श्रीगंगानगर. केंद्र सरकार की ओर से पारित किए गए कृषि अध्यादेश और सांसदों के निलंबन के विरोध में राजनीतिक दलों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है. मंगलवार को आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने डीएम महावीर प्रसाद वर्मा को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा.
प्रदर्शनकारियों ने कहा है कि पूरा देश जानता है कि भारतीय जनता पार्टी के पास राज्यसभा में बहुमत नहीं है, फिर भी संसदीय परंपराओं को तोड़कर किसान विरोधी बिलों को नियमों के विरुद्ध जाकर सरकार ने राज्यसभा में ध्वनिमत के फर्जीवाड़े के आधार पर पारित घोषित कर दिया. सरकार की तरफ से की गई यह कार्रवाई पूरी तरह से असंवैधानिक है और संसदीय परंपराओं और नियमों के विरुद्ध है.
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इस गैर कानूनी प्रक्रिया से देश में प्रजातंत्र की परंपरा की विश्वसनीयता को धक्का लगा है. लिहाजा इन बिलों को मंजूरी ना दी जाए. दूसरी ओर जब राज्यसभा में नियम के विरुद्ध कार्यवाही चल रही थी तो विपक्षी सांसदों ने इसका विरोध किया जिसपर 8 सांसदों को 1 सप्ताह के लिए संसद से निलंबित कर दिया गया. यह विरोध की आवाज के खिलाफ तानाशाही रवैया है.
कांग्रेस ने कृषि विधेयकों का किया विरोध
चित्तौड़गढ़ में केंद्र सरकार की ओर से लाए गए कृषि विधेयकों का कांग्रेस विरोध कर रही है. कांग्रेस इसे किसान विरोधी बता रही है. ऐसे में प्रदेश भर में कांग्रेस पार्टी इस बिल का विरोध कर रही है. चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय पर भी सोमवार को शहर कांग्रेस के तत्वावधान में कार्यकर्ताओं ने मुख्य डाकघर के बाहर प्रदर्शन करते हुए केंद्र सरकार द्वारा पारित विधेयक का विरोध किया