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स्पेशल: 11 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हो रहा है MCH भवन, महिलाओं को मिलने वाली है बड़ी सौगात

लगभग 11 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हो रहा एमसीएच भवन बेहद खास होगा. यह भवन पूरी तरह अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा. जिला अस्पताल में उपचार को लेकर जो कमियां महसूस की जा रही थी, उन सभी कमियों को एमसीएच भवन के जरिए पूरा किया जाएगा... पढे़ं विस्तृत खबर....

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Published : Jan 27, 2020, 12:06 PM IST

राजस्थान न्यूज़, श्रीगंगानगर न्यूज़, Rajasthan news, Sri ganganagar news
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श्रीगंगानगर. जिले के लोगों और खासकर महिलाओं को जल्द ही नई सौगात मिलने वाली है. राजकीय जिला चिकित्सालय में निर्माणाधीन एमसीएच भवन का काफी काम लगभग पूरा हो चुका है. आगामी एक से दो माह के भीतर इसे शुरू भी कर दिया जाएगा.

अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा एमसीएच भवन

अत्याधुनिक सुविधाओं से होगा लैस....

लगभग 11 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हो रहा एमसीएच भवन बेहद खास होगा. यह भवन पूरी तरह अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा. जिला अस्पताल में उपचार को लेकर जो कमियां महसूस की जा रही थी, उन सभी कमियों को एमसीएच भवन के जरिए पूरा किया जाएगा.

प्रसूताओं को मिलेगी बड़ी सौगात....

एमसीएच भवन खासकर प्रसूताओं के लिए वरदान साबित हो सकता है, बशर्ते यहां सही उद्देश्य और नीतियों के साथ काम किया जाए. वर्तमान में हालात ये हैं, कि बड़ी संख्या में प्रसूताओं को उचित इलाज के अभाव में अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है.

यह भी पढ़ेंः अब 50 लोगों के जुटने पर भी लेनी होगी फायर NOC, भवन की न्यूनतम ऊंचाई सीमा भी घटी

जिला अस्पताल में अबतक 50 बेड की ही सुविधा है. जिसकी वजह से कई प्रसूताओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. कई बार तो दो महिलाओं को एक ही बेड शेयर करना पड़ता है. इतना ही नहीं कई बार बेड के अभाव में महिलाओं को मजबूरन जमीन पर ही रहना पड़ता है.

एमसीएच भवन में प्रसूताओं के लिए बेड की संख्या को दोगुनी किया जाना प्रस्तावित है. ऐसे में महिलाओं और शिशुओं के लिए तो यह भवन वरदान साबित होने वाला है.

श्रीगंगानगर. जिले के लोगों और खासकर महिलाओं को जल्द ही नई सौगात मिलने वाली है. राजकीय जिला चिकित्सालय में निर्माणाधीन एमसीएच भवन का काफी काम लगभग पूरा हो चुका है. आगामी एक से दो माह के भीतर इसे शुरू भी कर दिया जाएगा.

अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा एमसीएच भवन

अत्याधुनिक सुविधाओं से होगा लैस....

लगभग 11 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हो रहा एमसीएच भवन बेहद खास होगा. यह भवन पूरी तरह अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा. जिला अस्पताल में उपचार को लेकर जो कमियां महसूस की जा रही थी, उन सभी कमियों को एमसीएच भवन के जरिए पूरा किया जाएगा.

प्रसूताओं को मिलेगी बड़ी सौगात....

एमसीएच भवन खासकर प्रसूताओं के लिए वरदान साबित हो सकता है, बशर्ते यहां सही उद्देश्य और नीतियों के साथ काम किया जाए. वर्तमान में हालात ये हैं, कि बड़ी संख्या में प्रसूताओं को उचित इलाज के अभाव में अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है.

यह भी पढ़ेंः अब 50 लोगों के जुटने पर भी लेनी होगी फायर NOC, भवन की न्यूनतम ऊंचाई सीमा भी घटी

जिला अस्पताल में अबतक 50 बेड की ही सुविधा है. जिसकी वजह से कई प्रसूताओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. कई बार तो दो महिलाओं को एक ही बेड शेयर करना पड़ता है. इतना ही नहीं कई बार बेड के अभाव में महिलाओं को मजबूरन जमीन पर ही रहना पड़ता है.

एमसीएच भवन में प्रसूताओं के लिए बेड की संख्या को दोगुनी किया जाना प्रस्तावित है. ऐसे में महिलाओं और शिशुओं के लिए तो यह भवन वरदान साबित होने वाला है.

