श्रीगंगानगर : शहर में इन दिनों एक 'सड़क' की लड़ाई 'सड़क' से ही लड़ी जा रही है. लोग शासन-प्रशासन की मिन्नतें कर थक हार गए हैं. सूझ नहीं रहा तो अब प्राण देने की जिद्द पर अड़ गए हैं. मामला सड़क अतिक्रमण का है.
सड़क पर हुए अतिक्रमण से परेशान अगर कोई व्यक्ति अपनी जान देने की बात कहे तो सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि अवैध रूप से हुए अतिक्रमण से लोग कितने परेशान होंगे. मामला शहर के सद्भावना नगर एरिया के उस रोड का है जो कभी 80 फीट चौड़ा हुआ करता था. लेकिन अतिक्रमण से सिकुड़ कर यह सड़क अब महज 8 फीट चौड़ी रह गई है.
लोग अब इस सड़क से गुजरते समय कई मुसीबतें झेलते हैं. कुछ लोगों ने मिलकर सड़क को अतिक्रमण मुक्त करने का फैसला लिया है. आश्चर्य की बात यह है कि सड़क को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए उच्च न्यायालय ने आदेश जारी किए थे, लेकिन नगर विकास न्यास अधिकारियो के लिए ये आदेश भी कोई मायने नही रखते हैं. तभी आज तक आदेशों की पालना नही हुई .ऐसे में अब एरिया के जागरुक नागरिकों ने सड़क को अतिक्रमण मुक्त करवाने का बीड़ा उठाया है.
80 फीट चौड़ाई की मांग को लेकर इन जागरुक लोगों ने नगर विकास न्यास अधिकारियों का घेराव करना शुरू किया है. आन्दोलन की अगुवाई कर रहे नरेश शर्मा की मानें तो सड़क पर चलने के लिए जगह नही रही है.न्यास प्रशासन को काफ़ी बार अतिक्रमण हटाने के लिए शिकायत की लेकिन अधिकारी इस तरफ कोई ध्यान नही देते है. सद्भावना नगर रोड को अतिक्रमण से मुक्त करने के लिए इन जागरूक लोगों ने नगर विकास न्यास सचिव को 10 दिन का Ultimatum दिया है.
इनकी मानें तो अगले 10 दिनों में अगर सड़क से अतिक्रमण हटाकर 80 फीट चौड़ा नहीं किया गया तो वे नगर विकास न्यास के बाहर अन्न त्याग कर आंदोलन की शुरुआत करेंगे.आन्दोलन की अगुवाई कर रहे नरेश शर्मा ने तो सार्वजनिक रुप से घोषणा की कि अगर न्यास अधिकारी अतिक्रमण नही हटा सकते हैं तो लिखित में मरने की अनुमति दें. नरेश शर्मा सरकारी तन्त्र से इतने परेशान हैं कि कहते हैं- जहाँ सड़क पर पैदल चलने के लिए आन्दोलन करना पड़े तो एसे तन्त्र में जिंदा रहकर क्या करना है.