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केसीसी लोन को लेकर किसान के साथ फर्जीवाड़ा...किसान ने कलेक्टर से की न्याय की मांग

नागौर के कटिया में केसीसी लोन लेने वाले एक किसान के साथ बैंक कर्मियों के फर्जीवाड़ा का मामला समाने आया है. किसान के द्वारा कर्ज की राशि जमा कराने के बाद भी बैंक कर्मियों ने उसके खाते में पैसा जमा नहीं किया. जिसके बाद बैंक के ओर से नोटिस मिलने पर किसान ने नागौर के उपखंड अधिकारी और जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर मामले के जांच की मांग की है.

farud with farmer in nagaur, नागौर में केसीसी लोन में फर्जीवाड़ा
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Published : Sep 26, 2019, 5:41 AM IST

नागौर. जिले के कटिया में जमीन गिरवी रखकर खेती के लिए केसीसी का लोन लेने वाले किसान के साथ बैंक कर्मचारियों के धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है. जिसके बाद कर्जदार किसान ने नागौर के उपखंड अधिकारी और जिला कलेक्टर दिनेश कुमार यादव को ज्ञापन सौंपकर धोखाधड़ी करने वाले आईसीआईसीआई बैंक के कार्मिकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. वहीं मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग भी की है.

नागौर में किसान के साथ फर्जीवाड़ा

क्या था मामला
बता दें कि कटिया के किसान केलाराम जाट ने आईसीआईसीआई बैंक के नागौर शाखा से किसान क्रेडिट कार्ड पर ऋण लिया था. किसान के लोन चुकाने के बाद नागौर शाखा के बैंक कार्मिकों के ओर से पहले नो ड्यूज सर्टिफिकेट दिया गया. वहीं, बैंक को आधिकारिक रुप से पैसे नहीं मिलने पर आईसीआईसीआई बैंक के धनेरी शाखा के ओर से किसान को नोटिस जारी किया गया. जिसके बाद किसान ने नागौर शाखा के बैंक कर्मियों के दिए गए एनओसी सर्टिफिकेट धनेरी शाखा प्रबंधक को दिखाया. तो आईसीआईसीआई बैंक धनेरी शाखा प्रबंधक ने नो ड्यूज सर्टिफिकेट को फर्जी करार दिया. किसान अब सही एनओसी पाने के लिए बैंक के चक्कर लगा रहा है, तो वहीं आईसीआईसीआई के बैंक से जुड़े कोई भी कार्मिक इस मामले पर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं.

पढ़ेंः अजमेर में समलैंगिक रिश्ते के लिए दो लड़कियां पहुंची थाने, कहा- हम दोनों एक दूजे के बिना नहीं रह सकती...

जानकारी के अनुसार किसान ने 9 सितंबर को कार्मिकों को बैंक में 9 लाख 58 हजार पैसे जमा कराए थे, जिसके बाद बैंक की ओर से 16 सितंबर को किसान को एनओसी दे दी गई थी. लेकिन, किसान के खाते में पैसे ना जमा होने पर आईसीआईसीआई बैंक की अन्य शाखा के द्वारा किसान को केसीसी कर्ज की रकम जमा नहीं कराने पर नोटिस जारी कर दिया. इसपर जब किसान ने नो ड्यूज सर्टिफिकेट दिखाया तो बैंक कर्मचारियों ने इसको फर्जी करार दिया. जिसके बाद परेशान किसान ने 21 सितंबर को नागौर बैंक पहुंचकर कार्मिकों से नो ड्यूज सर्टिफिकेट के बारे में जानकारी ली. तो किसान के खाते में बैंक कार्मिकों ने 7 लाख 70 हजार रुपए जमा करावा देने की जानकारी दी.

