श्रीगंगानगर. बीकानेर संभागीय आयुक्त हनुमान सहाय मीणा के शुक्रवार को बैठक के बाद किसानो की समस्या नहीं सुनने पर आक्रोशित किसान नेताओं के गाड़ी रोकने की घटना के बाद सिंचाई विभाग व प्रशासनिक अधिकारी गंभीर नजर आये. शुक्रवार को हुए घटनाक्रम को शांत करवाने के बाद शनिवार को जिला कलेक्टर शिवप्रसाद मदन नकाते के निर्देश पर सिंचाई विभाग के अधिकारी व एसडीएम मुकेश बारहट गंगनहर पर जाकर मौके के हालात देखें.
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गंगनहर के हालत देखकर अधिकारियों ने स्वीकारा
अधिकारियों ने गंगनहर की हालत देखकर स्वीकार किया की नहर में उगे पेड़ व झाड़ से पानी का बहाव रुकता है. जिससे अंतिम छोर पर पानी पूरा नहीं पहुंच पाता है. किसान नेताओं ने मौके पर पहुंचे अधिकारियों को साधुवाली के पास गंगनहर में उगे पेड़ और झाड़ दिखाते हुए बताया की इससे नहर टूटने का भी खतरा रहता है. साथ ही नहर में पेड़ों के उगने से पानी का बहाव धीरे होता है जिससे टेल के किसानों को उनके हिस्से का पूरा पानी नहीं मिल पाता है. किसानों की मांग को वाजिब बताते हुए सिंचाई अधिकारियों ने नहर में खड़े पेड़ व झाड़ उखाड़ने के लिए मशीन मंगवाकर जल्दी नहर की सफाई करने का आश्वासन दिया है.
किसानों ने घेरी थी संभागीय आयुक्त की गाड़ी
शुक्रवार को कलेक्ट्रेट में हुई बैठक में किसान संघर्ष समिति के बैनर तले किसानों ने संभागीय आयुक्त हनुमान सहाय मीणा को गंगनहर की विभिन्न मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा. संभागीय आयुक्त बैठक खत्म कर बाहर निकले तो किसानों ने उनसे गंगनहर के हालात देखने का आग्रह किया. इस पर उन्होंने कार्रवाई करने का आश्वासन देकर गाड़ी में बैठकर रवाना होना चाहा तो किसानों ने उनकी गाड़ी को घेर लिया. बाद में जिला कलेक्टर ने दो दिन में नहरों के हालात देकर रिपोर्ट भेजने का आश्वासन दिया तब जाकर मामला शांत हुआ.
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अगर नहर की सफाई जल्दी नहीं..तो होगा आंदोलन
वहीं किसान नेताओं ने शनिवार को अधिकारियों को गंगनहर के हालात दिखाकर कहा की अगर नहर की सफाई जल्दी नहीं हुई तो किसान सड़क पर आकर आंदोलन करेंगे. मौके पर किसान संघर्ष समिति के प्रवक्ता एडवोकेट सुभाष सहगल, गंगनहर के पूर्व चेयरमैन गुरबल पाल सिंह संधू, फल-सब्जी उत्पादक संघ के अमर सिंह बिश्नोई, लॉ कॉलेज प्रेजिडेंट अनिल खीचड़ सहित बड़ी संख्या में किसान शामिल मौजूद रहें.