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सीकर: करीब आधे घंटे हुई ओलावृष्टि से किसानों की फसलें बर्बाद

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Published : Dec 13, 2019, 3:12 AM IST

अचानक बदले मौसम के मिजाज के साथ ही सीकर के धोद क्षेत्र में भयंकर ओलावृष्टि हुई. जिसमें किसानों की लगभग 80 प्रतिशत फसलें बर्बाद हो गईं. ऐसे में किसानों का कहना है कि वे सरकार से मुआवजे की गुहार लगाएंगे.

hail fell in Sikar, सीकर न्यूज
करीब आधे घंटे हुई ओलावृष्टि से किसानों की फसलें बर्बाद

धोद (सीकर ). अचानक बदले मौसम के मिजाज के साथ ही धोद के लोसल इलाके में शाम को भयंकर ओलावृष्टि हुई. जिसमें किसानों की फसलें बर्बाद हो गई. किसानों ने बताया कि इलाके में करीब आधे घंटे तक नींबू से बड़े आकार के ओले गिरे. उन्होंने बताया कि इतनी ओलावृष्टि हुई कि पूरी जमीन बर्फ से ढक गई.

करीब आधे घंटे हुई ओलावृष्टि से किसानों की फसलें बर्बाद

भारी ओलावृष्टि से किसानों की प्याज, गोभी, सब्जी की फसलों सहित गेहूं, सरसों, जौ, चना आदि की फसलें भी बर्बाद हो गईं. साथ ही किसानों ने बताया कि इलाके में करीब 80-90 प्रतिशत फसलें खराब हुई हैं. इस ओलावृष्टि में बड़ी संख्या में पक्षियों की भी मौत हुई है. पेड़-पौधों पर लगे पत्ते भी झड़कर जमीन पर गिर गए.

पढ़ें- अलवरः मुंडावर में तेज बारिश के दौरान आकाशीय बिजली गिरने से एक घायल, दो मवेशी की मौत

वहीं कुछ किसानों ने कर्ज लेकर फसलों की बुआई की थी. लेकिन ओलावृष्टि ने किसानों की फसलें ही खत्म कर दी. जिससे किसानों का कर्ज चुकाना मुश्किल है. ओलावृष्टि से बर्बाद हुए किसानों के सामने अब सरकार से सहायता के अलावा कुछ भी नहीं बचा है. किसानों ने बताया कि वह अभी प्रशासन से मुआवजे की गुहार लगाएंगे.

राजसमंद में बदला मौसम का मिजाज, बारिश से बढ़ी सर्दी

राजसमंद के देवगढ़ लसानी सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में गुरुवार देर शाम को मौसम का मिजाज बदला और तेज हवा के साथ रिमझिम बारिश का दौर शुरू हुआ जो कि झमाझम बारिश में बदल गया. जहां एक और बेमौसम बारिश से किसानों को फसल खराब होने की चिंता मंडरा रही है. वहीं दूसरी तरफ राजसमंद के बाशिंदों को भी सर्दी के तीखे तेवरों से और ज्यादा सामना करना पड़ रहा है.

राजसमंद में बदला मौसम का मिजाज, बारिश से बढ़ी सर्दी

वहीं बारिश के बाद तापमान में भी गिरावट आई. जहां अधिकतम तापमान 27.5 डिग्री सेल्सियस रहा. वहीं न्यूनतम तापमान भी 10 डिग्री सेल्सियस जा पहुंचा. देखना होगा कि बेमौसम हुई बारिश के कारण किसानों को कितनी समस्या होती है. क्योंकि जहां उनकी फसलों को इस बारिश से खराब होने की चिंता मंडरा रही है.

धोद (सीकर ). अचानक बदले मौसम के मिजाज के साथ ही धोद के लोसल इलाके में शाम को भयंकर ओलावृष्टि हुई. जिसमें किसानों की फसलें बर्बाद हो गई. किसानों ने बताया कि इलाके में करीब आधे घंटे तक नींबू से बड़े आकार के ओले गिरे. उन्होंने बताया कि इतनी ओलावृष्टि हुई कि पूरी जमीन बर्फ से ढक गई.

करीब आधे घंटे हुई ओलावृष्टि से किसानों की फसलें बर्बाद

भारी ओलावृष्टि से किसानों की प्याज, गोभी, सब्जी की फसलों सहित गेहूं, सरसों, जौ, चना आदि की फसलें भी बर्बाद हो गईं. साथ ही किसानों ने बताया कि इलाके में करीब 80-90 प्रतिशत फसलें खराब हुई हैं. इस ओलावृष्टि में बड़ी संख्या में पक्षियों की भी मौत हुई है. पेड़-पौधों पर लगे पत्ते भी झड़कर जमीन पर गिर गए.

पढ़ें- अलवरः मुंडावर में तेज बारिश के दौरान आकाशीय बिजली गिरने से एक घायल, दो मवेशी की मौत

वहीं कुछ किसानों ने कर्ज लेकर फसलों की बुआई की थी. लेकिन ओलावृष्टि ने किसानों की फसलें ही खत्म कर दी. जिससे किसानों का कर्ज चुकाना मुश्किल है. ओलावृष्टि से बर्बाद हुए किसानों के सामने अब सरकार से सहायता के अलावा कुछ भी नहीं बचा है. किसानों ने बताया कि वह अभी प्रशासन से मुआवजे की गुहार लगाएंगे.

