नागौर. संसद में हाल ही में पारित हुए नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर पिछले कई दिनों से पूर्वोत्तर प्रदेशों और नई दिल्ली में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. जिसमें अब नागौर के शेरानी आबाद गांव में नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने प्रदर्शन किया है. यहां प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग 458 पर जाम लगा दिया, जिससे हाइवे पर सड़क के दोनों तरफ वाहनों का लंबा जाम लग गया.
प्रदर्शनकारियों के कहना है कि केंद्र की भाजपा सरकार संविधान की मूल भावना के साथ खिलवाड़ कर रही है. सरकार ने जो विधेयक पारित करवाया है, वह यहां की वसुधैव कुटुम्बकम की मूल भावना से भी खिलवाड़ है. इससे दुनियाभर में देश की छवि भी खराब हुई है, जिसका हम विरोध कर रहे हैं.वहीं शेरानी आबाद के ग्रामीणों का कहना है कि हमारे पूर्वजों ने टू नेशन थ्योरी को खारिज किया था और हम भी इस सिद्धांत को नहीं मानते हैं.
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प्रदर्शनकारी ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए नेशनल हाइवे 458 पर जाम लगा दिया, जिसके कारण हाइवे पर सड़क के दोनों ओर वाहनों को लंबी कतारें लग गई. बाद में अन्य ग्रामीणों की समझाइश के बाद प्रदर्शनकारियों ने जाम खोला गया. स्थानीय लोगों ने प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन सौंप कर नागरिकता संशोधन विधेयक पर अपना विरोध दर्ज करवाया है.
बारां में CAB का विरोध, बिल की प्रतियों को किया आग के हवाले
अंता (बारां). बारां जिले के अंता में ईदगाह कमेटी जुमला मुसलमानान द्वारा नागरिकता संशोधन विधेयक बिल वापिस लेने की मांग को लेकर कस्बे में रैली निकालकर एसडीओ कार्यालय में बिल की प्रतियों को आग के हवाले किया गया, बाद में राष्ट्रपति के नाम एसडीओ गोवर्धन लाल मीणा को ज्ञापन सौंपा गया.
एसडीओ को दिए गए ज्ञापन में बताया गया कि नागरिकता संशोधन बिल भारत के संविधान की मूल भावना के खिलाफ है इस बिल के जरिये देश को धर्म के नाम पर बांटने की कोशिश है. ये बिल भारतीय नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन भी करता है.
ज्ञापन से पूर्व काजी जी की मस्जिद से रैली शुरू हुई जो नारे बाजी करती हुई सीएडी तिराहे से एसडीओ कार्यालय पहुंची. जहां बिल की प्रतियों को आग के हवाले करते हुए जमकर नारे बाजी की गई.