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नागौर नगर परिषद सभापति और 7 पालिका अध्यक्षों के लिए वोटिंग कल, कांग्रेस-निर्दलीय प्रत्याशी ने किए जीत के दावें - Nagaur Municipal Council

नगर निकाय चुनाव के तहत नगर परिषद सभापति और 7 नगर पालिकाओं के चुनाव के लिए मतदान 7 फरवरी रविवार को होगा. मतदान समाप्ति के तुरंत बाद मतगणना होगी. वहीं उपाध्यक्ष पद के लिए चुनाव 8 फरवरी को होगा.

नागौर नगर परिषद मतदान, Nagore Municipal Body Election
नागौर नगर परिषद मतदान
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Published : Feb 6, 2021, 10:34 PM IST

नागौर. नगर निकाय चुनाव के तहत नागौर नगर परिषद सभापति और 7 नगर पालिकाओं मुंडवा, मेड़ता, डेगाना, परबतसर और नांवा कूचामन लाडनू के पालिकाध्यक्षों के चुनाव के लिए मतदान 7 फरवरी रविवार को होगा. मतदान समाप्ति के तुरंत बाद मतगणना होगी. वहीं उपाध्यक्ष पद के लिए चुनाव 8 फरवरी को होगा.

नागौर नगर परिषद मतदान

इधर, नागौर नगर परिषद सहित सात पालिकाओं के अध्यक्ष पदों के लिए दोनों ही दलों के नेता बहुमत जुटाने की जुगत भिड़ाने में लगे हैं. नागौर नगर परिषद सभापति पद के लिए भाजपा ने निर्दलीय प्रत्याशी मीतू बोथरा को समर्थन देकर मैदान में उतारा गया है. वहीं जिले के कांग्रेस नेता पूरा जोर लगा रहे हैं. निवर्तमान सभापति मांगीलाल भाटी की पत्नी ममता भाटी को सभापति की टिकट देकर मैदान मे उतारा गया है.

निर्दलीयों के अलावा दोनों ही दलों में तोड़फोड़ के प्रयास युद्धस्तर पर चल रहे हैं. कांग्रेस का नगरपरिषद सभापति बनाने के लिए हबीबू रहमान और गहलोत सरकार में मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी भी सक्रिय हैं. इधर दोनों ही दलों ने पार्षदों की मजबूत बाड़ेबंदी की हुई है. निर्दलियों को भी दोनों दलों ने बांट लिया है. सूचना है कि भाजपा खेमे सें कोई उम्मीदवार नही बनाने से अब बीजेपी के पार्षद कुछ कांग्रेस का साथ दे रहें है, अब उन्हें सात फरवरी को ही बाड़ेबंदी से सीधे मतदान के लिए लाया जाएगा.

इसी तरह कांग्रेस के पार्षदों को मतदान के दिन ही बसों से सीधा लाया जाएगा और वोट देने के बाद ही उन्हें बाड़ेबंदी से आजाद किया जाएगा. दोनों ही दलों के नेता विरोधी दल के पार्षदों को भी तोल रहे हैं और साम, दाम, दंड, भेद के तौर-तरीकों से तोड़फोड़ कर बहुमत से ज्यादा वोट जुटाने का जतन कर रहे हैं.

दोनों ही दलों के नेताओं को क्रॉस वोटिंग का खतरा सता रहा है, इसलिए वे सभापति जीतने के लिए जरूरी बहूमत से तीन-चार ज्यादा पार्षदों को जुटाने में लगे हैं. ताकि क्रॉस वोटिंग हो तो भी खतरा ना हो. उल्लेखनीय है कि 60 पार्षदों वाली नागौर नगरपरिषद में सभापति चुनने के लिए 31 पार्षदों की जरूरत है, जबकि कांग्रेस के पास अपने 27 और भाजपा के पास 12 ही पार्षद हैं.

पढ़ें- Exclusive: कृषि कानूनों पर बोले खाचरियावास- जब हिसाब बराबर होगा, धरती फट जाएगी, बीजेपी डूब जाएगी

पहली बार 21 पार्षद चुनाव जीते है, ऐसे में दोनों ही पार्टियां 21 निर्दलीय पार्षदों में तोड़फोड़ की चालें चल रही हैं. पूर्व मत्री हबीबू रहमान ने फिर से कांग्रेस का बोर्ड बनाने का दावा किया है. कांग्रेस प्रत्याशी ममता भाटी सभापति की कुर्सी पर काबिज होगी, दूसरी ओर निर्दलीय प्रत्याशी मीतू बोथरा के पति नवरतन बोथरा ने दावा किया कि उनके पास 34 पार्षद है, जिनमें काग्रेस भाजपा और निर्दलीय पार्षद को होटलों मे रखा गया है. नागौर जिला प्रशासन ने मतदान को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.

