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सांभर झील में पक्षियों के शव निकलने का सिलसिला जारी, पर्यावरण मंत्री ने कहा- झील में पानी कम होने के कारण कुछ शव मिले हैं

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Published : Dec 3, 2019, 6:18 PM IST

सांभर झील में पक्षियों की मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है. पर्यावरण मंत्री ने नागौर में मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि झील में पानी कम होने के कारण अब कुछ शव मिले हैं. उनका दावा है कि अब पक्षियों की मौत का ताजा मामला सामने नहीं आया है.

सांभर झील में पक्षियों की मौत के मामले पर बोले सुखरान विश्नोई  ,Sukhram Vishnoi said on the death of birds in Sambhar lake
सांभर झील में पक्षियों के शव निकलने का सिलसिला जारी

नागौर. सांभर झील में पक्षियों की मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है. प्रदेश की सरकार ने भले ही कोर्ट में दी रिपोर्ट में कह दिया कि झील से सभी शव निकाल लिए गए हैं, लेकिन हकीकत यह है कि सांभर झील क्षेत्र में पक्षियों के शव और बीमार पक्षी मिलने का सिलसिला अभी थमा नहीं है. उधर, पर्यावरण मंत्री ने नागौर में मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि झील में पानी कम होने के कारण अब कुछ शव मिले हैं. उनका दावा है कि अब पक्षियों की मौत का ताजा मामला सामने नहीं आया है.

सांभर झील में पक्षियों के शव निकलने का सिलसिला जारी

सांभर झील में अब तक की सबसे बड़ी पक्षी त्रासदी की गवाही अब भी झील क्षेत्र से निकल रहे पक्षियों के शव दे रहे हैं. बता दें कि न केवल शव बल्कि बीमार पक्षी भी झील क्षेत्र में मिल रहे हैं, जिनका काचरोदा और नावां रेस्क्यू सेंटर में उपचार भी किया जा रहा है. हालांकि, करीब एक सप्ताह पहले कोर्ट में पेश की गई रिपोर्ट में सरकार साफ तौर पर कह चुकी है कि झील से पक्षियों के शव निकाले जा चुके हैं.

पढ़ें- गुजरात के नमक उद्योग को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने जानबूझकर सांभर के नमक पर रोक लगाई है: महेंद्र चौधरी

वहीं, मंगलवार को नागौर दौरे पर आए वन एवं पर्यावरण मंत्री सुखराम विश्नोई ने कहा कि जैसे-जैसे पानी कम हो रहा है, पक्षियों के कुछ और शव मिल रहे हैं. वहीं, मंत्री ने तो यह दावा तक कर दिया कि अब कोई नई मौत नहीं हुई है. ऐसे में एक बात तो साफ है कि या तो सरकार ने कोर्ट में गलत रिपोर्ट पेश की या फिर मंत्री सुखराम विश्नोई मीडिया के सामने गलत कह रहे हैं.

बता दें कि सांभर झील के सांभर के पास वाले इलाके में शुक्रवार को 39 पक्षी बीमार मिले थे, जबकि 84 शव मिले थे. वहीं, शनिवार को इसी इलाके में 88 शव और 40 बीमार पक्षी मिले थे. रविवार को 62 शव और 16 बीमार पक्षी मिले थे. जबकि सोमवार को 57 शव और 27 बीमार पक्षी मिले थे.

पढ़ें- सांभर झील: पक्षियों की मौत के बाद नमक उद्योग पर लगा ग्रहण, 50 हजार से ज्यादा मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट

वहीं, विशेषज्ञों की रिपोर्ट में खुलासा हो चुका है कि एवियन बोटयूलिज्म से सांभर झील में 20 हजार से ज्यादा पक्षियों की मौत हुई. लेकिन एवियन बोटयूलिज्म झील में फैली कैसे यह सवाल अभी भी अनसुलझी पहेली बना हुआ है. मंत्री सुखराम विश्नोई का कहना है कि इस संबंध में भी जांच की जा रही है और रिपोर्ट आने पर ही खुलासा होगा.

नागौर. सांभर झील में पक्षियों की मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है. प्रदेश की सरकार ने भले ही कोर्ट में दी रिपोर्ट में कह दिया कि झील से सभी शव निकाल लिए गए हैं, लेकिन हकीकत यह है कि सांभर झील क्षेत्र में पक्षियों के शव और बीमार पक्षी मिलने का सिलसिला अभी थमा नहीं है. उधर, पर्यावरण मंत्री ने नागौर में मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि झील में पानी कम होने के कारण अब कुछ शव मिले हैं. उनका दावा है कि अब पक्षियों की मौत का ताजा मामला सामने नहीं आया है.

सांभर झील में पक्षियों के शव निकलने का सिलसिला जारी

सांभर झील में अब तक की सबसे बड़ी पक्षी त्रासदी की गवाही अब भी झील क्षेत्र से निकल रहे पक्षियों के शव दे रहे हैं. बता दें कि न केवल शव बल्कि बीमार पक्षी भी झील क्षेत्र में मिल रहे हैं, जिनका काचरोदा और नावां रेस्क्यू सेंटर में उपचार भी किया जा रहा है. हालांकि, करीब एक सप्ताह पहले कोर्ट में पेश की गई रिपोर्ट में सरकार साफ तौर पर कह चुकी है कि झील से पक्षियों के शव निकाले जा चुके हैं.

