श्रीगंगानगर. जोधपुर एसीबी की टीम ने जवाहर नगर पुलिस थाना पुलिस के कांस्टेबल को रविवार देर रात जयपुर के होटल रेडिसन ब्लू में 10 लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था. पुलिस कांस्टेबल नरेंद्र मीणा एनडीपीएस एक्ट के मामले में राहत देने की एवज में रिश्वत की राशि ले रहा था. जैसे ही कांस्टेबल की गिरफ्तारी की खबर सामने आई तब से जवाहरनगर पुलिस थाना अधिकारी राजेश सिहाग फरार है.
कांस्टेबल नरेश मीणा के रंगे हाथ पकड़े जाने के बाद एसीबी की श्रीगंगानगर व हनुमानगढ़ चौकी के अधिकारी और स्टाफ भी हाई अलर्ट पर हैं. हनुमानगढ़ एसीबी के एडिशनल एसपी गणेशनाथ ने अपनी टीम के साथ रिद्धि सिद्धि स्थित जवाहर नगर थाना प्रभारी राजेश सिहाग के निवास पर सर्च की कार्रवाई की. उन्होंने थाने से कुछ रिकॉर्ड भी लिए जो जांच अधिकारी को भेजे जाने हैं.
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श्रीगंगानगर एसीबी चौकी पर नियुक्त डीवाईएसपी वेद लखोटिया की टीम ने सिपाही नरेश मीणा के पुलिस लाइन स्थित निवास पर सर्च किया. लखोटिया ने केस से संबंधित कुछ रिकॉर्ड एसपी ऑफिस से लिए. दोनों स्थानों से लिए गए रिकॉर्ड को उच्च अधिकारियों को भेजा जाएगा. आरोपी सिपाही नरेश मीणा 15 लाख रुपए पहले भी ले चुका था. मामले में कानपुर निवासी हरदीप सिंह ने एसीबी को शिकायत की थी. रिश्वत की राशि सदर थाना में एनडीपीएस एक्ट में 224/20 में राहत देने के लिए दी गई थी, जिसकी जांच राजेश सिहाग कर रहे थे.
आरोपी कांस्टेबल की गंगानगर के जवाहर नगर थाने में ड्यूटी लगी हुई थी. एसीबी को रिश्वत मामले में जवाहर नगर थाना अधिकारी राजेश कुमार सियाग की भूमिका भी संदिग्ध लग रही है. एसीबी की कार्रवाई की भनक लगने के बाद से थाना अधिकारी सियाग मौके से फरार हो है. एसीबी ने थानाधिकारी को भी इस मामले में नामजद कर लिया है. एसीबी के अधिकारियों ने बताया कि उनके पास पीड़ित ने कांस्टेबल द्वारा रिश्वत मांगने के संबंध में 14 अक्टूबर को शिकायत दर्ज कराई थी.