नागौर. अंधाधुध हो रहे अवैध खनन को रोकने के लिए नागौर जिला प्रशासन एक्शन मोड में आ गया है. प्रशासन ने पुलिस और खनिज विभाग के साथ मिलकर कार्रवाई में आने वाली कठिनाइयों और परेशानियों को देखते हुए एक्शन प्लान तैयार किया है. इसके तहत यदि कार्रवाई हुई तो अवैध खनन का धंधा नागौर से बंद हो जाएगा.
जिला कलेक्टर दिनेश कुमार यादव ने बताया कि नागौर में मुख्य रूप से बजरी और लाइम स्टोन का अवैध खनन बड़े पैमाने पर किया जाता है. इसे रोकने के लिए रूपरेखा को अंतिम रूप दिया गया है. लॉकडाउन के दौरान नागौर पुलिस और प्रशासन जब कोरोना के खिलाफ अभियान में जुटे थे, तब इसका फायदा उठाते हुए नागौर में अवैध खनन माफियाओं ने जमकर खनन किया. अब नागौर जिला पुलिस के साथ जिला प्रशासन को भी खबर मिलने के बाद कलेक्टर ने अवैध खनन माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर नागौर जिले की रिया बड़ी और खींवसर उपखंड अधिकारी को विशेष निर्देश दिए हैं. साथ ही अवैध खनन पर शिकंजा कसने की बात भी कही है.
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कलेक्टर दिनेश कुमार यादव ने बताया कि काश्तकारों को छोटी मोटी लीज जारी करने के प्रस्ताव बनाकर राज्य सरकार के माध्यम से केंद्र सरकार को भेजेंगे. अनुमति मिलने पर किसानों को काफी राहत मिलेगी और अवैध खनन पर रोक भी लगेगी. लेकिन जब तक ऐसी अनुमति नहीं मिलती, तब तक अवैध खनन नहीं करने दिया जाएगा.
कलेक्टर ने बताया कि मूंडवा और खींवसर तहसील क्षेत्र में चल रहे लाइम स्टोन के अवैध खनन को रोकने के लिए पिछले काफी दिनों से कार्रवाई चल रही है. अब इन इलाकों में खनिज विभाग की चौकियां स्थापित करने का निर्णय लिया गया है. खींवसर उपखंड अधिकारी अमित चौधरी द्वारा भेड़ गांव में लाइमस्टोन का अवैध खनन करते हुए पांच जेसीबी, 3 कंप्रेसर लगे ट्रैक्टर और डंपर जब्त किया गया है. बैठक में नागौर जिला पुलिस अधीक्षक डॉ. विकास पाठक, खनिज विभाग के अभियंता धीरज पवार सहित परिवहन विभाग के DTO ओमप्रकाश मौजूद रहें.