सीकर. कहा जाता है कि मन में कुछ करने का जज्बा हो तो व्यक्ति न तो सुविधाओं की फिक्र करता है और न ही परेशानियां उसे रोक पाती हैं. जब लक्ष्य एक निर्धारित हो तो सफलता आखिर में मिलती ही है. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है सीकर जिले के जयपाल प्रजापत ने. योगी जयपाल के नाम से प्रसिद्ध हो चुके इस शख्स ने योग में कई अंतरराष्ट्रीय रिकॉर्ड बना दिए हैं और बाबा रामदेव के साथ कई मंचों की शोभा बढ़ा चुके हैं. यहां तक कि कई मुख्यमंत्रियों को योग भी सिखाया है.
योगी जयपाल के योग के रिकॉर्ड की बात करें तो 3 घंटा 33 मिनट तक लगातार शीर्षासन करने का रिकॉर्ड इन्हीं के नाम है. सबसे पहले इन्होंने 2 घंटा 25 मिनट शीर्षासन किया था और उसके बाद खुद का ही रिकॉर्ड तोड़ते हुए 3 घंटा 33 मिनट शीर्षासन किया. इसके अलावा मयूर चाल और कई ऐसे आसन हैं जो इनके जैसा कोई नहीं कर सकता. 3 साल पहले जब पतंजलि गए थे तो खुद बाबा रामदेव उन्हें योग शिविर में साथ रखते थे. अंतरराष्ट्रीय योग दिवस और अन्य कार्यक्रमों में अब तक कई मुख्यमंत्रियों को योग करवा चुके हैं, लेकिन इनके संघर्ष की कहानी बहुत लंबी है और हर कोई इसे जानना-सुनना चाहता है.
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पिता की मौत के बाद घर की आर्थिक स्थिति भी काफी कमजोर हो गई थी. घर में बिजली भी नहीं थी, पड़ोसियों के घर की खिड़की से टीवी देखते थे. योगी जयपाल प्रजापत बताते हैं कि इनके पिता की बहुत पहले मौत हो गई थी और उनकी मां मनरेगा में मजदूरी करती थीं. जब तीसरी कक्षा में नैतिक शिक्षा की किताबों में योग की फोटो देखते थे, तभी यह तय कर लिया था कि वह भी एक दिन इसी तरह योग करेंगे. स्कूल की किताबों में पढ़कर आसन सीख लिए, लेकिन तभी किसी ने बताया कि सुबह-सुबह टीवी पर योग देखना चाहिए. उस वक्त जयपाल अपने ननिहाल में थे और वहां भी घर पर टीवी नहीं था.
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पड़ोस में सुबह-सुबह योग का चैनल चलता था, लेकिन जयपाल को वहां जाने नहीं दिया जाता था. उनके कमरे की खिड़की से योग करते हुए टीवी देखते और खुद वहीं पर योग करने लग जाते. जब कुछ आसन सीख गए तो गांव में लोगों को बताने लगे. सीकर में एक शिविर में योग करने का मौका मिला तो पतंजलि के प्रबंधकों की नजर उन पर पड़ी. उन्हें हरिद्वार जाने के लिए कहा गया, लेकिन उनके पास तो हरिद्वार का किराया भी नहीं था.
पतंजलि के प्रबंधक खुद उन्हें हरिद्वार लेकर गए और वहां पर बाबा रामदेव के सामने जब उनकी ट्रायल हुई तो हर कोई दंग रह गया. इसके बाद बाबा रामदेव के सामने ही उन्होंने 3 घंटा 33 मिनट शीर्षासन कर विश्व रिकॉर्ड बनाया. जयपाल प्रजापत ने तय कर लिया है कि अब वे जल्दी ही संन्यास लेंगे और योग को ही अपना जीवन बनाएंगे. फिलहाल जिले के गाडोदा मठ में योग अभ्यास में जुटे हैं.