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निकाय चुनाव 2019: जब ईटीवी भारत की टीम सीकर पहुंची वहां की हकीकत जानने...

सीकर नगर परिषद चुनाव के लिए मतदान में महज 3 दिन का वक्त बचा है और प्रचार में सिर्फ 2 दिन का समय शेष रहा है. निकाय चुनाव से पहले ईटीवी भारत ने लोगों से जमीनी हकीकत जानी तो ये बड़े मुद्दें सामने निकलकर आए.

sikar local body election, सीकर के निकाय चुनाव
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Published : Nov 13, 2019, 5:01 PM IST

Updated : Nov 15, 2019, 11:50 AM IST

सीकर. नगर परिषद चुनाव के लिए मतदान में महज 3 दिन का वक्त बचा है और प्रचार में सिर्फ 2 दिन का. नगर परिषद चुनाव को लेकर सरगर्मियां जोरों पर है और राजनीतिक दल अपने-अपने प्रत्याशियों को जिताने के लिए पूरी ताकत झोंक रहे हैं, लेकिन जनता के अपने मुद्दे हैं और अपनी-अपनी मांग है.

वार्ड 23 की जमीनी हकीकत

हर चुनाव में सड़क, बिजली, पानी और सफाई यही मुद्दें रहते हैं. ईटीवी भारत ने शहर के दो वार्डो में जमीनी हकीकत जानने की कोशिश की और लोगों से सीधा संवाद किया. सीकर शहर के वार्ड 23 में हालांकि सड़कों की स्थिति ठीक है लेकिन सफाई व्यवस्था से लोग खुश नजर नहीं आए. यहां पर सफाई के साथ-साथ स्ट्रीट लाइट भी बड़ा मुद्दा है. इसके अलावा आवारा पशुओं ने तो पूरे शहर के लोगों को परेशान कर ही रखा है. लेकिन लोगों से बातचीत के आधार पर यह सामने आया कि समस्याओं से ज्यादा व्यक्तिगत मुद्दे हावी हैं.

यहां चुनाव अभी या तो जाति और धर्म के नाम पर लड़ा जा रहा है या फिर स्थानीय प्रत्याशी की छवि पर. मुद्दों को ज्यादा हवा नहीं दी जा रही है. लोगों का कहना है कि पहले भी जिस तरह से काम हुआ था वैसे ही आगे होते रहेंगे. हालांकि कुछ लोग विकास की बात करते भी नजर आते हैं.

पढ़ें: केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी और सांसद बेनीवाल की गाड़ी पर हमला, कांग्रेस समर्थकों पर लगाया आरोप

शहर के वार्ड संख्या 33 का कुछ ये रहा हाल

वार्ड संख्या 33 का कुछ ये रहा हाल

यही हाल शहर के वार्ड 33 का है. वैसे तो यह सीकर शहर के सबसे पॉश इलाके का वार्ड है, इसलिए यहां पर सड़कों की और सफाई की समस्या ज्यादा नहीं है. लेकिन कुछ इलाके में पेयजल और आवारा पशुओं की बड़ी समस्या है. इसके बाद भी यहां के लोग केवल अपने पिछले पार्षद के कार्यकाल का गुणगान करते नजर आए और उन्होंने कहा कि उनके पार्षद ने अच्छा काम किया. लेकिन इस बार वार्ड आरक्षित होने की वजह से वे चुनाव नहीं लड़ पा रहे हैं.

सीकर. नगर परिषद चुनाव के लिए मतदान में महज 3 दिन का वक्त बचा है और प्रचार में सिर्फ 2 दिन का. नगर परिषद चुनाव को लेकर सरगर्मियां जोरों पर है और राजनीतिक दल अपने-अपने प्रत्याशियों को जिताने के लिए पूरी ताकत झोंक रहे हैं, लेकिन जनता के अपने मुद्दे हैं और अपनी-अपनी मांग है.

वार्ड 23 की जमीनी हकीकत

हर चुनाव में सड़क, बिजली, पानी और सफाई यही मुद्दें रहते हैं. ईटीवी भारत ने शहर के दो वार्डो में जमीनी हकीकत जानने की कोशिश की और लोगों से सीधा संवाद किया. सीकर शहर के वार्ड 23 में हालांकि सड़कों की स्थिति ठीक है लेकिन सफाई व्यवस्था से लोग खुश नजर नहीं आए. यहां पर सफाई के साथ-साथ स्ट्रीट लाइट भी बड़ा मुद्दा है. इसके अलावा आवारा पशुओं ने तो पूरे शहर के लोगों को परेशान कर ही रखा है. लेकिन लोगों से बातचीत के आधार पर यह सामने आया कि समस्याओं से ज्यादा व्यक्तिगत मुद्दे हावी हैं.

