नागौर. जिले में 43 दिन के अंदर कई स्थानों पर छोटे-मोटे टिड्डियों के 93 दल अब तक पड़ाव कर चुके हैं. नागौर कृषि विभाग और टिड्डी चेतावनी संगठन ने 19 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में टिड्डियों को नियंत्रण करने का कार्य कर चुका है. आने वाले दिनों में टिड्डियों की संख्या को देखते हुए अब ड्रोन कैमरे और माउंटेड स्प्रेयर भी नागौर पहुंच चुका है. टिड्डियों का प्रकोप बहुत बड़े पैमाने पर होने वाला है, यह स्पष्ट चेतावनी दी गई है.
कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे के बीच नागौर के लिए टिड्डी के रूप में नई मुसीबत खड़ी हो गई है. जिले की 10 उपखंड मुख्यालय पर टिड्डियों के 93 छोटे बड़े स्थानों पर टिड्डियों के पड़ाव पर 36 हजार 325 हेक्टेयर में टिड्डियों के दलों का प्रकोप से प्रभावित रहा था. नागौर कृषि विभाग द्वारा 8 हजार 623 हेक्टेयर और टिड्डी चेतावनी संगठन द्वारा एक हजार 465 हेक्टेयर पर टिड्डियों को क्लोरोपरीफॉस EC लेमडा का छिड़काव करके नियंत्रण किया गया है.
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नागौर कृषि विभाग के उपनिदेशक हरजीराम ने जानकारी देते हुए बताया कि कृषि विभाग ने टिड्डी नियंत्रण कार्य हेतु 831 लीटर क्लोरोपरीफॉस, 20 प्रतिशत EC, 291 लीटर क्लोरोपरीफॉस 50 प्रतिशत, EC 2064 लीटर, लेम्डा 5 प्रतिशत और EC दवा का छिड़काव करके टिड्डियों के दलों पर नियंत्रण किया गया. कीटनाशकों की गुणवत्ता सुनिश्चित कराने हेतु बेंच वार नमूने लेकर विश्लेषण के लिए भेजवाने की कार्रवाई भी की गई है. नागौर में कृषि विभाग द्वारा 43 दिन में 1 हजार 749 किसानों के खेतों पर 4 हजार 310 हेक्टेयर क्षेत्र में और 4 हजार 313 हेक्टेयर अकृषि क्षेत्र में टिड्डियों के दल पर नियंत्रण कार्य किया गया है.
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अब प्रत्येक गांव में किसान को जागरूक करने के बाद कृषि विभाग की तहसील वार तीन टीमों के गठन के बाद टिड्डियों के खात्मे के लिए 20 केमिकल स्प्रे की पहली खेप नागौर पहुंच चुकी है. कृषि विभाग की टीम टिड्डियों को ट्रेस करते हुए कीटनाशक का छिड़काव कर उन्हें नष्ट करेगी. टिड्डियों के प्रकोप बहुत बड़े पैमाने पर होने वाला है, यह स्पष्ट चेतावनी दी गई है. नागौर में टिड्डियों के नियंत्रण कार्य के लिए कीटनाशक की निर्धारित मात्रा केंद्र सरकार द्वारा टिड्डी नियंत्रण हेतु अधिसूचित कीटनाशक रसायन और उपयोग की अनुशंसा अनुसार काम में ली जा रही है.