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हड़ताल को लेकर निजी बस चालकों की चेतावनी...मांग पूरी होने तक नहीं चलेंगी बसें

टैक्स में हुई बढ़ोतरी के बाद निजी बस संचालक विरोध में उतर आए हैं . जिलेभर में निजी बसों का संचालन ठप रहा. इससे ग्रामीण इलाकों की सवारियों को परेशानी उठानी पड़ी. संचालकों का कहना है कि जबतक उनकी मांगे पूरी नही होगीं तबतक विरोध जारी रखेंगे.

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Published : Jul 31, 2019, 3:05 PM IST

टैक्स,परमिट शुल्क और डीजल के दाम में बढ़ोतरी के विरोध

नागौर. टैक्स, परमिट शुल्क और डीजल के दाम में बढ़ोतरी के विरोध में प्रदेशव्यापी प्रदर्शन के चलते नागौर के निजी बस संचालक भी हड़ताल पर उतर आए हैं.

इसके चलते बुधवार को दिनभर जिले में निजी बसों की सेवाएं ठप रही. खास तौर पर ग्रामीण इलाकों के लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ी.इधर नागौर रीजन प्राइवेट बस ऑनर्स एसोसिएशन के बैनर तले निजी बस संचालकों ने एडीएम से मिलकर मुख्यमंत्री और परिवहन मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. इसमें बताया कि राजस्थान सरकार ने बजट 2019 में बसों के टैक्स में बढ़ोतरी की है. जो बहुत ज्यादा और अव्यवहारिक है.

टैक्स,परमिट शुल्क और डीजल के दाम में बढ़ोतरी के विरोध

पढ़ें:भिवाड़ी में 91 हजार रुपए की रिश्वत के साथ महिला पटवारी चढ़ी ACB के हत्थे

उनका कहना है कि निजी बसों का संचालन अभी नाजुक दौर से गुजर रहा है. ऐसे में टैक्स में यह बढ़ोतरी न्यायसंगत नहीं है.

अन्य राज्यों की तुलना में पहले ही राजस्थान में टैक्स ज्यादा था. अब और बढ़ा दिया गया है.निजी बस संचालकों ने मांग रखी है कि टैक्स में बढ़ोतरी को जल्द वापस लिया जाए अगर उनकी मांग पर गौर नहीं किया गया तो निजी बसों का संचालन वे अनिश्चित समय तक ठप कर देंगे.

नागौर. टैक्स, परमिट शुल्क और डीजल के दाम में बढ़ोतरी के विरोध में प्रदेशव्यापी प्रदर्शन के चलते नागौर के निजी बस संचालक भी हड़ताल पर उतर आए हैं.

इसके चलते बुधवार को दिनभर जिले में निजी बसों की सेवाएं ठप रही. खास तौर पर ग्रामीण इलाकों के लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ी.इधर नागौर रीजन प्राइवेट बस ऑनर्स एसोसिएशन के बैनर तले निजी बस संचालकों ने एडीएम से मिलकर मुख्यमंत्री और परिवहन मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. इसमें बताया कि राजस्थान सरकार ने बजट 2019 में बसों के टैक्स में बढ़ोतरी की है. जो बहुत ज्यादा और अव्यवहारिक है.

टैक्स,परमिट शुल्क और डीजल के दाम में बढ़ोतरी के विरोध

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उनका कहना है कि निजी बसों का संचालन अभी नाजुक दौर से गुजर रहा है. ऐसे में टैक्स में यह बढ़ोतरी न्यायसंगत नहीं है.

अन्य राज्यों की तुलना में पहले ही राजस्थान में टैक्स ज्यादा था. अब और बढ़ा दिया गया है.निजी बस संचालकों ने मांग रखी है कि टैक्स में बढ़ोतरी को जल्द वापस लिया जाए अगर उनकी मांग पर गौर नहीं किया गया तो निजी बसों का संचालन वे अनिश्चित समय तक ठप कर देंगे.

Intro:टैक्स में बढ़ोतरी के विरोध में निजी बस संचालक विरोध में उतर आए हैं। जिलेभर में निजी बसों का संचालन ठप रहा। इससे ग्रामीण इलाकों की सवारियों को परेशानी उठानी पड़ी। संचालकों के कहना है कि वे मांग माने जाने तक विरोध जारी रखेंगे।


Body:नागौर. टैक्स, परमिट शुल्क और डीजल के दाम में बढ़ोतरी के विरोध में प्रदेशव्यापी प्रदर्शन के चलते नागौर के निजी बस संचालक भी हड़ताल पर उतर आए हैं। इसके चलते बुधवार को दिनभर जिले में निजी बसों की सेवाएं ठप रही। खास तौर पर ग्रामीण इलाकों की सवारियों को परेशानी उठानी पड़ी।
इधर, नागौर रीजन प्राइवेट बस ऑनर्स एसोसिएशन के बैनर तले निजी बस संचालकों ने एडीएम से मिलकर मुख्यमंत्री और परिवहन मंत्री के नाम ज्ञापन दिया। इसमें बताया कि राजस्थान सरकार ने बजट 2019 में बसों के टैक्स में बढ़ोतरी की है। जो बहुत ज्यादा और अव्यवहारिक है। उनका कहना है कि निजी बसों का संचालन अभी नाजुक दौर से गुजर रहा है। ऐसे में टैक्स में यह बढ़ोतरी न्यायसंगत नहीं है। अन्य राज्यों की तुलना में पहले ही राजस्थान में टैक्स ज्यादा था। अब और बढ़ा दिया गया है।


Conclusion:निजी बस संचालकों ने मांग रखी है कि टैक्स में बढ़ोतरी को जल्द वापस लिया जाए। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांग पर गौर नहीं किया गया तो निजी बसों का संचालन वे अनिश्चित समय तक ठप कर देंगे।
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बाइट- डॉ. रामकरण डूकिया, अध्यक्ष, निजी बस संचालक एसोसिएशन।
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