यहां चुनाव अभी या तो जाति और धर्म के नाम पर लड़ा जा रहा है या फिर स्थानीय प्रत्याशी की छवि पर. मुद्दों को ज्यादा हवा नहीं दी जा रही है. लोगों का कहना है कि पहले भी जिस तरह से काम हुआ था वैसे ही आगे होते रहेंगे. हालांकि कुछ लोग विकास की बात करते भी नजर आते हैं.

पढ़ें: केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी और सांसद बेनीवाल की गाड़ी पर हमला, कांग्रेस समर्थकों पर लगाया आरोप

शहर के वार्ड संख्या 33 का कुछ ये रहा हाल

वार्ड संख्या 33 का कुछ ये रहा हाल

यही हाल शहर के वार्ड 33 का है. वैसे तो यह सीकर शहर के सबसे पॉश इलाके का वार्ड है, इसलिए यहां पर सड़कों की और सफाई की समस्या ज्यादा नहीं है. लेकिन कुछ इलाके में पेयजल और आवारा पशुओं की बड़ी समस्या है. इसके बाद भी यहां के लोग केवल अपने पिछले पार्षद के कार्यकाल का गुणगान करते नजर आए और उन्होंने कहा कि उनके पार्षद ने अच्छा काम किया. लेकिन इस बार वार्ड आरक्षित होने की वजह से वे चुनाव नहीं लड़ पा रहे हैं.

Intro:सीकर
सीकर में नगर परिषद चुनाव के लिए मतदान में महज 3 दिन का वक्त बचा है और प्रचार में सिर्फ 2 दिन का। नगर परिषद चुनाव को लेकर सरगर्मियां जोरों पर है और राजनीतिक दल अपने-अपने प्रत्याशियों को जिताने के लिए पूरी ताकत झोंक रहे हैं। लेकिन जनता के अपने मुद्दे हैं और अपनी-अपनी मांग है। उनको पूरा करने के लिए लंबे समय से चुनाव में वादे हो रहे हैं। हर चुनाव में सड़क बिजली पानी सफाई यही मुद्दे रहते हैं।ईटीवी भारत ने शहर के दो वार्डो में लोगों से बातचीत की।


Body:सीकर शहर के वार्ड 23 में हालांकि सड़कों की स्थिति ठीक है लेकिन सफाई व्यवस्था से लोग खुश नजर नहीं आए। यहां पर सफाई के साथ-साथ स्ट्रीट लाइट भी बड़ा मुद्दा है इसके अलावा आवारा पशुओं ने तो पूरे शहर के लोगों को परेशान कर ही रखा है। लेकिन लोगों से बातचीत के आधार पर यह सामने आया कि समस्याओं से ज्यादा व्यक्तिगत मुद्दे हावी हैं। चुनाव अभी या तो जाति और धर्म के नाम पर लड़ा जा रहा है या फिर स्थानीय प्रत्याशी की छवि पर। मुद्दों को ज्यादा हवा नहीं दी जा रही है लोगों का कहना है कि पहले भी जिस तरह से काम हुई थी वैसे ही आगे होते रहेंगे हालांकि कुछ लोग विकास की बात करते भी नजर आते हैं।

यही हाल शहर के वार्ड 33 का है वैसे तो यह सीकर शहर के सबसे पॉश इलाके का वार्ड है इसलिए यहां पर सड़कों की और सफाई की ज्यादा समस्या नहीं है लेकिन कुछ इलाके में पेयजल और आवारा पशुओं की बड़ी समस्या है। इसके बाद भी यहां के लोग केवल अपने पिछले पार्षद के कार्यकाल का गुणगान करते नजर आए और उन्होंने कहा कि उनके पार्षद ने अच्छा काम किया लेकिन इस बार वार्ड आरक्षित होने की वजह से वे चुनाव नहीं लड़ पा रहे हैं।


Conclusion:
Last Updated : Nov 15, 2019, 11:50 AM IST
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