सीकर. नगर परिषद चुनाव के लिए मतदान में महज 3 दिन का वक्त बचा है और प्रचार में सिर्फ 2 दिन का. नगर परिषद चुनाव को लेकर सरगर्मियां जोरों पर है और राजनीतिक दल अपने-अपने प्रत्याशियों को जिताने के लिए पूरी ताकत झोंक रहे हैं, लेकिन जनता के अपने मुद्दे हैं और अपनी-अपनी मांग है.
हर चुनाव में सड़क, बिजली, पानी और सफाई यही मुद्दें रहते हैं. ईटीवी भारत ने शहर के दो वार्डो में जमीनी हकीकत जानने की कोशिश की और लोगों से सीधा संवाद किया. सीकर शहर के वार्ड 23 में हालांकि सड़कों की स्थिति ठीक है लेकिन सफाई व्यवस्था से लोग खुश नजर नहीं आए. यहां पर सफाई के साथ-साथ स्ट्रीट लाइट भी बड़ा मुद्दा है. इसके अलावा आवारा पशुओं ने तो पूरे शहर के लोगों को परेशान कर ही रखा है. लेकिन लोगों से बातचीत के आधार पर यह सामने आया कि समस्याओं से ज्यादा व्यक्तिगत मुद्दे हावी हैं.
यहां चुनाव अभी या तो जाति और धर्म के नाम पर लड़ा जा रहा है या फिर स्थानीय प्रत्याशी की छवि पर. मुद्दों को ज्यादा हवा नहीं दी जा रही है. लोगों का कहना है कि पहले भी जिस तरह से काम हुआ था वैसे ही आगे होते रहेंगे. हालांकि कुछ लोग विकास की बात करते भी नजर आते हैं.
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शहर के वार्ड संख्या 33 का कुछ ये रहा हाल
यही हाल शहर के वार्ड 33 का है. वैसे तो यह सीकर शहर के सबसे पॉश इलाके का वार्ड है, इसलिए यहां पर सड़कों की और सफाई की समस्या ज्यादा नहीं है. लेकिन कुछ इलाके में पेयजल और आवारा पशुओं की बड़ी समस्या है. इसके बाद भी यहां के लोग केवल अपने पिछले पार्षद के कार्यकाल का गुणगान करते नजर आए और उन्होंने कहा कि उनके पार्षद ने अच्छा काम किया. लेकिन इस बार वार्ड आरक्षित होने की वजह से वे चुनाव नहीं लड़ पा रहे हैं.