Intro:श्रीगंगानगर : जिला अस्पताल को 11करोड रुपए की लागत से बनने वाले एमसीएच भवन की बड़ी सौगात जल्दी ही मिलने वाली है। जिला अस्पताल को यह सौगात मिलने से यहां ना केवल सुविधाओं में इजाफा होगा बल्कि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में भी कमी आएगी। 11 करोड रुपए की लागत से बनकर तैयार हो रहा मातृ एवं शिशु भवन का काफी हिस्सा बनकर तैयार हो चुका है। नई बन रही एमसीएच यूनिट में तमाम प्रकार की आधुनिक सुविधाएं एक ही छत के नीचे रहेगी।एमसीएच युनिट शुरु होने से
जिला अस्पताल में जच्चा-बच्चा के लिए सुविधाओं में इजाफा होगा।नया मातृ एवं शिशु अस्पताल भवन का काफी हिस्सा बन चुका है।अब इसमें फिनिशि व रंग रोगन का काम चल रहा है। अगले 2 महीनों में 11करोड़ रुपए से बन रहा यह भवन जिला अस्पताल प्रबंधन को सौंप दिया जाएगा। इसके बाद करीब 1 महीने में इस भवन में गायनिक व शिशु वार्ड शिफ्ट कर दिया जाएगा। ग्राउंड फ्लोर सहित एक मंजिला यह आधुनिक भवन 55000 वर्ग फिट में बना है। इसमें गायनिक वार्ड की क्षमता दोगुनी होकर सो बैड और शिशु वार्ड की नर्सरी 24 बेड तक की हो जाएगी। नए भवन में जच्चा व बच्चा को ज्यादा सुविधाएं मिलने से राहत मिलेगी।वहीं बेहतर इलाज की व्यवस्था होगी।




Body:एमसीएच यूनिट का निर्माण पूरा होने और सौंपने से पहले इसमें अन्य जरूरतों को चिन्हित किया जायेगा।अगले कुछ महीनों में इसका निर्माण पूरा हो जाएगा। ऐसे में जिला अस्पताल में निर्माण कार्यों के लिए 11करोड रुपए स्वीकृत हुए थे।पीएमओ डॉक्टर कामरा के अनुसार नए एमसीएच भवन में आधुनिक सुविधाएं होगी।वर्तमान एमसीएच और नए भवन के बीच जमीनी स्तर से करीब 16 फीट ऊंचाई पर 52 फुट लंबा कोरिडोर बनेगा। वर्तमान एमसीएच में ओटी पहली मंजिल है। कोरिडोर के जरिए ओटी व नए भवन का वार्ड कनेक्ट हो जाएगा। आवागमन आसान रहेगा। कोरिडोर कवर्ड होने से मरीज को बरसात व अन्य प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों में इधर-उधर ले जाने में दिक्कत नहीं आएगी।वर्तमान एमसीएच की क्षमता 50 बेड है इसमें औसतन 100 मरीज भर्ती होती है। बरामदे में भी कुछ बेड लगाने पड़े रहे हैं।एमसीएच ओवर क्राउडेड रहता है। यहां साल भर में 5000 प्रसव कराए जाते हैं।नए भवन में 16 बेड का प्री लेबर रूम अलग होगा। इसमें प्रसव के पहले प्रसूताओं को रखा जाएगा।वही लेबर रूम में टेबल की संख्या 5 से बढ़कर 10 तक हो जाएगी। एक साथ ज्यादा प्रसव करवाए जा सकेंगे। वर्तमान में प्री लेबर रूम में 7 बेड ही है। वार्ड में सभी मरीजों को एक साथ ही रखा जाता है। नए एमसीएच में 11 कोटेज कमरे भी होंगे। नए एमसीएच में हर बेड पर ऑक्सीजन की पाइप लाइन से सप्लाई करने की व्यवस्था होगी। यानी 100 गायनिक बेड और 24 बेड की नर्सरी सहित करीब सवा सौ ऑक्सीजन सप्लाई कनेक्शन होंगे।ऑक्सीजन सप्लाई की पाइप लाइन बिछाने में 16 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे। ऑक्सीजन सिलेंडर इधर-उधर उठाकर ले जाने की मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी। जरूरत पड़ने पर मरीज को तुरंत ही ऑक्सीजन लगाई जा सकेगी।

बाईट : रविंद्र शर्मा,अध्यक्ष,नर्सिंग एसोसिएशन
बाइक : केशव कामरा,पीएमओ,जिला अस्पताल।


Conclusion:11करोड लागत से एमसीएच युनिट मे मिलेगी तमाम सुविधाये।
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