नागौर. नगर निकाय चुनाव के तहत नागौर नगर परिषद सभापति और 7 नगर पालिकाओं मुंडवा, मेड़ता, डेगाना, परबतसर और नांवा कूचामन लाडनू के पालिकाध्यक्षों के चुनाव के लिए मतदान 7 फरवरी रविवार को होगा. मतदान समाप्ति के तुरंत बाद मतगणना होगी. वहीं उपाध्यक्ष पद के लिए चुनाव 8 फरवरी को होगा.

नागौर नगर परिषद मतदान

इधर, नागौर नगर परिषद सहित सात पालिकाओं के अध्यक्ष पदों के लिए दोनों ही दलों के नेता बहुमत जुटाने की जुगत भिड़ाने में लगे हैं. नागौर नगर परिषद सभापति पद के लिए भाजपा ने निर्दलीय प्रत्याशी मीतू बोथरा को समर्थन देकर मैदान में उतारा गया है. वहीं जिले के कांग्रेस नेता पूरा जोर लगा रहे हैं. निवर्तमान सभापति मांगीलाल भाटी की पत्नी ममता भाटी को सभापति की टिकट देकर मैदान मे उतारा गया है.

निर्दलीयों के अलावा दोनों ही दलों में तोड़फोड़ के प्रयास युद्धस्तर पर चल रहे हैं. कांग्रेस का नगरपरिषद सभापति बनाने के लिए हबीबू रहमान और गहलोत सरकार में मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी भी सक्रिय हैं. इधर दोनों ही दलों ने पार्षदों की मजबूत बाड़ेबंदी की हुई है. निर्दलियों को भी दोनों दलों ने बांट लिया है. सूचना है कि भाजपा खेमे सें कोई उम्मीदवार नही बनाने से अब बीजेपी के पार्षद कुछ कांग्रेस का साथ दे रहें है, अब उन्हें सात फरवरी को ही बाड़ेबंदी से सीधे मतदान के लिए लाया जाएगा.

इसी तरह कांग्रेस के पार्षदों को मतदान के दिन ही बसों से सीधा लाया जाएगा और वोट देने के बाद ही उन्हें बाड़ेबंदी से आजाद किया जाएगा. दोनों ही दलों के नेता विरोधी दल के पार्षदों को भी तोल रहे हैं और साम, दाम, दंड, भेद के तौर-तरीकों से तोड़फोड़ कर बहुमत से ज्यादा वोट जुटाने का जतन कर रहे हैं.

दोनों ही दलों के नेताओं को क्रॉस वोटिंग का खतरा सता रहा है, इसलिए वे सभापति जीतने के लिए जरूरी बहूमत से तीन-चार ज्यादा पार्षदों को जुटाने में लगे हैं. ताकि क्रॉस वोटिंग हो तो भी खतरा ना हो. उल्लेखनीय है कि 60 पार्षदों वाली नागौर नगरपरिषद में सभापति चुनने के लिए 31 पार्षदों की जरूरत है, जबकि कांग्रेस के पास अपने 27 और भाजपा के पास 12 ही पार्षद हैं.

पढ़ें- Exclusive: कृषि कानूनों पर बोले खाचरियावास- जब हिसाब बराबर होगा, धरती फट जाएगी, बीजेपी डूब जाएगी

पहली बार 21 पार्षद चुनाव जीते है, ऐसे में दोनों ही पार्टियां 21 निर्दलीय पार्षदों में तोड़फोड़ की चालें चल रही हैं. पूर्व मत्री हबीबू रहमान ने फिर से कांग्रेस का बोर्ड बनाने का दावा किया है. कांग्रेस प्रत्याशी ममता भाटी सभापति की कुर्सी पर काबिज होगी, दूसरी ओर निर्दलीय प्रत्याशी मीतू बोथरा के पति नवरतन बोथरा ने दावा किया कि उनके पास 34 पार्षद है, जिनमें काग्रेस भाजपा और निर्दलीय पार्षद को होटलों मे रखा गया है. नागौर जिला प्रशासन ने मतदान को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.

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