराठा पानीपत युद्ध हार कर लौट रहे थे तो महाराजा सूरजमल और महारानी किशोरी ने 6 माह तक संपूर्ण मराठा सेना और पेशवाओं को अपने यहां पनाह दी थी. राजस्थान में भरतपुर के पूर्व महाराजा सूरजमल की वीरता और पराक्रम को लेकर कहानियां कही जाती है. वहीं राजनीतिक पार्टियां जाट वोटों के लिए उनके नाम का खूब इस्तेमाल भी करती है. ऐसे में सूरजमल के चित्रण को गलत दर्शाया गया है, जिसे लेकर विरोध किया जा रहा है.