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नागौर: स्कूलों में खेल गतिविधियों को सुधारने की कवायद शुरू, बजट का किया आवंटन - Budget for sports

सरकारी विद्यालय में खेल की गतिविधियों के हालात को सुधारने के लिए सरकार की ओर से बजट का आवंटन कर दिया गया है. नियमित रूप से पीटीआई वहां विद्यार्थियों को विभिन्न खेलों की प्रैक्टिस कराएंगे. इसके लिए सपोर्ट ग्रांट एक्ट के तहत जिले के प्राथमिक विद्यालयों में 5 हजार रुपए प्रति साल और उच्च माध्यमिक स्कूलों के लिए 9 हजार रुपए प्रति साल, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक स्कूलों के लिए 25 हजार रुपए प्रति वर्ष की राशि दी जाएगी.

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स्कूलों में खेल गतिविधियों को सुधारने की कवायद शुरू
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Published : Jul 20, 2020, 5:14 AM IST

नागौर. सरकारी विद्यालय में खेल की गतिविधियों के हालात को सुधारने के लिए सरकार की ओर से बजट का आवंटन कर दिया गया है. नियमित रूप से पीटीआई वहां विद्यार्थियों को विभिन्न खेलों की प्रैक्टिस कराएंगे. इसके लिए सपोर्ट ग्रांट एक्ट के तहत जिले के प्राथमिक विद्यालयों में 5 हजार रुपए प्रति साल और उच्च माध्यमिक स्कूलों के लिए 9 हजार रुपए प्रति साल, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक स्कूलों के लिए 25 हजार रुपए प्रति वर्ष की राशि दी जाएगी.

बजट का किया आवंटन

समग्र शिक्षा अभियान के एडीपीसी बस्तीराम सांगवा ने बताया कि इसमें खेल सामग्री खरीद सहित खेल अधिकारियों को मैदानों का मेंटेनेंस भी कराना होगा. प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक के 2183 स्कूलों के लिए नागौर जिले में 1 करोड़ 44 लाख रुपए का बजट जारी हुआ है .जिले में 1305 प्राथमिक और 878 उच्च प्राथमिक विद्यालयों के लिए स्पोर्ट्स ग्रांट एक्ट के तहत बजट जारी किया गया है. पहले स्कूलों में खेल के लिए बजट तो आता था लेकिन वह काफी कम था. इससे विद्यार्थियों के लिए सालों से खेलकूद के संसाधनों की खरीद समय पर नहीं हो पाती थी.

पढ़ें: डूंगरपुर: बांध में जल्द शुरू होगा मरम्मत का कार्य, राज्य सरकार ने जारी किया 447 लाख का बजट

नागौर जिले के शिक्षक संघ शेखावत के जिला अध्यक्ष अर्जुन राम ने बताया कि नागौर जिले के कई स्कूलों में पीटीआई के पद लंबे समय से रिक्त पड़े हैं. लेकिन खेल प्रतियोगिताओं में स्कूलों की टीमें समय पर भाग नहीं ले पाती. इसका मुख्य कारण खेल मैदान का समय पर विकसित नहीं होना और छात्रों को सुविधा के नाम पर कुछ नहीं मिलना और पीटीआई के रिक्त पदों के चलते स्कूलों की प्रतिभाएं सामने नहीं आ पाती हैं.

शारीरिक शिक्षक के माध्यम से प्रत्येक स्कूल में खेल आयोजन के तहत एसटी, एससी, ओबीसी के लिए 5 रुपए वहीं सामान्य वर्ग के लिए 10 रुपए निर्धारित कर रखें हैं. बजट से खेल आयोजन करने वाली स्कूलों को 10000 दिए जाते हैं, इसी 10000 से पूरी प्रतियोगिता का आयोजन करना पड़ता था. स्कूलों में स्पोर्ट्स और फिजिकल एक्टिविटी से बच्चों को फिट रहने के लिए प्रेरित किया जाएगा.

नागौर. सरकारी विद्यालय में खेल की गतिविधियों के हालात को सुधारने के लिए सरकार की ओर से बजट का आवंटन कर दिया गया है. नियमित रूप से पीटीआई वहां विद्यार्थियों को विभिन्न खेलों की प्रैक्टिस कराएंगे. इसके लिए सपोर्ट ग्रांट एक्ट के तहत जिले के प्राथमिक विद्यालयों में 5 हजार रुपए प्रति साल और उच्च माध्यमिक स्कूलों के लिए 9 हजार रुपए प्रति साल, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक स्कूलों के लिए 25 हजार रुपए प्रति वर्ष की राशि दी जाएगी.

बजट का किया आवंटन

समग्र शिक्षा अभियान के एडीपीसी बस्तीराम सांगवा ने बताया कि इसमें खेल सामग्री खरीद सहित खेल अधिकारियों को मैदानों का मेंटेनेंस भी कराना होगा. प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक के 2183 स्कूलों के लिए नागौर जिले में 1 करोड़ 44 लाख रुपए का बजट जारी हुआ है .जिले में 1305 प्राथमिक और 878 उच्च प्राथमिक विद्यालयों के लिए स्पोर्ट्स ग्रांट एक्ट के तहत बजट जारी किया गया है. पहले स्कूलों में खेल के लिए बजट तो आता था लेकिन वह काफी कम था. इससे विद्यार्थियों के लिए सालों से खेलकूद के संसाधनों की खरीद समय पर नहीं हो पाती थी.

पढ़ें: डूंगरपुर: बांध में जल्द शुरू होगा मरम्मत का कार्य, राज्य सरकार ने जारी किया 447 लाख का बजट

नागौर जिले के शिक्षक संघ शेखावत के जिला अध्यक्ष अर्जुन राम ने बताया कि नागौर जिले के कई स्कूलों में पीटीआई के पद लंबे समय से रिक्त पड़े हैं. लेकिन खेल प्रतियोगिताओं में स्कूलों की टीमें समय पर भाग नहीं ले पाती. इसका मुख्य कारण खेल मैदान का समय पर विकसित नहीं होना और छात्रों को सुविधा के नाम पर कुछ नहीं मिलना और पीटीआई के रिक्त पदों के चलते स्कूलों की प्रतिभाएं सामने नहीं आ पाती हैं.

शारीरिक शिक्षक के माध्यम से प्रत्येक स्कूल में खेल आयोजन के तहत एसटी, एससी, ओबीसी के लिए 5 रुपए वहीं सामान्य वर्ग के लिए 10 रुपए निर्धारित कर रखें हैं. बजट से खेल आयोजन करने वाली स्कूलों को 10000 दिए जाते हैं, इसी 10000 से पूरी प्रतियोगिता का आयोजन करना पड़ता था. स्कूलों में स्पोर्ट्स और फिजिकल एक्टिविटी से बच्चों को फिट रहने के लिए प्रेरित किया जाएगा.

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