सीकर. भारत सरकार के विशेष मिशन के तहत सीकर के राजीव कुमार 3 बार अंटार्कटिका जा चुके हैं. 13 महीने तक माइनस 40 डिग्री तापमान में रहकर भारत सरकार के रिसर्च मिशन को आगे बढ़ाने वाले सीकर के राजीव कुमार बिरड़ा अब कोराना को लेकर रिसर्च कर रहे हैं. गुजरात के रेलवे अस्पताल में करीब एक हजार कोरोना पॉजिटिव से मिलकर रिसर्च को अब तक आगे बढ़ा चुके हैं. साथ ही खुद के स्तर पर भी कोरोना को लेकर एक रिसर्च जारी किया है.
सीकर जिले के रिणाऊ गांव के रहने वाले राजीव कुमार बिरड़ा 3 बार भारत सरकार के मिशन के तहत अंटार्कटिका जा चुके हैं. तीनों बार वे 13-13 महीने तक वहां रहे हैं. इस बार जनवरी में वहां से आए थे. इसके बाद कोरोना महामारी फैली तो इसी पर रिसर्च शुरू कर दिया.
रिसर्च में यह आया सामने...
राजीव ने सबसे पहले 30 पॉजिटिव लोगों का चयन कर उन पर कोरोना को लेकर रिसर्च किया. करीब एक महीने तक रिसर्च के बाद इन्होंने इसकी रिपोर्ट जारी की. इनके शोध के अनुसार 56.06 प्रतिशत लोग यह मानते हैं कि कोरोना महामारी से उनको मानसिक रूप से बहुत मजबूती मिली है. इसके अलावा 23.03 प्रतिशत लोग भविष्य को लेकर काफी चिंतित नजर आए हैं. कोरोना के बाद भी 13.3 प्रतिशत लोगों में कोई बदलाव नहीं आया है. वहीं, 6.6 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जो काफी अवसाद में हैं और उन्हें सरकार से आगे भी मदद की जरुरत है.
रेलवे ने राजीव से किया है अनुबंध
इस रिसर्च के बाद रेलवे ने राजकोट अस्पताल में भर्ती होने वाले कोरोना पॉजिटिव पर रिसर्च के लिए इनसे अनुबंध किया है. इसके तहत अब तक करीब एक हजार कोरोना पॉजिटिव से ये रिसर्च कर चुके हैं. इस रिसर्च का डाटा हर दिन सरकार के पास जाते हैं. इसके अलावा कोरोना पॉजिटिव को योगाभ्यास भी करवाते हैं. राजीव का कहना है कि जब तक कोरोना वायरस का कहर रहेगा उनका रिसर्च जारी रहेगा.
चौथी बार जा सकते हैं अंटार्कटिका
राजीव कुमार बिरड़ा इस बार चौथी बार भारत सरकार के मिशन के तहत अंटार्कटिका जा सकते हैं. इस बार नए लोगों की ट्रेनिंग नहीं हो पाई. इसलिए माना जा रहा है कि कोरोना की वजह से अनुभवी लोगों को ही वहां पर भेजा जाएगा. राजीव का कहना है कि अगर सरकार मौका देती है तो वहां फिर जाएंगे.