ETV Bharat / city

यूपी के मजदूर नागौर से रोडवेज बस के जरिए रवाना, अजमेर से श्रमिक ट्रेन के जरिए जाएंगे गोरखपुर - hindi news

नागौर शहर में लंबे समय से उत्तर प्रदेश के कई जिलों के रहने वाले मजदूरों को आखिरकार सरकार द्वारा अनुमति मिलने के बाद विशेष श्रमिक ट्रेन के जरिए गोरखपुर भेजा जा रहा है. 42 लोगों की सूची में पीतल के बर्तन बनाने वाले मजदूर सहित फैक्ट्री में काम करने वाले श्रमिक और पैदल चलने वाले मजदूर भी शामिल हैं.

nagaur news, rajasthan news, hindi news
यूपी के मजदूर नागौर से रवाना
author img

By

Published : May 17, 2020, 6:41 PM IST

नागौर. एक समय घर-घर में पीतल के बर्तनों की भरमार होती थी. दीपावली क् साथ अनेक कार्य में पीतल के बर्तनों का उपयोग किया जाता था, लेकिन बदलते परिवेश का असर पीतल व्यवसाय पर भी पड़ा है. नागौर में रहने वाले उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के श्रमिकों का लॉकडाउन के मद्देनजर पीतल के बर्तनों का व्यवसाय अब पूरी तरह से ठप हो गया है. जिसके चलते वह अपने पैतृक गांव कानपुर लौटने लगे हैं.

यूपी के मजदूर नागौर से रवाना

सरकार की विशेष अनुमति मिलने के बाद रविवार को इनकी नागौर की कांकरिया विद्यालय में चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा थर्मल स्कैनिंग की गई. जिसके बाद रोडवेज बसों के जरिए अजमेर भेजा गया. अब अजमेर से श्रमिक स्पेशल ट्रेन के जरिए कानपुर जाएंगे.

बता दें कि नागौर के कांकरिया स्कूल में ऐसे भी कई श्रमिक थे, जो वार्ड में फंसे हुए थ., जिनमें रेलवे ब्रिज सड़क बनाने वाले सैनिक शामिल थे. आखिरकार उन्हें भी अनुमति मिलने के बाद थर्मल स्कैनिंग के जरिए रोडवेज बसों में बैठाकर गोरखपुर भेजा गया. इन श्रमिकों का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से जिस ट्रांसफॉर्मर रिपेयरिंग कंपनी में काम करते थे. वह कंपनी वर्तमान में बंद हो गई और न्यूनतम मजदूरी भी समय पर नहीं मिली. जिससे खाने की समस्या होने लगी. जिसके बाद अभी घर जा रहे हैं.

nagaur news, rajasthan news, hindi news
थर्मल स्कैनिंग करता स्वास्थ्य विभाग का कर्मचारी
उत्तर प्रदेश के रहने वाले 42 लोगों की सूची में उन तीन युवकों के भी नाम शामिल हैं, जिन्होंने रेड जोन इलाके जोधपुर से पैदल चलकर 230 किलोमीटर का सफर तय किया है. जिनका घर गोरखपुर के पास एक गांव में है. लेकिन रात्रि में पैदल चलते वक्त नागौर जिला प्रशासन ने उन्हें रोक लिया और उनके रहने की व्यवस्था की. जिसके बाद रविवरा को उन्हें भी थर्मल स्कैनिंग करते हुए रोडवेज बस में बैठाकर अजमेर भेजा गया. इन युवकों का कहना है कि जोधपुर में काम धंधे बंद होने के चलते वह पैदल ही निकल गए.

पढ़ेंः जिम्मेदार कौन? कोटा के MBS अस्पताल में स्ट्रेचर पर तड़पती मां ने बेटों के सामने तोड़ा दम

गौरतलब है कि रविवार को अजमेर से गोरखपुर तक श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाई गई. यह श्रमिक लॉकडाउन में सरकार से लगातार ऑनलाइन एप्लीकेशन के जरिए उत्तर प्रदेश जाने की अनुमति मांग रहे थे. सरकार के निर्देश के बाद जिला प्रशासन ने 130 प्रवासियों मजदूरों की सूची भेजी थी. जिसमें नागौर जिले के 42 लोगों को शामिल किया गया है.

नागौर. एक समय घर-घर में पीतल के बर्तनों की भरमार होती थी. दीपावली क् साथ अनेक कार्य में पीतल के बर्तनों का उपयोग किया जाता था, लेकिन बदलते परिवेश का असर पीतल व्यवसाय पर भी पड़ा है. नागौर में रहने वाले उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के श्रमिकों का लॉकडाउन के मद्देनजर पीतल के बर्तनों का व्यवसाय अब पूरी तरह से ठप हो गया है. जिसके चलते वह अपने पैतृक गांव कानपुर लौटने लगे हैं.

यूपी के मजदूर नागौर से रवाना

सरकार की विशेष अनुमति मिलने के बाद रविवार को इनकी नागौर की कांकरिया विद्यालय में चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा थर्मल स्कैनिंग की गई. जिसके बाद रोडवेज बसों के जरिए अजमेर भेजा गया. अब अजमेर से श्रमिक स्पेशल ट्रेन के जरिए कानपुर जाएंगे.

बता दें कि नागौर के कांकरिया स्कूल में ऐसे भी कई श्रमिक थे, जो वार्ड में फंसे हुए थ., जिनमें रेलवे ब्रिज सड़क बनाने वाले सैनिक शामिल थे. आखिरकार उन्हें भी अनुमति मिलने के बाद थर्मल स्कैनिंग के जरिए रोडवेज बसों में बैठाकर गोरखपुर भेजा गया. इन श्रमिकों का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से जिस ट्रांसफॉर्मर रिपेयरिंग कंपनी में काम करते थे. वह कंपनी वर्तमान में बंद हो गई और न्यूनतम मजदूरी भी समय पर नहीं मिली. जिससे खाने की समस्या होने लगी. जिसके बाद अभी घर जा रहे हैं.

nagaur news, rajasthan news, hindi news
थर्मल स्कैनिंग करता स्वास्थ्य विभाग का कर्मचारी
उत्तर प्रदेश के रहने वाले 42 लोगों की सूची में उन तीन युवकों के भी नाम शामिल हैं, जिन्होंने रेड जोन इलाके जोधपुर से पैदल चलकर 230 किलोमीटर का सफर तय किया है. जिनका घर गोरखपुर के पास एक गांव में है. लेकिन रात्रि में पैदल चलते वक्त नागौर जिला प्रशासन ने उन्हें रोक लिया और उनके रहने की व्यवस्था की. जिसके बाद रविवरा को उन्हें भी थर्मल स्कैनिंग करते हुए रोडवेज बस में बैठाकर अजमेर भेजा गया. इन युवकों का कहना है कि जोधपुर में काम धंधे बंद होने के चलते वह पैदल ही निकल गए.

पढ़ेंः जिम्मेदार कौन? कोटा के MBS अस्पताल में स्ट्रेचर पर तड़पती मां ने बेटों के सामने तोड़ा दम

गौरतलब है कि रविवार को अजमेर से गोरखपुर तक श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाई गई. यह श्रमिक लॉकडाउन में सरकार से लगातार ऑनलाइन एप्लीकेशन के जरिए उत्तर प्रदेश जाने की अनुमति मांग रहे थे. सरकार के निर्देश के बाद जिला प्रशासन ने 130 प्रवासियों मजदूरों की सूची भेजी थी. जिसमें नागौर जिले के 42 लोगों को शामिल किया गया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.