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स्पेशल: यहां राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर उठापटक जारी, कई नेता आस लगाए बैठे

प्रदेश में राजनीतिक नियुक्तियों का काउंटडाउन शुरू हो चुका है. कांग्रेस के नेता इसके लिए अभी से भागदौड़ में जुटे हैं. इन राजनीतिक नियुक्तियों में सीकर को काफी उम्मीद हैं. यह उम्मीद इसलिए भी है कि सीकर जिला हमेशा से कांग्रेस का गढ़ रहा है.

Sikar Congress leaders, political appointments
राजनीतिक नियुक्तियों से सीकर को बड़ी उम्मीद, देखिए स्पेशल रिपोर्ट...
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Published : Dec 3, 2019, 2:11 PM IST

सीकर. प्रदेश में जब-जब कांग्रेस की सरकार होती है. तब-तब सीकर की सत्ता में हमेशा बड़ी भागीदारी रही है. पिछली गहलोत सरकार के वक्त सीकर से राजेंद्र पारीक कैबिनेट मंत्री थे, दीपेंद्र सिंह विधानसभाध्यक्ष थे. जबकि उस वक्त तो जिले में कांग्रेस के पांच ही विधायक थे.

राजनीतिक नियुक्तियों से सीकर को बड़ी उम्मीद, देखिए स्पेशल रिपोर्ट...

लेकिन विधानसभा चुनाव के बाद सीकर के सभी आठों विधायक कांग्रेस के पाले में हैं. प्रदेश का यह एकमात्र जिला है, जहां से भाजपा का एक भी विधायक नहीं है. इसलिए भी यहां के कांग्रेस कार्यकर्ताओं की उम्मीद बड़ी है. हालांकि 8 विधायक होने के बाद भी केवल एक राज्यमंत्री का पद सीकर को मिला है. गोविंद सिंह डोटासरा के अलावा किसी को बड़ी जिम्मेदारी नहीं मिली. इस वजह से माना जा रहा है कि राजनीतिक नियुक्तियों में इस बार भी सीकर का दबदबा रहेगा.

पढ़ें- इस माह के अंत तक हो सकती है राजनीतिक नियुक्तियों की घोषणाएं

पिछली सरकार में इनको मिली थी जिम्मेदारी...

पिछली गहलोत सरकार के वक्त सीकर के वरिष्ठ नेताओं को तवज्जो मिली थी. चौधरी नारायण सिंह को किसान आयोग का अध्यक्ष बनाया गया था, तो परसराम मोरदिया आवासन मंडल के अध्यक्ष थे. इसके अलावा जिला स्तर पर भी कई कार्यकर्ताओं को नियुक्ति मिली थी.

पढ़ें- अब जिला स्तर पर भी होगा जनसुनवाई कार्यक्रम, मंत्री परिषद की बैठक में हुआ निर्णय

जिला स्तर से प्रदेश स्तर तक इन नेताओं को उम्मीद...

सीकर से कांग्रेस के जिलाध्यक्ष पीएस जाट ने भी राजनीतिक नियुक्ति के लिए दावेदारी की है. माना जा रहा है कि उन्हें प्रदेश स्तर पर किसी आयोग में जिम्मेदारी मिल सकती है. इसके अलावा सीकर जिला स्तर पर यूआईटी अध्यक्ष और बीसुका उपाध्यक्ष दो बड़ी जिम्मेदारी है. इन पर कई नेताओं की नजर है. सीकर के कई कांग्रेस कार्यकर्ता भी प्रदेश में किसी आयोग में सदस्य का सपना देख रहे हैं.

सीकर. प्रदेश में जब-जब कांग्रेस की सरकार होती है. तब-तब सीकर की सत्ता में हमेशा बड़ी भागीदारी रही है. पिछली गहलोत सरकार के वक्त सीकर से राजेंद्र पारीक कैबिनेट मंत्री थे, दीपेंद्र सिंह विधानसभाध्यक्ष थे. जबकि उस वक्त तो जिले में कांग्रेस के पांच ही विधायक थे.

राजनीतिक नियुक्तियों से सीकर को बड़ी उम्मीद, देखिए स्पेशल रिपोर्ट...

लेकिन विधानसभा चुनाव के बाद सीकर के सभी आठों विधायक कांग्रेस के पाले में हैं. प्रदेश का यह एकमात्र जिला है, जहां से भाजपा का एक भी विधायक नहीं है. इसलिए भी यहां के कांग्रेस कार्यकर्ताओं की उम्मीद बड़ी है. हालांकि 8 विधायक होने के बाद भी केवल एक राज्यमंत्री का पद सीकर को मिला है. गोविंद सिंह डोटासरा के अलावा किसी को बड़ी जिम्मेदारी नहीं मिली. इस वजह से माना जा रहा है कि राजनीतिक नियुक्तियों में इस बार भी सीकर का दबदबा रहेगा.

