नागौर. सांभर झील में पक्षियों की मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है. प्रदेश की सरकार ने भले ही कोर्ट में दी रिपोर्ट में कह दिया कि झील से सभी शव निकाल लिए गए हैं, लेकिन हकीकत यह है कि सांभर झील क्षेत्र में पक्षियों के शव और बीमार पक्षी मिलने का सिलसिला अभी थमा नहीं है. उधर, पर्यावरण मंत्री ने नागौर में मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि झील में पानी कम होने के कारण अब कुछ शव मिले हैं. उनका दावा है कि अब पक्षियों की मौत का ताजा मामला सामने नहीं आया है.
सांभर झील में अब तक की सबसे बड़ी पक्षी त्रासदी की गवाही अब भी झील क्षेत्र से निकल रहे पक्षियों के शव दे रहे हैं. बता दें कि न केवल शव बल्कि बीमार पक्षी भी झील क्षेत्र में मिल रहे हैं, जिनका काचरोदा और नावां रेस्क्यू सेंटर में उपचार भी किया जा रहा है. हालांकि, करीब एक सप्ताह पहले कोर्ट में पेश की गई रिपोर्ट में सरकार साफ तौर पर कह चुकी है कि झील से पक्षियों के शव निकाले जा चुके हैं.
वहीं, मंगलवार को नागौर दौरे पर आए वन एवं पर्यावरण मंत्री सुखराम विश्नोई ने कहा कि जैसे-जैसे पानी कम हो रहा है, पक्षियों के कुछ और शव मिल रहे हैं. वहीं, मंत्री ने तो यह दावा तक कर दिया कि अब कोई नई मौत नहीं हुई है. ऐसे में एक बात तो साफ है कि या तो सरकार ने कोर्ट में गलत रिपोर्ट पेश की या फिर मंत्री सुखराम विश्नोई मीडिया के सामने गलत कह रहे हैं.
बता दें कि सांभर झील के सांभर के पास वाले इलाके में शुक्रवार को 39 पक्षी बीमार मिले थे, जबकि 84 शव मिले थे. वहीं, शनिवार को इसी इलाके में 88 शव और 40 बीमार पक्षी मिले थे. रविवार को 62 शव और 16 बीमार पक्षी मिले थे. जबकि सोमवार को 57 शव और 27 बीमार पक्षी मिले थे.
वहीं, विशेषज्ञों की रिपोर्ट में खुलासा हो चुका है कि एवियन बोटयूलिज्म से सांभर झील में 20 हजार से ज्यादा पक्षियों की मौत हुई. लेकिन एवियन बोटयूलिज्म झील में फैली कैसे यह सवाल अभी भी अनसुलझी पहेली बना हुआ है. मंत्री सुखराम विश्नोई का कहना है कि इस संबंध में भी जांच की जा रही है और रिपोर्ट आने पर ही खुलासा होगा.