पढ़ें- गुजरात के नमक उद्योग को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने जानबूझकर सांभर के नमक पर रोक लगाई है: महेंद्र चौधरी

वहीं, मंगलवार को नागौर दौरे पर आए वन एवं पर्यावरण मंत्री सुखराम विश्नोई ने कहा कि जैसे-जैसे पानी कम हो रहा है, पक्षियों के कुछ और शव मिल रहे हैं. वहीं, मंत्री ने तो यह दावा तक कर दिया कि अब कोई नई मौत नहीं हुई है. ऐसे में एक बात तो साफ है कि या तो सरकार ने कोर्ट में गलत रिपोर्ट पेश की या फिर मंत्री सुखराम विश्नोई मीडिया के सामने गलत कह रहे हैं.

बता दें कि सांभर झील के सांभर के पास वाले इलाके में शुक्रवार को 39 पक्षी बीमार मिले थे, जबकि 84 शव मिले थे. वहीं, शनिवार को इसी इलाके में 88 शव और 40 बीमार पक्षी मिले थे. रविवार को 62 शव और 16 बीमार पक्षी मिले थे. जबकि सोमवार को 57 शव और 27 बीमार पक्षी मिले थे.

पढ़ें- सांभर झील: पक्षियों की मौत के बाद नमक उद्योग पर लगा ग्रहण, 50 हजार से ज्यादा मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट

वहीं, विशेषज्ञों की रिपोर्ट में खुलासा हो चुका है कि एवियन बोटयूलिज्म से सांभर झील में 20 हजार से ज्यादा पक्षियों की मौत हुई. लेकिन एवियन बोटयूलिज्म झील में फैली कैसे यह सवाल अभी भी अनसुलझी पहेली बना हुआ है. मंत्री सुखराम विश्नोई का कहना है कि इस संबंध में भी जांच की जा रही है और रिपोर्ट आने पर ही खुलासा होगा.

Intro:सांभर झील में पक्षियों की मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है। प्रदेश की सरकार ने भले ही कोर्ट में दी रिपोर्ट में कह दिया कि झील से सभी शव निकाल लिए गए हैं। लेकिन हकीकत यह है कि सांभर झील क्षेत्र में पक्षियों के शव और बीमार पक्षी मिलने का सिलसिला अभी थमा नहीं है। इधर, पर्यावरण मंत्री ने नागौर में आज पत्रकारों से बातचीत में कहा कि झील में पानी कम होने के कारण अब कुछ शव मिले हैं। उनका दावा है कि अब पक्षियों की।मौत का ताजा मामला सामने नहीं आया है।


Body:नागौर. सांभर झील में अब तक की सबसे बड़ी पक्षी त्रासदी की गवाही अब भी झील क्षेत्र से निकल रहे पक्षियों के शव दे रहे हैं। न केवल शव, बल्कि बीमार पक्षी भी झील क्षेत्र में मिल रहे है। जिनका काचरोदा और नावां रेस्क्यू सेंटर में उपचार भी किया जा रहा है। हालांकि, करीब एक सप्ताह पहले कोर्ट में पेश की गई रिपोर्ट में सरकार साफ तौर पर कह चुकी है कि झील से पक्षियों के शव निकाले जा चुके हैं। आज नागौर दौरे पर आए वन एवं पर्यावरण मंत्री सुखराम बिश्नोई ने इस सवाल के जवाब में कहा कि जैसे-जैसे पानी कम हो रहा है। पक्षियों के कुछ और शव मिल रहे हैं। मंत्री ने तो यह दावा तक कर दिया कि अब कोई नई मौत नहीं हुई है। ऐसे में एक बात तो साफ है कि या तो सरकार में कोर्ट में गलत रिपोर्ट पेश की। या फिर मंत्री सुखराम बिश्नोई मीडिया के सामने गलत बयानी कर रहे हैं।
सांभर झील के सांभर के पास वाले इलाके में शुक्रवार को 39 पक्षी बीमार मिले थे। जबकि 84 शव मिले थे। शनिवार को इसी इलाके में 88 शव और 40 बीमार पक्षी मील थे। रविवार को 62 शव और 16 बीमार पक्षी मिले थे। जबकि सोमवार को 57 शव और 27 बीमार पक्षी मिले थे।


Conclusion:विशेषज्ञों की रिपोर्ट में खुलासा हो चुका है कि एवियन बोटयूलिज्म से सांभर झील में 20 हजार से ज्यादा पक्षियों की मौत हुई। लेकिन एवियन बोटयूलिज्म झील में फैली कैसे। यह सवाल अभी भी अनसुलझी पहेली बना हुआ है। मंत्री सुखराम बिश्नोई का कहना है कि इस संबंध में भी जांच की जा रही है। रिपोर्ट आने पर ही खुलासा होगा।
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बाईट- सुखराम बिश्नोई, वन एवं पर्यावरण मंत्री।

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