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आजादी 'काले पानी' से : देखिए पंजाब से आ रहा 'काला जहर' कैसे पहुंच रहा आपकी रसोई तक...

पंजाब की नदियों से बहकर आ रहा दूषित पानी प्रत्यक्ष ही नहीं अप्रत्यक्ष रूप से भी आम जिंदगी को प्रभावित कर रहा है. क्षेत्र में उगने वाली फसलों और सब्जियों के जरिए भी काले पानी का जहर लोगों के शरीर तक पहुंच रहा है. ईटीवी भारत की मुहिम आजादी 'काले पानी' से के तहत हमने पिछले एपिसोड में बताया था कि कैसे कैमिकल और हैवी मेटल्स युक्त दूषित पानी श्रीगंगानर जिले की 30 लाख आबादी को बीमारियों के आगोश में ले रहा है. अब आपको बताते हैं इसका कैसे ये काला जहर दोहरे तरीके से हमारी जिंदगी से खिलवाड़ कर रहा है...

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Published : Aug 4, 2019, 10:04 AM IST

श्रीगंगानगर. पंजाब से आने वाली गंगनहर के पानी से जिलेभर में कुल 7 लाख 64 हजार एकड़ कृषि भूमि में सिंचाई होती है. सिंचाई के लिहाज से प्रदेश में 13 फीसदी हिस्सेदारी अकेले श्रीगंगानगर की है. इसी नहर के पानी से यहां सब्जियों से लेकर तमाम तरह के खाद्यान भी खेतों में उगाए जाते हैं. जिसमें सीवरेज का पानी, हेवी मेटल से लेकर कई तरह के फैक्ट्रियों के अपशिष्ट छोड़े जाते हैं. क्या आप जानते हैं कि यह फसलें और रोज काम आने वाली सब्जियां कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है.

यह भी पढ़ेंः पंजाब से आ रहा पानी...55 लाख लोगों की जिंदगी में घोल रहा है जहर...हकीकत सुन आप भी चौंक जाएंगे

फसलों और सब्जियों की गंदे पानी से सिंचाई मानव स्वास्थ्य के लिए बहुत खतरनाक है. इस खतरे से बेखबर जहां किसान दूषित पानी से सिंचाई कर रहा है. वहीं इससे पैदा होने वाली फसलें और सब्जियां आपकी रसोई तक भी पहुंच रही हैं. जिले के कृषि अनुसंधान केंद्र के प्रभारी डॉ उमेद सिंह गंदे पानी के इस्तेमाल से तैयार होने वाली फसलों और सब्जियों को मनुष्य जीवन पर बहुत खतरा बताते हुए भयंकर बीमारियां फैलने की बात कह रहे हैं. लेकिन इस पानी को रोकने की जिम्मेदारी जिनके कंधों पर है वे मौन हैं.

ईटीवी भारत की मुहिम...आजादी 'काले पानी' से

गंगनहर से आ रहे गंदे पानी से श्रीगंगानगर जिले में किसान खेतों में गेहूं, बाजरा, सरसों, चना, गन्ना, कॉटन सहित आलू, गाजर, गोभी, बैंगन, प्याज, पालक, खीरे, बंगा, ककड़ी सहित कई सब्जियां पैदा कर रहे हैं. जिला अस्पताल में पिछले दस सालों से सेवाएं दे रहे हड्डी जोड़ रोग विशेषज्ञ डॉ केके जाखड़ के अनुसार फैक्ट्रियों व सीवरेज के पानी में लेड, क्रोमियम, निक्कल जैसी भारी धातुएं होती हैं. जिनमें से कुछ जहरीली भी हैं. इसके अलावा डिटर्जेंट्स, कास्टिक सहित अन्य हानिकारक पदार्थ पाए जाते हैं जो मिट्टी के जरिए फसलों, फलों व सब्जियों में चले जाते हैं.

यह भी पढ़ेंः पार्ट- 2...हनुमानगढ़ भी झेलता पंजाब के दंश को...

उनके मुताबिक ऐसी फसलें, फल व सब्जियां लंबे समय तक इस्तेमाल करने से मनुष्य कई भयंकर बीमारियों में जकड़ सकता है. लेकिन गंदे पानी से उगाई जा रही है सब्जियां खुले तौर पर मंड़ियो में बेची जा रही हैं. इन सब्जियों को खरीद रहे उपभोक्ता भी इस बात को मानते हैं कि ये उनके लिए कितनी हानिकारक हो सकती हैं. लेकिन विकल्प ना होने की वजह से वे इन जहरीली सब्जियों को खाने को मजबूर हैं.