पढ़ें : सांस्कृतिक कार्यक्रमों में अब नहीं दिखेंगे प्लास्टिक के झंडे, गृह मंत्रालय ने राज्यों को लिखी चिट्ठी

नागौर के उपखंड अधिकारी दीपांशु सागवान ने बताया कि मामला गंभीर होने के कारण जांच कमेटी का गठन कर लिया गया और मामले की जांच की जा रही है. वहीं जिला कलेक्टर दिनेश कुमार यादव ने बताया कि बैंक कर्मचारियों की लापरवाही देखने को मिली है. नागौर उपखंड अधिकारी पूरे मामले की जांच कर रहे हैं. साथ ही जांच रिपोर्ट आने के बाद संबंधित बैंक के प्रमुख और RBI को भी पत्र लिखा जाएगा.

नागौर. जिले के कटिया में जमीन गिरवी रखकर खेती के लिए केसीसी का लोन लेने वाले किसान के साथ बैंक कर्मचारियों के धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है. जिसके बाद कर्जदार किसान ने नागौर के उपखंड अधिकारी और जिला कलेक्टर दिनेश कुमार यादव को ज्ञापन सौंपकर धोखाधड़ी करने वाले आईसीआईसीआई बैंक के कार्मिकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. वहीं मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग भी की है.

नागौर में किसान के साथ फर्जीवाड़ा

क्या था मामला
बता दें कि कटिया के किसान केलाराम जाट ने आईसीआईसीआई बैंक के नागौर शाखा से किसान क्रेडिट कार्ड पर ऋण लिया था. किसान के लोन चुकाने के बाद नागौर शाखा के बैंक कार्मिकों के ओर से पहले नो ड्यूज सर्टिफिकेट दिया गया. वहीं, बैंक को आधिकारिक रुप से पैसे नहीं मिलने पर आईसीआईसीआई बैंक के धनेरी शाखा के ओर से किसान को नोटिस जारी किया गया. जिसके बाद किसान ने नागौर शाखा के बैंक कर्मियों के दिए गए एनओसी सर्टिफिकेट धनेरी शाखा प्रबंधक को दिखाया. तो आईसीआईसीआई बैंक धनेरी शाखा प्रबंधक ने नो ड्यूज सर्टिफिकेट को फर्जी करार दिया. किसान अब सही एनओसी पाने के लिए बैंक के चक्कर लगा रहा है, तो वहीं आईसीआईसीआई के बैंक से जुड़े कोई भी कार्मिक इस मामले पर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं.

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जानकारी के अनुसार किसान ने 9 सितंबर को कार्मिकों को बैंक में 9 लाख 58 हजार पैसे जमा कराए थे, जिसके बाद बैंक की ओर से 16 सितंबर को किसान को एनओसी दे दी गई थी. लेकिन, किसान के खाते में पैसे ना जमा होने पर आईसीआईसीआई बैंक की अन्य शाखा के द्वारा किसान को केसीसी कर्ज की रकम जमा नहीं कराने पर नोटिस जारी कर दिया. इसपर जब किसान ने नो ड्यूज सर्टिफिकेट दिखाया तो बैंक कर्मचारियों ने इसको फर्जी करार दिया. जिसके बाद परेशान किसान ने 21 सितंबर को नागौर बैंक पहुंचकर कार्मिकों से नो ड्यूज सर्टिफिकेट के बारे में जानकारी ली. तो किसान के खाते में बैंक कार्मिकों ने 7 लाख 70 हजार रुपए जमा करावा देने की जानकारी दी.

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नागौर के उपखंड अधिकारी दीपांशु सागवान ने बताया कि मामला गंभीर होने के कारण जांच कमेटी का गठन कर लिया गया और मामले की जांच की जा रही है. वहीं जिला कलेक्टर दिनेश कुमार यादव ने बताया कि बैंक कर्मचारियों की लापरवाही देखने को मिली है. नागौर उपखंड अधिकारी पूरे मामले की जांच कर रहे हैं. साथ ही जांच रिपोर्ट आने के बाद संबंधित बैंक के प्रमुख और RBI को भी पत्र लिखा जाएगा.

Intro:KCC ME Farjiwada===केसीसी लोन में फर्जीवाड़ा किसान को दी फर्जी एनओसी जमीन अभी भी गिरवी
किसान के लोन के 9 लाख 58 हजार वसूल करके बैंक कार्मिकों ने थमा दी फर्जी NOC जमीन अभी भी गिरवी...