राजसमंद में बदला मौसम का मिजाज, बारिश से बढ़ी सर्दी

राजसमंद के देवगढ़ लसानी सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में गुरुवार देर शाम को मौसम का मिजाज बदला और तेज हवा के साथ रिमझिम बारिश का दौर शुरू हुआ जो कि झमाझम बारिश में बदल गया. जहां एक और बेमौसम बारिश से किसानों को फसल खराब होने की चिंता मंडरा रही है. वहीं दूसरी तरफ राजसमंद के बाशिंदों को भी सर्दी के तीखे तेवरों से और ज्यादा सामना करना पड़ रहा है.

राजसमंद में बदला मौसम का मिजाज, बारिश से बढ़ी सर्दी

वहीं बारिश के बाद तापमान में भी गिरावट आई. जहां अधिकतम तापमान 27.5 डिग्री सेल्सियस रहा. वहीं न्यूनतम तापमान भी 10 डिग्री सेल्सियस जा पहुंचा. देखना होगा कि बेमौसम हुई बारिश के कारण किसानों को कितनी समस्या होती है. क्योंकि जहां उनकी फसलों को इस बारिश से खराब होने की चिंता मंडरा रही है.

Intro:धोद (सीकर )

धोद इलाके के लोसल इलाके में। अचानक बदले मौसम के मिजाज के साथ ही इलाके में शाम को भयंकर ओलावृष्टि हुई जिसमें किसानों की फसलें बर्बाद हो गई। देखते ही देखते आंखों के सामने किसानो का सब कुछ बर्बाद हो गया इलाके के भीमा,बुरड़कों की ढाणी,पिथजी की ढाणी,शेषमा की ढाणी,जाना,मंगरासी इलाके में जमकर ओलावृष्टि हुई। किसान पूरणमल जाट, रामेश्वरलाल,नोलाराम,मुन्नालाल, रामूराम डूडी ,राम गोपाल जाट,खेताराम आदि ने बताया कि इलाके में करीब आधे घंटे तक नींबू से बड़े आकार के ओले गिरे। उन्होंने बताया कि इतनी ओलावृष्टि हुई की बर्फ से पूरी जमीन ढक गई। Body:
धोद इलाके के लोसल इलाके में। अचानक बदले मौसम के मिजाज के साथ ही इलाके में शाम को भयंकर ओलावृष्टि हुई जिसमें किसानों की फसलें बर्बाद हो गई। देखते ही देखते आंखों के सामने किसानो का सब कुछ बर्बाद हो गया इलाके के भीमा,बुरड़कों की ढाणी,पिथजी की ढाणी,शेषमा की ढाणी,जाना,मंगरासी इलाके में जमकर ओलावृष्टि हुई। किसान पूरणमल जाट, रामेश्वरलाल,नोलाराम,मुन्नालाल, रामूराम डूडी ,राम गोपाल जाट,खेताराम आदि ने बताया कि इलाके में करीब आधे घंटे तक नींबू से बड़े आकार के ओले गिरे। उन्होंने बताया कि इतनी ओलावृष्टि हुई की बर्फ से पूरी जमीन ढक गई। भारी ओलावृष्टि में किसानों की प्याज,गोभी,सब्जी की फसलों सहित गेहूं,सरसों,जौ,चना आदि की फसलें भी बर्बाद हो गई । किसानों ने बताया कि इलाके में करीब 80 से 90 प्रतिशत फसलें बर्बाद हुई है। जमकर हुई ओलावृष्टि में बड़ी संख्या में पक्षी भी मारे गए। पेड़ पौधों पर लगे पत्ते भी झड़कर जमीन पर गिर गए। किसानों का कहना है कि कर्ज लेकर फसलों की बुवाई की गई थी । लेकिन मौसम के बदले मिजाज के साथ ही हुई ओलावृष्टि ने किसानों का सब कुछ खत्म कर दिया है । अब किसानों के सामने कर्ज चुकाना मुश्किल हो गया है। किसानों ने मांग की है कि राज्य सरकार द्वारा फसलों में हुए नुकसान का सर्वे करवाकर किसानों को मुआवजा दिया जाए । ओलावृष्टि से बर्बाद हुए किसानों के सामने अब सरकार से सहायता के अलावा कुछ भी नहीं बचा है। किसानों ने बताया कि वह अभी प्रशासन से मुआवजे की गुहार लगाएंगे

सुशील जोशी ईटीवी भारत धोदConclusion:भारी ओलावृष्टि में किसानों की प्याज,गोभी,सब्जी की फसलों सहित गेहूं,सरसों,जौ,चना आदि की फसलें भी बर्बाद हो गई । किसानों ने बताया कि इलाके में करीब 80 से 90 प्रतिशत फसलें बर्बाद हुई है। जमकर हुई ओलावृष्टि में बड़ी संख्या में पक्षी भी मारे गए। पेड़ पौधों पर लगे पत्ते भी झड़कर जमीन पर गिर गए। किसानों का कहना है कि कर्ज लेकर फसलों की बुवाई की गई थी । लेकिन मौसम के बदले मिजाज के साथ ही हुई ओलावृष्टि ने किसानों का सब कुछ खत्म कर दिया है । अब किसानों के सामने कर्ज चुकाना मुश्किल हो गया है। किसानों ने मांग की है कि राज्य सरकार द्वारा फसलों में हुए नुकसान का सर्वे करवाकर किसानों को मुआवजा दिया जाए । ओलावृष्टि से बर्बाद हुए किसानों के सामने अब सरकार से सहायता के अलावा कुछ भी नहीं बचा है। किसानों ने बताया कि वह अभी प्रशासन से मुआवजे की गुहार लगाएंगे

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