श्रीगंगानगर. दिल्ली में चल रहे आंदोलन की अगुवाई करने वाले किसान संगठनों के आह्वान पर सोमवार को जिला कलेक्ट्रेट पर किसानों ने विरोध-प्रदर्शन किया. जिला मुख्यालय पर हुए विरोध-प्रदर्शन में खेती किसानी करने वाले किसान तो नहीं पहुंचे, लेकिन किसान संगठनों के प्रतिनिधि और किसान नेताओं के अलावा ईट भट्टा, धान मंडी में मजदूरी करने वाले मजदूर धरना में शामिल हुए. कानून वापस लेने की मांग को लेकर किसान संगठनों ने महाराजा गंगा सिंह चौक पर धरना देकर सभा का आयोजन किया. जिसमें किसान संगठनों ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कृषि कानूनों का विरोध जताया.
जिला मुख्यालय पर किसान प्रदर्शन कर जिला कलेक्टर और उपखंडो पर उपखंड अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा. किसान नेताओ ने कहा कि केंद्र सरकार जो तीनो कृषि कानून लेकर आई है, उससे मध्यमवर्ग बहुत प्रभावित होगा. प्रदर्शनकारी किसान नेताओं ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार जानबूझकर कृषि सुधार के नाम पर इस प्रकार का कानून लेकर आई है. जिससे पूंजीपतियों औक कॉरपोरेट घरानों को फायदा मिलेगा.
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उन्होंने कहा कि कानून में स्टॉक सीमा खत्म करने के पीछे सबसे बड़ी वजह यह रही है कि पूंजीपतियों और कॉरपोरेट जगत को फायदा देने का प्रयास किया गया है. वहीं उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों में जो खामियां हैं, उसको केंद्र सरकार को सुधार करना चाहिए. धरना-प्रदर्शन के दौरान खेतों में काम करने वाले किसान तो नहीं पहुंचे, लेकिन किसान नेता और मजदूर वर्ग से जुड़े लोगों की संख्या देखने को मिली. जिससे ये तो साफ है कि खेती किसानी से जुड़े किसान कृषि कानून का विरोध नहीं के बराबर कर रहे है.