नागौर. नगर परिषद सभापति चुनाव में बीजेपी और निर्दलीयों की तरफ से मीतू बोथरा और कांग्रेस की ममता भाटी के बीच सीधा मुकाबला है. सभापति चुनाव के लिए आगामी 7 फरवरी को मतदान होगा. इससे पहल सभापति पद के लिए होने वाले चुनाव के लिए तीन प्रत्याशियों की ओर सें नामांकन दाखिल हुए थे. गुरुवार को नाम वापसी और सिंबल आंवटन के दिन सीएम अशोक गहलोत के रिश्तेदार जेठमल गहलोत की पुत्रवधू नव निर्वाचित पार्षद पायल गहलोत ने नाम वापस ले लिया. दूसरी ओर नागौर में नगर परिषद सभापति पद के लिए जोड़ तोड़ की गणित जारी है.
कांग्रेस के टिकट पर 27 प्रत्याशी चुनाव जीते हैं, जबकि बीजेपी के टिकट पर 12 प्रत्याशी चुनाव जीतकर पार्षद बने हैं. पहली बार 21 निर्दलीय चुनाव जीतकर पार्षद बने हैं. फिलहाल 31 का जादुई आंकड़ा किसी के पास नहीं है. बावजूद दोनों ही दलों की ओर से जीत के दावे किए जा रहे हैं. कांग्रेस ने सभापति पद के लिए ममता भाटी को प्रत्याशी बनाया है.
ममता भाटी ने पहली बार पार्षद का चुनाव लड़ा है और जीत हासिल की है. पति मांगीलाल भाटी पिछले कांग्रेस के बोर्ड में सभापति थे और बिजनेसमैन भी हैं. उनकी कांग्रेस राजनीति में अच्छी पकड़ है. वहीं भीतरघात और बगावत के चलते बीजेपी 12 सीट पर ही सिमट गई. इनमें भी खेमाबंदी है, ऐसे में इस बार भाजपा ने निर्दलीय प्रत्याशी मीतू बोथरा के सहारे चुनावी जंग जीतने की रणनीति बनाते हुए मीतू को समर्थन दे दिया है.
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ताजा हालात देखें तो भले ही कांग्रेस 27 सीट लेकर बहुमत से सिर्फ 4 सीटे डोर है, लेकिन भाजपा और निर्दलीय प्रत्याशी की जुगलबंदी सें मुकाबला कांटे का हो गया है. इस बीच निर्दलीय प्रत्याशी मीतू बोथरा उम्मीद लगाए बैठी है कि कांग्रेस के असंतुष्ट पार्षद उनके साथ आ सकते हैं. मीतू बोथरा पहली बार पार्षद चुनाव जीती हैं. उनके पति नवरतन बोथरा पार्षद रह चुके हैं. इस बार भी चुनाव निर्दलीय जीते हैं.
अपने अपने प्रत्याशियों की क्रॉस वोटिंग की सम्भावनाओं से बचने के लिए दोनों पार्टियों के साथ बाकी निर्दलीय पार्षद भी नागौर जिले से बाहर बाड़ाबंदी में हैं. ये सभी पार्षद मतदान के दिन 7 फरवरी को नागौर लौटेंगे. रिटर्निंग अधिकारी नागौर अमित चौधरी ने बताया कि नामांकन दाखिल करने के अंतिम समय तक कुल 3 नामांकन दाखिल किए गए थे. नाम वापसी का अंतिम समय में निर्दलीय पायल गहलोत ने नाम वापस लेने से दो प्रत्याशी मैदान में हैं. अब चुनाव चिन्ह का आवंटन कर दिया है.