सीकर. केंद्र सरकार 1 फरवरी को आम बजट पेश करने जा रही है और इस बजट में किसानों को काफी उम्मीदें हैं. खासतौर पर सीकर के किसानों को बजट से बड़ी उम्मीदें हैं. सीकर के किसान चाहते हैं कि सरकार किसानों को लेकर अहम फैसले ले. जिससे की किसानों की हालत सुधरे.
सीकर के किसानों के कई अहम मुद्दे
जिले में किसानों के लिए कई अहम मुद्दे हैं. जिले के किसान चाहते हैं कि केंद्र सरकार लागत का दोगुना मूल्य निर्धारित करें. जिससे की उन्हें फसलों का उचित भाव मिल सके. लंबे समय से किसान संगठन भी यह मांग कर रहे हैं और अब बजट नजदीक आने से एक बार फिर यह मांग जोर पकड़ने लगी है. इसके अलावा सीकर जिले में प्याज की खेती सबसे ज्यादा होती है और सीकर का किसान प्याज के सीजन में अपना प्याज कौड़ियों के भाव बेचता है और उसके बाद वहीं प्याज बाजार में महंगे भाव में बिकता है. किसानों को उम्मीद है कि सरकार खरीद नीति बनाए जिससे कि उचित दामों पर फसलों की खरीद हो.
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स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने की भी मांग
इसके अलावा किसानों की एक और बड़ी मांग है कि सरकार बाहर से अनाज का आयात करना बंद करें, क्योंकि बाहर से सरकार महंगे दामों में अनाज खरीदती है. अगर उतना ही दाम यहां तय किया जाए तो यहां का किसान उतनी फसल पैदा कर सकता है, लेकिन सरकार ने ऐसी कोई नीति नहीं बना रखी है. इसके अलावा स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने की मांग भी किसानों के लिए सबसे बड़ी है. जिससे की फसलों का उचित मूल्य मिल सके. इसे अलावा बड़ा प्याज उत्पादक जिला होने के बाद भी सीकर में प्याज के स्टोरेज की कोई व्यवस्था नहीं है.
अतिवृष्टि और ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों की मुआवजे की मांग
सीकर जिले में कुछ दिन पहले हुई ओलावृष्टि से किसानों की फसलें तबाह हो गई. इसके बाद भी उन्हें कोई मुआवजा नहीं मिला है. किसान चाहते हैं कि उन्हें मुआवजा दिया जाए.
टिड्डी का प्रकोप सीकर में नहीं
सीकर जिले में अभी तक कहीं भी टिड्डी दल का प्रकोप सामने नहीं आया है. इसलिए यहां के किसान अभी तक इस समस्या से पीड़ित नहीं है. लेकिन ओलावृष्टि और अतिवृष्टि की मार हमेशा किसानों पर पड़ती रही है.
जीएसटी से बाहर हो फर्टिलाइजर और पेस्टिसाइड
सीकर जिले के बीज विक्रेताओं की मांग है कि फर्टिलाइजर और पेस्टिसाइड को जीएसटी से बाहर किया जाए. जिससे की किसानों को सस्ते उर्वरक मिल सके.
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1 फरवरी को पेश होगा बजट 2020
वित्त वर्ष 2020-21 के लिए आम बजट एक फरवरी 2020 को पेश होगा.बता दें कि यह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का दूसरा बजट होगा. वहीं इस बजट से लोगों को काफी उम्मीदें हैं. याद रहे कि एक फरवरी 2019 को पीयूष गोयल द्वारा अंतरिम बजट पेश किया गया था. इसके बाद 5 जुलाई 2019 को निर्मला सीतारमण ने आम बजट पेश किया था. इस बजट को लेकर देश को बहुत उम्मीदें है, खास तौर पर रोजगार और किसानों के मोर्चे पर. ऐसे में देखना होगा कि आम बजट 2020 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का पिटारा क्या लेकर आएगा.