नागौर. खींवसर विधानसभा सीट पर 21 अक्टूबर को होने वाले चुनाव के लिए कांग्रेस के हरेंद्र मिर्धा और भाजपा-रालोपा के नारायण बेनीवाल जोर आजमाइश कर रहे हैं. इस बीच ईटीवी भारत में खींवसर इलाके के लोगों से बात की तो चिकित्सा, शिक्षा, सड़क, पानी और बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं एक कमी की बात निकल कर सामने आई.
ग्रामीणों ने बताया कि अस्पताल तो है लेकिन पर्याप्त संसाधन और स्टाफ नहीं है. दुर्घटना में घायलों और प्रसूता को हायर सेंटर रेफर किया जाता है. इससे समय और धन खर्च होता है. ग्रामीण इलाकों में स्कूलों में शिक्षकों की कमी भी सामने आई है.
स्थानीय लोगों का कहना है की कई इलाकों में तो सड़कों पर इतने गहरे गड्ढे है की आवागमन में काफी समय लग जाता है. इसके साथ ही बिजली और पानी की किल्लत भी चुनाव में बड़ा मुद्दा है. वहीं, खींवसर डार्क जोन में शामिल है और लंबे समय से इसे डार्क जोन से हटाने की मांग चल रही है. ग्रामीणों की यह मांग भी अभी पूरी होना बाकी है.
बहरहाल, समस्याएं कई हैं. अब देखना यह है कि कांग्रेस के हरेंद्र मिर्धा और रालोपा-भाजपा के नारायण बेनीवाल में से कौन इन समस्याओं को चुनावी मुद्दा बनाकर लोगों को अपने साथ जोड़ने में कामयाब होते हैं. देखना यह भी है कि जीतने के बाद इन समस्याओं के निस्तारण के लिए कितनी गंभीरता से प्रयास किए जाते हैं.
कांग्रेस प्रत्याशी हरेंद्र मिर्धा करोड़पति, आरएलपी के नारायण की सम्पत्ति 90.49 लाख
खींवसर चुनावी रण में मुकाबला कांग्रेस के हरेंद्र मिर्धा और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के नारायण बेनीवाल के बीच है. नामांकन दाखिल करते समय दोनों प्रत्याशियों ने जो ब्योरा दिया था. उसके अनुसार हरेंद्र मिर्धा 14.80 करोड़ रुपए की संपत्ति के मालिक हैं. जबकि नारायण बेनीवाल की संपत्ति 90.49 लाख है. हरेंद्र मिर्धा के पास 22.93 लाख रुपए की चल और 14 करोड़ 57 लाख 49 हजार रुपए की अचल संपत्ति है. एमबीए की शिक्षा प्राप्त हरेंद्र मिर्धा पेशे से व्यवसाई हैं. इसी तरह नारायण बेनीवाल ने जो ब्यौरा पेश किया है. उसके अनुसार वह 90.49 लाख रुपए की चल-अचल संपत्ति के मालिक हैं. नारायण बेनीवाल की देनदारी 19 लाख 25 हजार रुपए है.