श्रीगंगानगर. अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटा श्रीगंगानगर जिला इन दिनों पूरे देश में सुर्खियां बटोर रहा है. ये सुर्खियां किसी सरकार, किसी योजना या विकास के लिए नहीं है, बल्कि केंद्र सरकार की ओर से लगातार बढ़ाए जा रहे पेट्रोल डीजल के भाव को लेकर है.
जहां जिले में पहले पेट्रोल ने शतक लगाया, तो देशभर में श्रीगंगानगर जिला पेट्रोल के भाव को लेकर प्रमुखता पर रहा, लेकिन अब पैट्रोल के बाद डीजल ने शतक लगाया है. पेट्रोल के पीछे दौड़ रहा डीजल भी रविवार को शतक लगा चुका है.
शुक्रवार को जहां डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी होने के साथ डीजल शतक से 19 पैसे दूर था. वह कमी तेल कंपनियों ने रविवार को पूरी कर दी और डीजल 100 रुपए को पार कर गया. देश में लगातार बढ़ रही पेट्रोल-डीजल के भाव से आम आदमी महंगाई की मार के बोझ में दबता जा रहा है.
तेल कंपनियां लगातार पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में वृद्धि कर रही है. जिससे पेट्रोल और डीजल के दाम आसमान छूने लगे है. श्रीगंगानगर में डीजल 100 रुपए प्रती लिटर होने के बाद वाहन चालकों में चिंता की लकीरे साफ नजर आई. वाहन चालक पंकज कशनीया ने बताया कि पेट्रोल के दाम पहले से ही 100 रुपए पार कर चुका है, एसे में अब डीजल 100 रुपए होने से वाहन चालकों पर भार बढ़ेगा.
वाहन चालक पैट्रोल डीजल के दाम लगातार बढ़ने से चिंतित है. श्रीगंगानगर जिले में डीजल 100 रुपए होने से वाहन चालकों पर अब अतिरिक्त भार पड़ेगा. उधर पेट्रोल पंप पर जब यह जानना चाहा कि डीजल के भाव बढ़ने से बिक्री पर कितना असर पड़ेगा, तो पेट्रोल पंप सेल्समैन ने बताया कि डीजल पेट्रोल के भाव बढ़ने के कारण बिक्री कम होगी. क्योंकि साधुवाली से लगते पंजाब सीमा में लोग भारी मात्रा में पेट्रोल डीजल लेकर आएगे, जहां 10 रुपए पेट्रोल डीजल के भाव में अंतर है,
उधर पेट्रोल पंप पर कुछ ऐसे लोगों से भी सामना हुआ. जिन्होंने बढ़ते पेट्रोल-डीजल के भाव को सही बताया. इनकी मानें तो अंतरराष्ट्रीय मार्केट के हिसाब से भाव बढ़ रहे हैं. केंद्र की मोदी सरकार पर इसका कोई लेना देना नहीं है. जब उनसे जानना चाहा कि पेट्रोल-डीजल को सरकार जीएसटी में शामिल क्यों नहीं कर रही है, तो उनके तर्क कुछ अजीब ही नजर आए.
बहरहाल श्रीगंगानगर में डीजल-पेट्रोल 100 के पार जाने के बाद भी कुछ ऐसे लोग भी हैं, जिन्हें डीजल पेट्रोल के भाव से कोई फर्क नहीं पड़ रहा है और वे डीजल के भाव 150 रुपए प्रति लिटर होने तक को भी गलत नहीं मान रहे हैं.