श्रीगंगानगर. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो हनुमानगढ़ की टीम ने सोमवार को कार्रवाई करते हुए सदर थाना श्रीगंगानगर के एएसआई मोहर सिंह को 7 हजार रुपए की रिश्वत राशि लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया. आरोपी ने यह राशि रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की एवज में परिवादी से मांगी थी. जिस पर परिवादी ने ACB हनुमानगढ़ चौकी में संपर्क किया तो सत्यापन के दौरान रिश्वतखोर एएसआई 1000 रुपए ले लिए.
रिश्वत राशि लेने के बाद एसीबी टीम ने सोमवार को कार्रवाई का प्लान बनाया. आरोपी जब परिवादी से रिश्वत की राशि ले रहा था, तब वह अपने अनुसंधान कक्ष में मौजूद था. ब्यूरो की कार्रवाई के बाद सदर थाने में हड़कंप मच गया. वहीं, टीम ने कार्रवाई के दौरान जाल बिछा कर आरोपी को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया.
परिवादी महावीर स्वामी के पुलिस थाना सदर श्रीगंगानगर में दर्ज करवाए गए प्रकरण संख्या 70/2020 में दर्ज करते समय 5000 रुपए, तफ्तीश के दौरान 3000 रुपए चालान करने और प्रकरण के आरोपी जो विदेश चले गए हैं, उनके खिलाफ इंटरपोल से रेड कॉर्नर नोटिस जारी करवाने की एवज में रिश्वत राशि की मांग की थी. सत्यापन के दौरान 1000 रुपए प्राप्त कर लिए.
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वहीं, सोमवार को परिवादी से एएसआई 7 हजार रुपए प्राप्त करते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया और रिश्वत राशि बरामद कर ली गई. कार्रवाई में ब्यूरो के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गणेशा नाथ सिद्ध, अतिरिक्त पुलिस निरीक्षक सुभाष चंद्र ढील, पुलिस निरीक्षक गोरेलाल शर्मा सहित टीम के सदस्य कार्रवाई में शामिल रहे. एसीबी की ओर से ट्रैप की कार्रवाई के बाद एसीबी अब इस बात की जांच में जुटी है कि आरोपी एएसआई की ओर से ली गई रिश्वत की राशि में कौन-कौन पुलिस अधिकारी शामिल हैं. फिलहाल, टीम आरोपी थानेदार से पूछताछ कर रही है.
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किसे कहते है रेड कॉर्नर नोटिस, जानिए
दरअसल, यह नोटिस वांछित अपराधियों की गिरफ्तारी या उनके प्रत्यर्पण को हासिल करने के लिए जारी किया जाता है. रेड कॉर्नर नोटिस एक ऐसे व्यक्ति को ढूंढने और उसे अस्थायी रूप से गिरफ्तार करने का अनुरोध होता है, जिसे आपराधिक मामले में दोषी ठहराया गया है. लेकिन सिर्फ रेड कॉर्नर नोटिस जारी होने का मतलब यह नहीं है कि व्यक्ति दोषी है, उसे अदालत द्वारा दोषी ठहराया जाना चाहिए.