नागौर. जिले के कटिया में जमीन गिरवी रखकर खेती के लिए केसीसी का लोन लेने वाले किसान के साथ बैंक कर्मचारियों के धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है. जिसके बाद कर्जदार किसान ने नागौर के उपखंड अधिकारी और जिला कलेक्टर दिनेश कुमार यादव को ज्ञापन सौंपकर धोखाधड़ी करने वाले आईसीआईसीआई बैंक के कार्मिकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. वहीं मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग भी की है.
क्या था मामला
बता दें कि कटिया के किसान केलाराम जाट ने आईसीआईसीआई बैंक के नागौर शाखा से किसान क्रेडिट कार्ड पर ऋण लिया था. किसान के लोन चुकाने के बाद नागौर शाखा के बैंक कार्मिकों के ओर से पहले नो ड्यूज सर्टिफिकेट दिया गया. वहीं, बैंक को आधिकारिक रुप से पैसे नहीं मिलने पर आईसीआईसीआई बैंक के धनेरी शाखा के ओर से किसान को नोटिस जारी किया गया. जिसके बाद किसान ने नागौर शाखा के बैंक कर्मियों के दिए गए एनओसी सर्टिफिकेट धनेरी शाखा प्रबंधक को दिखाया. तो आईसीआईसीआई बैंक धनेरी शाखा प्रबंधक ने नो ड्यूज सर्टिफिकेट को फर्जी करार दिया. किसान अब सही एनओसी पाने के लिए बैंक के चक्कर लगा रहा है, तो वहीं आईसीआईसीआई के बैंक से जुड़े कोई भी कार्मिक इस मामले पर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं.
जानकारी के अनुसार किसान ने 9 सितंबर को कार्मिकों को बैंक में 9 लाख 58 हजार पैसे जमा कराए थे, जिसके बाद बैंक की ओर से 16 सितंबर को किसान को एनओसी दे दी गई थी. लेकिन, किसान के खाते में पैसे ना जमा होने पर आईसीआईसीआई बैंक की अन्य शाखा के द्वारा किसान को केसीसी कर्ज की रकम जमा नहीं कराने पर नोटिस जारी कर दिया. इसपर जब किसान ने नो ड्यूज सर्टिफिकेट दिखाया तो बैंक कर्मचारियों ने इसको फर्जी करार दिया. जिसके बाद परेशान किसान ने 21 सितंबर को नागौर बैंक पहुंचकर कार्मिकों से नो ड्यूज सर्टिफिकेट के बारे में जानकारी ली. तो किसान के खाते में बैंक कार्मिकों ने 7 लाख 70 हजार रुपए जमा करावा देने की जानकारी दी.
पढ़ें : सांस्कृतिक कार्यक्रमों में अब नहीं दिखेंगे प्लास्टिक के झंडे, गृह मंत्रालय ने राज्यों को लिखी चिट्ठी
नागौर के उपखंड अधिकारी दीपांशु सागवान ने बताया कि मामला गंभीर होने के कारण जांच कमेटी का गठन कर लिया गया और मामले की जांच की जा रही है. वहीं जिला कलेक्टर दिनेश कुमार यादव ने बताया कि बैंक कर्मचारियों की लापरवाही देखने को मिली है. नागौर उपखंड अधिकारी पूरे मामले की जांच कर रहे हैं. साथ ही जांच रिपोर्ट आने के बाद संबंधित बैंक के प्रमुख और RBI को भी पत्र लिखा जाएगा.