नागौर. कहीं इलाज तो कहीं ऑक्सीजन के लिए हाहाकार, बीच-बीच में आने वाली मौत की खबरें, श्मशान पर चिताओं की लाइन के बीच हर कोई लाचारी महसूस कर रहा है. पूरे प्रदेश में ऑक्सीजन सिलेंडर के अलावा सप्लाई रेगुलेटर की कमी है, जिसका असर नागौर जिले में भी पड़ा है, लेकिन यहां के जेएलएन अस्पताल के मेल नर्स ने जुगाड़ तकनीक से स्टेथोस्कोप का उपयोग कर एक सिलेंडर से दो मरीजों या चार को ऑक्सीजन सप्लाई करते हुए लोगों की जान बचाने में जुटे हुए हैं.
इतना ही नहीं उनके इस जुगाड़ के चलते अस्पताल में ऑक्सीजन सपोर्ट बेड की संख्या भी दुगुनी हो गई है. नागौर जिले के जेएलएन सहित आठ सीएचसी में ऑक्सीजन सिलेंडर तो उपलब्ध है, लेकिन उनके रेगुलेटर नहीं होने से केवल 180 ऑक्सीजन बेड की ही व्यवस्था है. जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में वर्तमान में 210 कोविड मरीजों का उपचार जारी है, लेकिन गंभीर हालत में मरीजों का लगातार आना जारी था. ऑक्सीजन मिली एवं क्षमता के विपरीत सात अतिरिक्त बेड पर ऑक्सीजन प्राप्त करने वाले गंभीर मरीजों की जान बच गई. जिले में कोरोना बेकाबू हो रहा है. हर गुजरते दिन के साथ हालात खराब हो रहे हैं.
हालांकि शुक्रवार शाम में आई रिपोर्ट में जिले में 121 नए मरीज मिले हैं. वहीं आज भी संक्रमण के कारण 3 मरीजों की मौत हुई है. एक्टिव संक्रमितों की संख्या 1567 तक पहुंच गई है. जिले में अब तक हुए कुल संक्रमितों का आंकड़ा भी 14 हजार 412 तक पहुंच चुका है. अब तक कोरोना के चलते 135 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, तो वहीं 12 हजार 710 लोगों को ठीक होने पर डिस्चार्ज भी किया जा चुका है.
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महामारी रेड अलर्ट-जन अनुशासन पखवाड़े के दौरान नई गाइडलाइन में जारी दिशा-निर्देशों के तहत जिला प्रशासन ने अधिक सख्ती बरतते हुए लापरवाही करने वालों और बिना किसी कारण घूमते पाए गए लोगों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करते हुए डेगाना, मकराना, मेड़ता, डीडवाना, कुचामन, जायल, नावां, परबतसर सहित अन्य स्थानों पर महामारी रेड अलर्ट-जन अनुशासन पखवाड़ा प्रारंभ होने से लेकर अब तक नए प्रोटोकॉल के तहत 766 लोगों को संस्थागत क्वारेंटाइन किया गया है.