नागौर. नागौर और जयपुर जिले की सीमा पर सांभर झील के किनारे बसे गुढ़ा साल्ट नाम के इस छोटे से स्टेशन का नाम अब देश मे रेलवे के नक्शे पर मजबूती से उभरकर सामने आएगा. गुढ़ा साल्ट से ठठाना मिठड़ी तक देश का पहला रेल ट्रायल ट्रैक बन रहा है. इस ट्रैक पर हाई स्पीड और रेगुलर सवारी गाड़ियों के साथ ही मालगाड़ियों का भी ट्रायल किया जाएगा.
नमक उत्पादन और प्रवासी पक्षियों के बसेरे के लिए विश्वभर में अपनी अलग पहचान रखने वाली सांभर झील के खाते में अब एक और उपलब्धि जुड़ने जा रही है. इस झील के किनारे विश्व स्तरीय रेल ट्रायल ट्रैक बन रहा है. जहां 200 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से हाई स्पीड, रेगुलर ट्रेन और मालगाड़ियों का ट्रायल होगा. उम्मीद जताई जा रही है कि इस ट्रैक के निर्माण के बाद देश में ट्रेनों की गति में इजाफा होगा. करीब 35 किमी लंबे इस रेलवे ट्रायल ट्रैक के लिए केंद्र सरकार ने 353 करोड़ रुपए का बजे मुहैया करवाया है.
सांभर झील के किनारे बसे गुढ़ा साल्ट रेलवे स्टेशन से ठठाना मिठड़ी तक करीब 35 किमी लंबा रेलवे ट्रायल ट्रैक बनाने का काम अब एक बार फिर रफ्तार पकड़ने लगा है. यहां शारीरिक दूरी और मास्क संबंधी कोविड गाइडलाइन की पालना करते हुए एक बार फिर काम शुरू हो गया है. हालांकि, लॉकडाउन के दौरान यहां काम बंद पड़ा था. लेकिन अनलॉक की प्रक्रिया के साथ ही यहां रेल ट्रायल ट्रैक के काम ने एक बार फिर रफ्तार पकड़ ली है. बताया जा रहा है कि इस ट्रायल ट्रैक पर हाई स्पीड, रेगुलर ट्रेन और मालगाड़ियां करीब 200 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ेगी.
फिलहाल, देश में ऐसा कोई ट्रायल ट्रैक नहीं है. इसलिए मजबूरी में रेगुलर रेलवे ट्रैक पर ही रेल गाड़ी और मालगाड़ियों के कोच और वैगन का ट्रायल किया जाता है. इस ट्रायल ट्रैक का काम पूरा होने के बाद भारत भी अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, चीन और जापान जैसे विकसित देशों की सूची में शुमार हो जाएगा. जहां रेल के कोच और मालगाड़ियों के वैगन का स्पीड ट्रायल करने के लिए अलग से कोच हो.
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ट्रैक के निर्माण का काम रिसर्च डिजाइन एंड स्टैण्डर्ड ऑर्गनाइजेशन (आरडीएसओ) लखनऊ द्वारा किया जा रहा है. पहले चरण में निर्माण कार्य 2019 में गुढ़ा साल्ट स्टेशन से शुरू हुआ था. जहां 10-12 फीट ऊंचा उर 15 किमी दूरी तक मिट्टी का प्लेटफार्म बनाकर इस पर पांच किमी तक कंक्रीट बिछा दी गई है. बताया जा रहा है कि इस ट्रैक पर 76 छोटे और 9 बड़े पुल बनाए जाएंगे.
सांभर झील के किनारे बनने वाला यह देश का पहला रेल ट्रायल ट्रैक बनने से एक तरफ यहां हवा से बातें करती ट्रेन दौड़ेगी. इसके साथ ही इस क्षेत्र के विकास को भी पंख लगने की उम्मीद है. इस ट्रायल ट्रैक के साथ ही यहां एक आधुनिक लैब की स्थापना भी की जाएगी. इससे आसपास के लोगों के लीड रोजगार के अवसर भी बढ़ने की उम्मीद है.
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बताया जा रहा है कि झील के किनारे पहले मीटर गेज की रेल लाइन थी. जहां साधारण ट्रेनों की आवजाही होती थी. लेकिन अब रेलवे ने इस जगह हाई स्पीड ट्रायल ट्रैक बनाने का काम शुरू किया है. इस प्रोजेक्ट के तहत गुढ़ा साल्ट और ठठाना मिठड़ी में दो स्टेशन बनेंगे. जहां ट्रेनों को अधिकतम 200 किमी प्रति घंटा की स्पीड से दौड़ाकर उनका परीक्षण किया जाएगा. उम्मीद है कि इस ट्रैक पर तेज स्पीड ट्रेनों का परीक्षण होने के बाद सवारी गाड़ियों और मालगाड़ियों की रफ्तार में इजाफा होगा. उम्मीद की जा रही है कि अगले साल यानी 2021 में दिसम्बर तक यह प्रोजेक्ट पूरा हो जाएगा.
देश में अपनी तरह का यह अनूठा प्रोजेक्ट साल 2018-19 की बजट घोषणा का हिस्सा है इसका काम बीते साल शुरू हुआ. इस साल की शुरुआत में कोरोना के चलते लॉकडाउन के कारण इस प्रोजेक्ट की रफ्तार कम हुई थी. लेकिन अब अनलॉक की प्रक्रिया के साथ ही इस प्रोजेक्ट ने एक बार फिर रफ्तार पकड़ ली है. उम्मीद की जा रही है कि अगले साल दिसंबर तक यह प्रोजेक्ट पूरा हो जाएगा. इसके बाद यहां हवा से बातें करती रेल और मालगाड़ियां दौड़ती दिखेंगी.