एकर... जमीन गिरवी रखकर खेती के लिए केसीसी का लोन लेने वाले किसान के साथ बैंक कर्मचारियों द्वारा धोखाधड़ी करने का मामला सामने आने पर कर्जदार किसान ने .एसडीएम नागौर .. जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर उच्च स्तरीय जांच की मांग की है


Body:नागौर के सांसद हनुमान बेनीवाल के गृह जिले के रहने वाले कटिया के किसान केलाराम जाट ने किसान क्रेडिट कार्ड पर ऋण लेने के बाद अब किसान के लोन चुकाने के बाद बैंक कार्मिकों द्वारा नो ड्यूज सर्टिफिकेट पहले फर्जी दिए जाने के बाद अब सही NOC पाने के लिए बैंक के चक्कर लगा रहा है ..कर्ज दाता किसान को नो ड्यूज सर्टिफिकेट या क्लोजर लेटर फॉर बैंक द्वारा पूर्व में दिए जाने के बाद अन्य ICICI बैंक शाखा धनेरी प्रबंधक ने नो ड्यूज सर्टिफिकेट को फर्जी करार देने में ICICI बैंक में हड़कंप मच गया ICICI के बैंक से जुड़े कोई भी कार्मिक कुछ भी बोलने से बच रहे हैं... किसान केलाराम जाट ने नागौर के उपखंड अधिकारी और जिला कलेक्टर दिनेश कुमार यादव को ज्ञापन सौंपकर धोखाधड़ी करने वाले ICICI बैंक के कार्मिकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है नागौर के उपखंड अधिकारी दीपांशु सागवान ने बताया कि मामला गंभीर होने के कारण जांच कमेटी का गठन कर लिया गया और मामले की जांच की जा रही है वहीं नागौर के जिला कलेक्टर दिनेश कुमार यादव ने बताया कि बैंक कर्मचारियों की लापरवाही देखने को मिली है नागौर उपखंड अधिकारी पूरे मामले की जांच कर रहे हैं और जांच रिपोर्ट आने के बाद संबंधित बैंक के प्रमुख ..RBI को लिखा जाएगा, मामले का पता चला कि किले की ढाल बैंक में किसान ने 9 सितंबर को कार्मिकों को बैंक में पैसे जमा कराएं और 16 सितंबर को बैंक जाने के बाद बैक में उसे NOC दी ओर तहसीलदार को देने को कहा ..किसान ने तहसीलदार खिवसर को नोट लगाने के बाद फिर हल्का पटवारी से आगे की कार्रवाई शुरू करने को noc दे दी लेकिन 10 दिनों के भीतर icici बैंक की अन्य शाखा के कर्मचारी किसान के खेत पर पहुंचकर kcc के 9 लाख 58 हजार अब तक नहीं जमा कराने के बारे में नोटिस देकर शीघ्र बैंक पहुंचने को कहा लेकिन किसान ने नो ड्यूज सर्टिफिकेट दिखाने के बाद बैंक कर्मचारियों ने फर्जी करार दिया ..परेशान किसान ने 21 सितंबर को नागौर बैंक पहुंचकर कार्मिकों से नो ड्यूज सर्टिफिकेट के बारे में जानकारी ली तो ..आखिरकार किसान के खाते में बैंक कार्मिकों ने ₹7लाख 70 हजार जमा करावा दिया.. आखिरकार परेशान किसान ने नागौर उपखंड अधिकारी और जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा...


Conclusion:केसीसी के नाम पर किसानों के साथ हो रही धोखाधड़ी का यह कोई पहला मामला नहीं है लेकिन चौंकाने वाला मामला इसलिए क्योंकि नो ड्यूज सर्टिफिकेट इस बार फर्जी दिया गया जिससे बैंक में हड़कंप मचा हुआ है

बाईट 01 केलाराम पीड़ित किसान

बाईट 02 दिनेश कुमार यादव जिला कलेक्टर नागौर
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