नागौर. कृषि क्षेत्र को लेकर केंद्र सरकार द्वारा लाए गए बिलों को लेकर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल अब खुलकर विरोध में आ गए हैं. उनका कहना है कि वे पीएम मोदी से मिलकर इन बिलों को रिव्यू करने की मांग करेंगे. लेकिन फिर भी बात नहीं बनी तो रालोपा इन बिलों के खिलाफ बड़ा आंदोलन करेगी. आपको बता दें कि केंद्र में रालोपा भाजपा की सहयोगी है.
कोरोना के चलते नहीं हो सका लोकसभा की कार्यवाही में शामिल
बेनीवाल का साफ तौर पर कहना है कि इन बिलों से किसानों का भला नहीं होगा. बल्कि किसानों पर कंपनियों की हुकूमत चलेगी. इसलिए रालोपा इस संबंध में किसानों के साथ खड़ी होकर बड़ा आंदोलन करने की तैयारी में जुट गई है. सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि जब यह बिल लोकसभा में पेश हुए तब वे कोरोना पॉजिटिव होने के चलते लोकसभा की कार्यवाही में हिस्सा नहीं ले पाए थे. इसके बाद से लगातार वो इन बिलों का विरोध कर रहे हैं.
बिलों के खिलाफ हैं किसान
पिछले दो दिन में उन्होंने भीलवाड़ा और कोटा का दौरा किया. वहां भी किसान इन बिलों के खिलाफ हैं. इसके साथ ही बीकानेर, हनुमानगढ़, गंगानगर और चूरू सहित कई किसान बाहुल्य जिलों में इन बिलों के खिलाफ आंदोलन की सुगबुगाहट है. नागौर के साथ ही कई अन्य जिलों के जनप्रतिनिधियों से मिलकर उन्होंने इस संबंध में चर्चा की है. बेनीवाल का कहना है कि इन बिलों के विरोध को लेकर वे कई जिलों का दौरा भी करेंगे. जिसकी रूपरेखा तय की जा रही है.
एसडीएम तक नहीं है किसानों की पहुंच
कृषि बिलों की खामियां गिनाते हुए बेनीवाल ने कहा कि किसान और कंपनी में विवाद होने पर एसडीएम को विवाद का निस्तारण करने का अधिकार बिल में दिया गया है. लेकिन हम जानते हैं कि किसान अधिकारी तक नहीं पहुंच पाता है. बेनीवाल ने साफ कहा कि यह कृषि बिल किसी भी तरह किसान को फायदा नहीं पहुंचाने वाले हैं. बल्कि इनसे कंपनी की हुकूमत चलेगी और रालोपा किसान हितैषी पार्टी है. इसलिए पहले पीएम मोदी से समय लेकर इन बिलों का रिव्यू करने की मांग की जाएगी. लेकिन फिर भी बात नहीं बनी तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा और राजस्थान के किसानों की आवाज रालोपा दिल्ली तक पहुंचेगी.
करौली में पुजारी की हत्या पर गहलोत सरकार को घेरा
हनुमान बेनीवाल ने करौली के पुजारी हत्याकांड, महिलाओं पर अत्याचार के बढ़ते मामलों और डूंगरपुर हिंसा के मामलों को लेकर प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा. इसके साथ ही उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि बीते दिनों प्रदेश में पैदा हुए सियासी संकट के समय वसुंधरा राजे ने अशोक गहलोत की मदद की थी.