नागौर. पहली महिला सभापति मीतू बोथरा ने कार्यभार ग्रहण कर लिया. उन्होंने नागौर नगर परिषद में सभापति की कुर्सी पर बैठने से पहले हाथ जोड़कर कुर्सी को प्रणाम किया. वहीं, नगर परिषद नागौर के निर्वाचित पार्षदों का कहना है कि नगर परिषद को आर्थिक तौर पर मजबूत बनाना चुनौती भरा कार्य होगा. साथ ही, वर्तमान नगर परिषद की वर्तमान कार्यप्रणाली में सुधार करने की जरूरत भी रहेगी. मानव संसाधन की पर्याप्त व्यवस्था भी करनी होगी. ढांचागत सुविधाएं को तेजी से विकसित करना सभापति और बोर्ड के सामने आर्थिक समस्याओं को निपटाना सबसे बड़ी चुनौती होगी.
वार्ड 01 पार्षद गोविन्द कड़वा ने कहा नगर परिषद मे संसाधनों की कमी एक बड़ी चुनौती है. भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने का प्रयास करेंगे. वार्ड 35 से पार्षद मकबूल अंसारी ने कहा कि शहर की वर्तमान स्थिति खराब है. Under Ground बिजली लाईन के साथ शहर की पेयजल व्यवस्था का जिम्मा, लिकेज लाईन के साथ, सड़कों की स्थिति खराब है, जो चिता का विषय हैं. वहीं, नवनिर्वाचित पार्षद राज लक्ष्मी ने कहा कि 60 वार्डों के हिसाब से सफाई कर्मचारी, सफाई संसाधन का रोड मैप तैयार करना होगा.
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बता दें कि भाजपा के 12 पार्षदों के समर्थन के बाद निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मीतू बोथरा ने कांग्रेस की ममता भाटी को 8 वोटों से हरा दिया था. रोचक बात ये है कि 60 वार्डों में सर्वाधिक 27 पार्षद कांग्रेस के ही थे, फिर भी बोर्ड निर्दलियों ने बना लिया. कांग्रेस की प्रत्याशी ममता भाटी की हार का बड़ा कारण बना. उन्हीं की पार्टी से चुनकर आए कांग्रेस के पार्षदों की बगावत थी. वार्ड 38 से नवरत्न बोथरा तथा 39 से उनकी पत्नी मीतू बोथरा ने निर्दलीय चुनाव लड़ा और दोनों जीते. पत्नी मीतू ने पहली बार पार्षद चुनाव लड़ा और सीधे सभापति की कुर्सी तक पहुंच गई. पति पांच चुनाव लड़ चुके, जिसमें दो बार जीत दर्ज की. कांग्रेस से जीते 27 में से क्रॉस वोटिंग करने वाले पार्षदों पर कार्रवाई की तैयारी है.
इस दौरान उनके साथ पति और नव निर्वचित पार्षद नवरत्न बोथरा भी मौजूद रहे. पदभार ग्रहण करने के दौरान पार्षदों ने सभापति का माला पहनाकर स्वागत किया. नगर परिषद परिसर में बड़ी संख्या में समर्थक मौजूद रहे. नगर परिषद कर्मचारियों की ओर से भी सभापति मीतू बोथरा का अभिनंदन किया गया और नागौर नगर परिषद के सभी कार्यालयों का अवलोकन करके कार्मिकों से मुलाकत की. नागौर शहर में अतिक्रमण, जर्जर सड़कों के साथ ही, जल निकासी के लिए नालों के निर्माण की व्यवस्था कराने का वादा पूरा करने की भी चुनौती रहेगी. नवनिर्वाचित सभापति के साथ उनके गूट के 34 पार्षदों ने नगर को स्वच्छ बनाने के साथ ही जनता को मूल सुविधाएं उपलब्ध कराने का वादा किया है. इन वादों को पूरा कराना आसान नहीं होगा.