पढ़ें- इस माह के अंत तक हो सकती है राजनीतिक नियुक्तियों की घोषणाएं

पिछली सरकार में इनको मिली थी जिम्मेदारी...

पिछली गहलोत सरकार के वक्त सीकर के वरिष्ठ नेताओं को तवज्जो मिली थी. चौधरी नारायण सिंह को किसान आयोग का अध्यक्ष बनाया गया था, तो परसराम मोरदिया आवासन मंडल के अध्यक्ष थे. इसके अलावा जिला स्तर पर भी कई कार्यकर्ताओं को नियुक्ति मिली थी.

पढ़ें- अब जिला स्तर पर भी होगा जनसुनवाई कार्यक्रम, मंत्री परिषद की बैठक में हुआ निर्णय

जिला स्तर से प्रदेश स्तर तक इन नेताओं को उम्मीद...

सीकर से कांग्रेस के जिलाध्यक्ष पीएस जाट ने भी राजनीतिक नियुक्ति के लिए दावेदारी की है. माना जा रहा है कि उन्हें प्रदेश स्तर पर किसी आयोग में जिम्मेदारी मिल सकती है. इसके अलावा सीकर जिला स्तर पर यूआईटी अध्यक्ष और बीसुका उपाध्यक्ष दो बड़ी जिम्मेदारी है. इन पर कई नेताओं की नजर है. सीकर के कई कांग्रेस कार्यकर्ता भी प्रदेश में किसी आयोग में सदस्य का सपना देख रहे हैं.

Intro:
-राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ता लगाने लगे जयपुर के चक्कर 

- पिछली बार भी सीकर को मिले थे प्रदेश में कई अहम पद 

सीकर 

प्रदेश में राजनीतिक नियुक्तियों का काउंटडाउन शुरू हो चुका है। कांग्रेस के नेता इसके लिए अभी से भागदौड़ में जुटे हैं। इन नियुक्तियों में सीकर को काफी उम्मीद हैं। यह उम्मीद इसलिए भी हैं कि सीकर जिला हमेशा से कांग्रेस का गढ़ रहा है। विधानसभा चुनाव के बाद सीकर के सभी आठों विधायक कांग्रेस के पाले में है। प्रदेश का यह एकमात्र जिला है जहां से भाजपा का एक भी विधायक नहीं है। इसलिए भी यहां के कांग्रेस कार्यकर्ताओं की उम्मीद बड़ी है।





Body:प्रदेश में जब जब कांग्रेस की सरकार होती है तब तब सीकर की राज में हमेशा बड़ी भागीदारी रही है। पिछली गहलोत सरकार के वक्त सीकर से राजेंद्र पारीक केबिनेट मंत्री थे, दीपेंद्र सिंह विधानसभाध्यक्ष थे। जबकि उसवक्त तो जिले में कांग्रेस के पांच ही विधायक थे लेकिन इस बार आठ विधायक होने के बाद भी केवल एक राज्यमंत्री का पद सीकर को मिला है। गोविंद सिंह डोटासरा के अलावा किसी को बड़ी जिम्मेदारी नहीं मिली। इस वजह से माना जा रहा है कि राजनीतिक नियुक्तियों में इस बार भी सीकर का दबदबा रहेगा। 


पिछली सरकार में इनको मिली थी जिम्मेदारी 

पिछली गहलोत सरकार के वक्त सीकर के वरिष्ठ नेताओं को तवज्जो मिली थी। चौधरी नारायण सिंह को किसान आयोग का अध्यक्ष बनाया गया था तो परसराम मोरदिया आवासन मंडल के अध्यक्ष थे। इसके अलावा जिला स्तर पर भी कई कार्यकर्ताओं को नियुक्ति मिली थी। 


इस बार जिला स्तर से प्रदेश स्तर तक इन नेताओं को उम्मीद 

सीकर से कांग्रेस के जिलाध्यक्ष पीएस जाट ने भी राजनीतिक नियुक्ति के लिए दावेदारी की है। माना जा रहा है कि उन्हें प्रदेश स्तर पर किसी आयोग में जिम्मेदारी मिल सकती है। इसके अलावा सीकर जिला स्तर पर यूआईटी अध्यक्ष और बीसुका उपाध्यक्ष दो बड़ी जिम्मेदारी हैं। इन पर कई नेताओं की नजर है। सीकर के कई कांग्रेस कार्यकर्ता भी प्रदेश में किसी आयोग में सदस्य का सपना देख रहे हैं। 





Conclusion:बाईट
पीएस जाट, कांग्रेस जिलाध्यक्ष सीकर
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