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वहीं जानकारी के अभाव में किसान दूषित पानी से सब्जी व अन्य फसल उगा रहे हैं. किसान की मानें तो इस पानी से सिंचाई करने के अलावा उनके पास कोई रास्ता नही है. ऐसे में वे इसी जल से अपनी फसले तैयार करके खुद बीमारियों की जद में आ रहे हैं. क्या कहते है किसान जरा सुनिए. पंजाब से आ रहे दूषित जल से सिंचाई करना किसान की ना केवल मजबूरी है बल्कि दूसरा कोई रास्ता भी नजर नहीं आता. लेकिन लंबे समय तक अगर ऐसा ही चलता रहा तो वो दिन दूर नहीं जब ना चाहते हुए भी लोग गंभीर बीमारियों से जकड़ जाएंगे. इसलिए समय पर जागना होगा. तभी मिल सकेगी आजादी 'काले पानी' से.

श्रीगंगानगर. पंजाब से आने वाली गंगनहर के पानी से जिलेभर में कुल 7 लाख 64 हजार एकड़ कृषि भूमि में सिंचाई होती है. सिंचाई के लिहाज से प्रदेश में 13 फीसदी हिस्सेदारी अकेले श्रीगंगानगर की है. इसी नहर के पानी से यहां सब्जियों से लेकर तमाम तरह के खाद्यान भी खेतों में उगाए जाते हैं. जिसमें सीवरेज का पानी, हेवी मेटल से लेकर कई तरह के फैक्ट्रियों के अपशिष्ट छोड़े जाते हैं. क्या आप जानते हैं कि यह फसलें और रोज काम आने वाली सब्जियां कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है.

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फसलों और सब्जियों की गंदे पानी से सिंचाई मानव स्वास्थ्य के लिए बहुत खतरनाक है. इस खतरे से बेखबर जहां किसान दूषित पानी से सिंचाई कर रहा है. वहीं इससे पैदा होने वाली फसलें और सब्जियां आपकी रसोई तक भी पहुंच रही हैं. जिले के कृषि अनुसंधान केंद्र के प्रभारी डॉ उमेद सिंह गंदे पानी के इस्तेमाल से तैयार होने वाली फसलों और सब्जियों को मनुष्य जीवन पर बहुत खतरा बताते हुए भयंकर बीमारियां फैलने की बात कह रहे हैं. लेकिन इस पानी को रोकने की जिम्मेदारी जिनके कंधों पर है वे मौन हैं.

ईटीवी भारत की मुहिम...आजादी 'काले पानी' से

गंगनहर से आ रहे गंदे पानी से श्रीगंगानगर जिले में किसान खेतों में गेहूं, बाजरा, सरसों, चना, गन्ना, कॉटन सहित आलू, गाजर, गोभी, बैंगन, प्याज, पालक, खीरे, बंगा, ककड़ी सहित कई सब्जियां पैदा कर रहे हैं. जिला अस्पताल में पिछले दस सालों से सेवाएं दे रहे हड्डी जोड़ रोग विशेषज्ञ डॉ केके जाखड़ के अनुसार फैक्ट्रियों व सीवरेज के पानी में लेड, क्रोमियम, निक्कल जैसी भारी धातुएं होती हैं. जिनमें से कुछ जहरीली भी हैं. इसके अलावा डिटर्जेंट्स, कास्टिक सहित अन्य हानिकारक पदार्थ पाए जाते हैं जो मिट्टी के जरिए फसलों, फलों व सब्जियों में चले जाते हैं.

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उनके मुताबिक ऐसी फसलें, फल व सब्जियां लंबे समय तक इस्तेमाल करने से मनुष्य कई भयंकर बीमारियों में जकड़ सकता है. लेकिन गंदे पानी से उगाई जा रही है सब्जियां खुले तौर पर मंड़ियो में बेची जा रही हैं. इन सब्जियों को खरीद रहे उपभोक्ता भी इस बात को मानते हैं कि ये उनके लिए कितनी हानिकारक हो सकती हैं. लेकिन विकल्प ना होने की वजह से वे इन जहरीली सब्जियों को खाने को मजबूर हैं.

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वहीं जानकारी के अभाव में किसान दूषित पानी से सब्जी व अन्य फसल उगा रहे हैं. किसान की मानें तो इस पानी से सिंचाई करने के अलावा उनके पास कोई रास्ता नही है. ऐसे में वे इसी जल से अपनी फसले तैयार करके खुद बीमारियों की जद में आ रहे हैं. क्या कहते है किसान जरा सुनिए. पंजाब से आ रहे दूषित जल से सिंचाई करना किसान की ना केवल मजबूरी है बल्कि दूसरा कोई रास्ता भी नजर नहीं आता. लेकिन लंबे समय तक अगर ऐसा ही चलता रहा तो वो दिन दूर नहीं जब ना चाहते हुए भी लोग गंभीर बीमारियों से जकड़ जाएंगे. इसलिए समय पर जागना होगा. तभी मिल सकेगी आजादी 'काले पानी' से.

