नागौर. नगर परिषद चुनाव से पहले निकाय में फैले भ्रष्टाचार को खत्म करने और नियमानुसार काम कराने दावे, उम्मीदवारों ने किए थे लेकिन नया बोर्ड बन जाने के बाद भी नियम विरुद्ध कामों का सिलसिला जारी है. इसी कड़ी में बहु मंजिला निर्माण के लिए तय प्रावधानों की नागौर शहर में धज्जियां उड़ाई जा रही है.
बिल्डिंग बायलॉज के तहत इजाजत के अनुरूप शर्तों का कहीं भी पालन दिखाई नहीं दे रहा. बिल्डिंग बायलॉज के नियमों के मुताबिक आम रास्ता जरूरी है, लेकिन ये नियम सिर्फ कागजी साबित हो रहा है. नागौर में जिन इलाकों मे कॉम्पलेक्स बने हैं या बन रहे हैं वहां सड़कें इस कदर तंग है कि आमने सामने होने पर दुपहिया वाहन भी मुश्किल से निकल पाते हैं.
सुलभ सेवाओं, पार्किग, ड्रेनेज, किसी भी आपदा से निपटने के लिए बंदोबस्त कहीं भी नजर नहीं आते. आम शहरी इन समस्याओं को लेकर फिक्रमंद है लेकिन नागौर नगर परिषद प्रशासन को जैसे जनहित से सरोकार ही नहीं. नियम विरुद्ध निर्माण के खिलाफ आवाज उठाने वाले पार्षदों के मुताबिक शहर के विभिन्न इलाकों में नियम कायदों को ताक पर रखकर बनाए गए बहुमंजिला कॉम्पलेक्स नगरपरिषद प्रशासन की बेपरवाही को साफ साफ बयां कर रहे हैं.
शहर के भीतरी इलाके की बसावट वैसे ही संकरेपन की शिकार है. बाजार और व्यवसायिक इलाकों को जोड़ने वाली तंग सड़के अधिकांश भीतरी इलाके के सघन आबादी क्षेत्र से ही गुजर रही है. अब नगर परिषद की ओर से पट्टा और दस्तावेज प्रस्तुत करने कहा गया था. हालांकि बिल्डिंग बायलॉज के उल्लंघन के कई मामले सामने आने के बाद नगर परिषद आयुक्त ने सभी को नोटिस जारी जरूर किए थे लेकिन कार्रवाई नहीं की गई.
नवनियुक्त आयुक्त श्रवण राम चौधरी पदभार ग्रहण के बाद मंगलवार को दरावाड़ी में तंग गलियों में बहुमंजिला आवासीय भवन निर्माण और महेश्वरीनाथ की पोल में भवन निर्माण और काजियों का चौक में बहुमंजिला व्यावसायिक भवन निर्माण के साथ वल्लभ तिराहे स्थित बहुमंजिला कॉमर्शियल इमारत की जांच करनें पहुचें. चर्चा है कि नगर परिषद के कर्मचारियों की मिलीभगत से बहुमंजिला व्यावसायिक भवन निर्माण सम्भव हुआ है. पूर्व में सभी निर्माणकर्ताओं को नोटिस भी जारी हो चुके थे लेकिन किसी ने भी नोटिस का जबाव नहीं दिया. इस बारे में शिकायत मिलने पर जिला कलेक्टर जितेन्द कुमार के सख्त निर्देश के बाद आयुक्त श्रवण राम चौधरी ने मौका निरीक्षण किया. आयुक्त ने बताया कि नगर परिषद कार्यालय के पास भवन निर्माण को लेकर आपत्ति दर्ज कराई गई है.