सीकर. राजस्थान सरपंच संघ अपनी 20 सूत्रीय मांगों को लेकर पिछले काफी समय से संघर्ष कर रहे हैं. ऐसे में संघ की प्रदेश स्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया कि 5 मार्च को संघ की ओर से कार्यशालाओं का बहिष्कार किया जाएगा और 8 मार्च को सरपंच संघ द्वारा मुख्यमंत्री और राजयपाल को मांगपत्र दिया जाएगा, जिसके समबन्ध में सीकर में पोलो ग्राउंड स्थित एक निजी होटल में प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया. इसमें राजस्थान सरपंच संघ के राजस्थान प्रभारी मेहर सिंह ने बताया कि राजस्थान सरपंच संघ पिछले दो महीने से पंचायती राज की 20 सूत्रीय मांगों को लेकर सरकार से अनुरोध कर रहा है, जिसमें उपखण्ड अधिकारी, जिला कलेक्टर, मुख्यमंत्री एवं राज्यपाल को ज्ञापन भी दिया जा चुका है.
उन्होंने कहा कि थोड़े दिन पहले राहुल गांधी राजस्थान दौरे पर आए थे तब भी हमने उनको अपना मांगपत्र दिया था, लेकिन अभी तक किसी भी प्रकार की सरकार से सुविधा नहीं मिलने की वजह से और हमारे पीडीए खातों को कन्वर्ट करने की वजह से जब हमारे अधिकारों को छीन लिया गया है. ऐसे में सरपंच संघ ने इसका विरोध किया, तो फलस्वरूप सरकार ने यह निर्णय वापस ले लिया, लेकिन उससे भी हमे कोई फायदा नहीं हुआ क्योंकि हमारी पिछले दो सालों से SFC और HFC का पैसा है और छटे वित्त आयोग का गठन होना था, जो कि पंचायती राज की कानून प्रणाली में भी संशोधित है. ऐसे में पंचायती राज की विकास की स्थिति ठप होने की कगार पर है और 24 फरवरी को जो राज्य बजट पेश हुआ, उसमे मुख्यमंत्री द्वारा पंचायती राज का जिक्र तक नहीं किया गया. इसको लेकर पूरे राज्यों के सरपंचों में नाराजगी है.
यह भी पढ़ें- कांग्रेस विधायक ने अपनी ही सरकार पर खड़े किए सवाल, कहा- अंधे पीसे, कुत्ते खाये जैसी हालत
उन्होंने कहा कि हमारी प्रदेश स्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया कि 5 मार्च को हमारी कार्यशालाओं का बहिष्कार किया जाएगा और 8 मार्च को शान्तिपूरक तरीके से राजस्थान सरपंच संघ मुख्यमंत्री को अपना मांगपत्र देगा और इसकी तैयारी के लिए हमारे प्रभारी सभी जिलों में जा रहे हैं और वहां के सरपंचो से सम्पर्क कर रहे हैं. सरपंच भी स्वंय ही अपनी मांगों को लेकर आगे आ रहे हैं, तो ऐसे में 8 मार्च को सरपंच बड़ी संख्या में विधानसभा पहुंचेगा और मुख्यमंत्री को मांगपत्र देगा.