Intro:श्रीगंगानगर : पंजाब से आने वाली गंगनहर के केमिकल युक्त व दूषित,हैवी मेटल्स युक्त पानी से श्रीगंगानगर जिले में 7 लाख 64 हजार एकड़ में सिंचाई होती है। गंगनहर से सिंचित क्षेत्र में जिस तेजी के साथ संपन्नता आई उसी तेजी के साथ इस गंदे व केमिकल युक्त दूषित जल ने लोगों को रोगों में जकड़ा है। कहने को तो गंगनहर के पानी से यहां की जमीने सिंचित हुई है लेकिन वक्त के साथ पंजाब में हालात बदले तो इस नहर में हेवी मेटल युक्त व सीवरेज का पानी आने लगा तब से श्रीगंगानगर जिले के सिंचित क्षेत्र में होने वाली फसलों पर भी यह पानी प्रभाव डालने लगा है। जिसके इस्तेमाल से मनुष्य भी धीरे-धीरे बीमारियों में जकड़ता जा रहा है।


Body:फसलों और सब्जियों की गंदे पानी से सिंचाई मानव स्वास्थ्य के लिए बहुत खतरनाक है। यह फसलें व सब्जियां कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है। इनके खतरों से बेखबर किसान गंदा पानी सिंचाई के लिए उपयोग कर रहा है। लेकिन उन्हें रोकने और समझाइश करने वाला कोई नहीं है। कृषि उद्यानिकी विभाग सहित कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जा रहा है।हालांकि कृषि अनुसंधान केंद्र के प्रभारी डॉ उमेद सिंह गंदे पानी के इस्तेमाल से तैयार की जाने वाली फसलें व सब्जियों को मनुष्य जीवन पर बहुत खतरा बताते हुए भयंकर बीमारियां फैलने की बात कह रहे हैं। लेकिन इस पानी को रोकने की जिम्मेवारी जिनके कंधों पर है वे मौन है।

गंगनहर से आ रहे गंदे पानी से श्रीगंगानगर जिले में किसान खेतों में गेहूं,बाजरा,सरसों ,चना,गन्ना,कॉटन सहित आलू,गाजर,गोभी, बैंगन, प्याज, पालक, खीरे, बंगा, ककड़ी सहित अन्य सब्जियां पैदा कर रहे हैं। इसके साथ ही पानी रुका रहने से यह रिस्ककर भूमिगत जल में मिल रहा है और नलकूप व हैंडपंपों से गंदा पानी निकलता है जो घरों में लोग इस्तेमाल करते हैं जिसमें भारी व जहरीली धातुएं होने से खतरा बढ़ रहा है। पंजाब से आ रहे केमिकल युक्त व हेवी मेटल्स के इस दूषित पानी में भारी व जहरीली धातु मानव स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा है और कैंसर जैसे रोगों को लगातार बढ़ावा दे रहा है। जिला अस्पताल में पिछले दस सालों से सेवाएं दे रहे हड्डी जोड़ रोग विशेषज्ञ डॉ केके जाखड़ के अनुसार फैक्ट्रियों व गटर के पानी में लेड, क्रोमियम, निकिल जैसी भारी धातुएं होती है। जिनमें से कुछ जहरीली भी है। इसके अलावा डिटर्जेंट्स, कास्टिक सहित अन्य हानिकारक पदार्थ पाए जाते हैं जो मिट्टी के जरिए फसलों,फलों व सब्जियों में चले जाते हैं। ऐसे के फसलें, फल व सब्जियां लंबे समय तक इस्तेमाल करने से मनुष्य को बीमार करते हैं और भयंकर बीमारियों में जकड़ लेते हैं।

कृषि विभाग द्वारा सब्जी व अनाज उत्पादन में गंदे पानी का उपयोग नहीं रोका जा रहा है। जबकि जानकारी के अभाव में किसान नाली के गंदे पानी से सब्जी व अन्य फसल उगा रहे हैं,तो वहीं पंजाब से आ रहे दूषित जल से सिंचाई करना किसान की ना केवल मजबूरी है बल्कि दूसरा कोई रास्ता भी नहीं है। गंदे पानी से उगाई जा रही है सब्जियां खुले तौर पर मंडीयो में बेची जा रही है। इसके सेवन से लोगों के स्वास्थ्य को गंभीर खतरा है तो वही कैंसर जैसी भयंकर बीमारियां इन्हीं सब्जियों के कारण हो रही है। सब्जियों व फसलो में पेस्टिसाइड के चलते मनुष्य के शरीर में बीमारिया पनप रही है। वहीं किसान की माने तो इस पानी से सिंचाई करने के अलावा उनके पास कोई रास्ता नही है। ऐसे में वे इसी दूषित जल से अपनी फसले तैयार करके खुद बीमारियों के आगोस में सिमटे जा रहे है। क्या कहते है किसान जरा सुनिए।

बाइट : डॉक्टर उमेद सिंह,प्रभारी,कृषि अनुसंधान केंद्र
बाइट : विजय चौहान, किसान
बाइट : केवल सिंह,किसान
बाइट : डॉक्टर,केके जाखड़,हड्डी रोग विशेषज्ञ, जिला अस्पताल


Conclusion:सिंचाई में इस्तेमाल हो रहे गंदे पानी से मनुष्य में पनप रही है बीमारियां।
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